Table of Contents
Finland भारतियों को पर्मानेंट रेसिडेंसी
आजकल पूरी दुनिया में जनसंख्या का असंतुलन (ageing population) और कामगारों की कमी (labour shortage) बड़ी चुनौती बन चुकी है। ख़ासतौर पर यूरोप के कई मुल्क़ों में बुज़ुर्गों की तादाद बढ़ रही है, लेकिन नौजवान कामगार कम होते जा रहे हैं। नतीजा ये है कि वहाँ की सरकारें अब दूसरे देशों से टैलेंटेड लोगों को बुलाने पर ज़ोर दे रही हैं।

इसी सिलसिले में फिनलैंड ने भी अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी में बड़े बदलाव किए हैं। अब भारत से जाने वाले स्टूडेंट्स, प्रोफेशनल्स और स्किल्ड वर्कर्स के लिए वहाँ पर्मानेंट रेसिडेंसी (Permanent Residence – PR) पाने के रास्ते आसान किए जा रहे हैं।
तो आइए इस पूरे मसले को आसान लफ़्ज़ों में समझते हैं – आखिर ये मौक़े क्या हैं, शर्तें कौन-सी हैं, क्या फायदे होंगे और किन चुनौतियों के लिए आपको पहले से तैयार रहना चाहिए।
Finland क्यों बुला रहा है भारतीय टैलेंट?
Finland एक छोटा लेकिन बेहद विकसित मुल्क़ है। वहाँ की आबादी करीब 55 लाख के आसपास है, लेकिन बुज़ुर्गों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। वहाँ कंपनियों को आईटी, हेल्थकेयर, इंजीनियरिंग और रिसर्च जैसे सेक्टरों में नौजवान स्किल्ड लोगों की ज़रूरत है।
लोकल नौजवान बड़ी तादाद में दूसरे यूरोपीय मुल्क़ों की ओर निकल जाते हैं, जिसकी वजह से वर्कफोर्स में कमी और बढ़ जाती है। भारत जैसे मुल्क़ों से पढ़े-लिखे, अंग्रेज़ी बोलने वाले और मेहनती लोगों को वहाँ बेहद क़ीमती एसेट माना जाता है।
पर्मानेंट रेसिडेंसी (PR) के मौक़े
Finland ने साफ़ कहा है कि अगर कोई विदेशी लंबे वक़्त तक वहाँ रहकर काम करता है, टैक्स देता है और समाज में घुल-मिलकर रहता है, तो उसे पर्मानेंट रेसिडेंसी दी जाएगी।
भारतीयों के लिए मौक़े कुछ इस तरह हैं:
स्टूडेंट्स के लिए रास्ता अगर आप फिनलैंड में पढ़ाई करने जाते हैं, तो पढ़ाई ख़त्म होने के बाद आपको जॉब ढूँढने का टाइम मिलता है। जॉब मिल जाने के बाद वर्क परमिट आसानी से PR की तरफ़ रास्ता खोल देता है।
वर्क वीज़ा से PR
स्किल्ड प्रोफेशनल्स – जैसे आईटी इंजीनियर, नर्स, डॉक्टर, मशीन ऑपरेटर, साइंटिस्ट – इन सबको वहाँ जल्दी नौकरी मिल सकती है। एक तय समय तक (जैसे 4 साल लगातार रहने और काम करने पर) आप PR के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
स्टार्टअप और इनोवेशन वीज़ा
अगर आप बिज़नेस आइडिया लेकर जाते हैं और वो सफल साबित होता है, तो फिनलैंड आपको लंबी अवधि का रेज़िडेंसी और फिर PR देने के लिए तैयार है।
PR के लिए ज़रूरी शर्तें
आपको वहाँ कानूनी तौर पर लगातार कुछ साल रहना होगा (आमतौर पर 4 साल)। आपके पास स्टेबल जॉब या बिज़नेस होना चाहिए। अपराध मुक्त रिकॉर्ड होना ज़रूरी है थोड़ी-बहुत फिनिश या स्वीडिश भाषा जानना एक प्लस पॉइंट है। और सबसे अहम, आपको यह साबित करना होगा कि आप फिनलैंड की सोसाइटी में इंटीग्रेट (घुल-मिल) हो चुके हैं।
भारतीयों के लिए तैयारी
अगर आप सच में Finland जाकर PR लेने का सपना देखते हैं, तो ये तैयारी अभी से शुरू कर दें: भाषा सीखें: फिनिश भाषा मुश्किल है, लेकिन बेसिक लेवल सीखने से नौकरी और PR दोनों आसान हो जाएंगे। क्वालिफिकेशन मजबूत करें: आईटी, मेडिकल, इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रिसर्च – इन सेक्टरों में डिमांड ज़्यादा है।
डॉक्यूमेंट्स तैयार रखें: पासपोर्ट, डिग्री, वर्क एक्सपीरियंस, रेफरेंस लेटर – सब कुछ अपडेटेड होना चाहिए। नेटवर्किंग करें: पहले से वहाँ काम कर रहे भारतीयों या स्टूडेंट्स से जुड़ें, ताकि आपको ग्राउंड रियलिटी पता चल सके।
Finland क्या पेशकश कर रहा है
स्थायी निवास की अनुमति (Permanent Residence Permit)
अब बात करते हैं उस सबसे बड़े फ़ायदे की, जिसे हर शख़्स पाना चाहता है – यानी पर्मानेंट रेसिडेंसी (Permanent Residence Permit)। अगर कोई भारतीय या विदेशी फिनलैंड में यह PR हासिल कर लेता है, तो समझिए उसकी ज़िंदगी लगभग सेट हो गई।
PR मिलने के बाद आप:
Finland में बिना किसी समय सीमा के रह सकते हैं। आराम से किसी भी कंपनी में नौकरी कर सकते हैं या खुद का बिज़नेस शुरू कर सकते हैं। सरकार की तरफ़ से मिलने वाली तमाम सुविधाओं और वेलफेयर स्कीम्स का फायदा उठा सकते हैं। और सबसे बड़ी बात – आप अपने परिवार के सदस्यों को भी स्पॉन्सर करके वहाँ बुला सकते हैं, ताकि सब लोग मिल-जुलकर सुकून की ज़िंदगी बिता सकें।
छूट और सुधार (Relaxations & Reforms)
Finland सरकार ने हाल ही में कुछ बेहतरीन सुधार किए हैं, जो भारतीयों के लिए बड़ी खुशख़बरी से कम नहीं। स्टूडेंट्स के लिए आसानी: पहले ऐसा होता था कि पढ़ाई पूरी करने के बाद स्टूडेंट्स को तुरंत जॉब तलाशनी पड़ती थी, वरना वीज़ा एक्सपायर हो जाता था। अब सरकार ने नियमों में ढील दी है। यानी अब स्टूडेंट्स को पढ़ाई के बाद अच्छा-ख़ासा टाइम मिलेगा कि वे आराम से नौकरी ढूँढ सकें और वर्क परमिट ले सकें।
इसका सीधा मतलब यह है कि भारत से आने वाले स्टूडेंट्स पढ़ाई के साथ-साथ अपना करियर भी वहाँ बना सकते हैं, और जल्दी-जल्दी बैग पैक करके वापस लौटने की टेंशन कम हो जाएगी।
शिक्षा व्यवस्था में बदलाव (Changes in Education Rules)
एक और अहम सुधार यह है कि अब फिनलैंड की सरकार भाषा के मामले में भी लचीली (flexible) हो रही है। पहले कई नौकरियों और कोर्सेज़ के लिए फिनिश या स्वीडिश भाषा आना अनिवार्य माना जाता था। लेकिन अब ये ज़रूरी शर्त कई मामलों में हल्की कर दी गई है। मतलब अगर आप इन भाषाओं को नहीं भी जानते, तो भी आपको पढ़ाई और नौकरी के मौके मिल सकते हैं।
इतना ज़रूर है कि अगर आप थोड़ी-बहुत फिनिश या स्वीडिश सीख लें, तो यह आपके लिए एक एक्स्ट्रा प्लस पॉइंट साबित होगा। लोकल लोगों से जुड़ने, सोसाइटी में घुलने-मिलने और सरकारी कामकाज में आसानी के लिए भाषा आना हमेशा फ़ायदे का सौदा है।
Finland में पर्मानेंट रेसिडेंसी पाने की अहम शर्तें
Finland में पर्मानेंट रेसिडेंसी (PR) लेना कोई छोटा-मोटा काम नहीं है। इसके लिए कुछ ख़ास शर्तें और क़ानूनी नियम बनाए गए हैं। ये नियम समय और हालात के हिसाब से थोड़े बदल भी सकते हैं, लेकिन अभी की स्थिति के मुताबिक़ भारतीयों के लिए मुख्य शर्तें कुछ इस तरह हैं:
निरंतर निवास (Continuous Residence Permit – Type A)
सबसे पहली शर्त है कि आपको Finland में लगातार रहना होगा, और वह भी A-टाइप निवास परमिट (Residence Permit Type A) के तहत। अभी तक यह अवधि 4 साल की थी। लेकिन जनवरी 2026 से यह समय बढ़ाकर 6 साल कर दिया जाएगा। यानी, अगर आप फिनलैंड जाकर वहाँ बसना चाहते हैं, तो आपको कम से कम 6 साल तक वहीं रहना पड़ेगा। यह सिर्फ़ नाम के लिए रहना नहीं, बल्कि बाक़ायदा असलियत में वहाँ मौजूद होना ज़रूरी है।
देश में वास्तविक उपस्थिति (Physical Presence)
Finland सरकार सिर्फ़ काग़ज़ी निवास मानने वाली नहीं है। आपको इस पूरे समय में से कम से कम 2 साल Finland में वाक़ई रहना होगा। मतलब सिर्फ़ नाम के लिए रेज़िडेंसी लेकर बाहर घूमने से काम नहीं चलेगा। सरकार यह देखना चाहती है कि आप सच में उनकी सोसाइटी और कल्चर का हिस्सा बन रहे हैं या नहीं।
स्वच्छ आपराधिक रिकॉर्ड (Clean Criminal Record)
यह तो हर देश की बुनियादी शर्त होती है। आपके खिलाफ़ कोई गंभीर अपराध, केस या क्रिमिनल एक्टिविटी का रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए। जब आप PR के लिए अप्लाई करेंगे तो आपका Background Check ज़रूर होगा। अगर कोई आपराधिक रिकॉर्ड निकल आया तो अप्लिकेशन तुरंत खारिज हो सकती है।
अन्य आवश्यकताएँ (Additional Criteria)
अब आते हैं उन शर्तों पर जो आपको और मज़बूत उम्मीदवार बनाती हैं। PR के लिए अप्लाई करते समय इनमें से कम से कम एक शर्त पूरी करनी होगी: आपकी वार्षिक आय (Annual Income) लगभग €40,000 i.e. 41,42,800.00 Indian Rupee हो। या आपके पास कोई पोस्टग्रेजुएट / मास्टर्स डिग्री हो जो फिनलैंड में मान्यता प्राप्त हो, साथ ही कम से कम 2 साल का वर्क एक्सपीरियंस हो। या फिर आपको फ़िनिश या स्वीडिश भाषा में उन्नत स्तर (C1 लेवल) की दक्षता हो और साथ में 3 साल का कार्य अनुभव हो।
आवेदन का स्थान और समय (Application Process)
यह भी बहुत ज़रूरी है कि आप PR का आवेदन फिनलैंड के अंदर रहते हुए ही करें। यानी आप बाहर से अप्लाई नहीं कर सकते, बल्कि आपको Finland में मौजूद होना होगा आवेदन करते वक़्त फीस और सारे काग़ज़ात समय पर जमा करने होंगे।
आय और वित्तीय स्थिति (Income & Financial Stability)
सरकार यह देखना चाहती है कि आप वहाँ जाकर खुद का ख़र्च उठाने में सक्षम हैं, न कि सरकारी मदद पर पूरी तरह निर्भर। इसलिए आपके पास न्यूनतम मासिक या वार्षिक आय होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर, काम-आधारित निवास अनुमति (Work-based Residence Permit) के लिए अब मासिक न्यूनतम आय की सीमा लगभग €1,600 I.e. 1,65,712 Indian Rupee प्रति माह तय कर दी गई है। इससे यह साबित होता है कि आप खुद को और अपने परिवार को संभाल सकते हैं, और समाज पर बोझ नहीं बनेंगे।
भारत से Finland की PR के लिए आम प्रक्रिया
अगर आप भारत से फिनलैंड जाकर पर्मानेंट रेसिडेंसी (Permanent Residence) लेना चाहते हैं, तो आपको एक तयशुदा प्रोसेस से गुजरना होगा। यह कोई एक-दो दिन का काम नहीं है, बल्कि स्टेप-बाय-स्टेप सफ़र है। आइए आसान लफ़्ज़ों में इस पूरी प्रक्रिया को समझते हैं:
सबसे पहले – शर्तों की जाँच करें
PR के लिए अप्लाई करने से पहले यह देखना ज़रूरी है कि आप योग्य हैं या नहीं। यानी: आप कितने साल से A-टाइप परमिट (Residence Permit Type A) पर रह रहे हैं। आपने फिनलैंड में कुल कितने साल गुज़ारे हैं। आपकी भाषा की दक्षता (फ़िनिश या स्वीडिश) कैसी है। आपकी शिक्षा और डिग्री फिनलैंड में मान्यता प्राप्त है या नहीं। और आपकी आय (Income) कितनी है, क्या वह सरकार की तयशुदा सीमा को पूरा करती है। यह सब जाँचकर ही आगे बढ़ना समझदारी है।
ज़रूरी दस्तावेज़ तैयार करें
PR के लिए आवेदन करने के लिए काग़ज़ात पूरे और सही-सही होना बेहद अहम है। आम तौर पर आपको ये दस्तावेज़ चाहिए होंगे:
पासपोर्ट और पहचान पत्र
आपका निवास परमिट (Residence Permit) का पुराना डॉक्यूमेंट आय के सबूत – जैसे सैलरी स्लिप्स, बैंक स्टेटमेंट्स शिक्षा प्रमाण पत्र – डिग्री या डिप्लोमा अगर ज़रूरत हो तो भाषा प्रमाण पत्र (फ़िनिश या स्वीडिश) इसके अलावा निवास प्रमाण, मकान का ऐड्रेस, और फिनलैंड में आपके रहने का पूरा विवरण याद रखिए, फिनलैंड की इमिग्रेशन सर्विस (Migri) काग़ज़ात को बहुत बारीकी से चेक करती है।
आवेदन शुल्क (Application Fee) जमा करें
PR के लिए आवेदन करने पर फीस भी देनी होती है। अगर आप ऑनलाइन आवेदन करते हैं (Enter Finland पोर्टल से), तो फीस लगभग €240 i.e. 24,856.80 Indian Rupee है। अगर आप पेपर आवेदन करते हैं, तो फीस थोड़ी ज़्यादा यानी लगभग €350 i.e. 36,249.50 Indian Rupee पड़ती है। नाबालिग (18 साल से कम उम्र वालों) के लिए फीस थोड़ी कम रखी गई है।
आवेदन जमा करना
अब बारी आती है आवेदन जमा करने की। आप अपना PR आवेदन सीधे फिनलैंड की इमिग्रेशन सर्विस (Migri) या उनके ऑनलाइन पोर्टल Enter Finland के ज़रिए जमा कर सकते हैं। ऑनलाइन प्रोसेस ज़्यादा आसान और सस्ता है, इसलिए ज़्यादातर लोग वही चुनते हैं।
बायोमेट्रिक्स और पहचान सत्यापन
जब आप आवेदन जमा कर देंगे, उसके बाद आपका बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट, फोटो वगैरह) लिया जाएगा। इसके अलावा आपकी पहचान और बैकग्राउंड की पूरी जाँच होगी। सरकार यह देखना चाहती है कि आपके सभी डॉक्यूमेंट्स असली हैं और आप किसी ग़लत गतिविधि में शामिल नहीं हैं।
स्वीकृति मिलने पर PR कार्ड प्राप्त करना
अगर आपका आवेदन सफल हो जाता है, तो आपको Permanent Residence Card मिल जाएगा। यह कार्ड आपके लिए सोने पर सुहागा जैसा होगा। इसकी मदद से आप फिनलैंड में अनिश्चित समय तक रह सकते हैं, काम कर सकते हैं, पढ़ाई कर सकते हैं और सरकारी सुविधाओं का पूरा लाभ उठा सकते हैं। साथ ही, आप अपने परिवार को भी वहाँ बुलाने के लिए स्पॉन्सर कर सकते हैं।
Finland में रहने के फायदे और नुकसान
फिनलैंड में अगर कोई भारतीय पर्मानेंट रेसिडेंसी (PR) हासिल कर लेता है, तो उसकी ज़िंदगी में बहुत बड़े बदलाव आते हैं। यह एक ऐसा मौका है जो किसी भी परिवार को स्थिरता, सुरक्षा और तरक़्क़ी की ओर ले जा सकता है। लेकिन जैसा कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, यहाँ भी फायदे के साथ कुछ मुश्किलें और चुनौतियाँ मौजूद हैं। आइए इन्हें आसान लफ़्ज़ों में समझते हैं।
Finland में रहने के फायदे (Benefits)
बिना समय सीमा रहने और काम करने की आज़ादी
PR मिल जाने के बाद आपको बार-बार वीज़ा या परमिट रिन्यू कराने की टेंशन नहीं रहेगी। आप फिनलैंड में बिना किसी अवधि की सीमा के रह सकते हैं और आराम से किसी भी कंपनी में नौकरी कर सकते हैं या अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं।
बच्चों की शिक्षा और पढ़ाई के बेहतर मौक़े
अगर आप अपने परिवार और बच्चों को साथ ले जाना चाहते हैं, तो उनके लिए फिनलैंड की उच्च-स्तरीय शिक्षा प्रणाली उपलब्ध होगी। स्कूल और यूनिवर्सिटी की क्वालिटी विश्व-स्तर की मानी जाती है। इससे बच्चों का भविष्य और भी मज़बूत होगा।
आर्थिक और सामाजिक स्थिरता
PR धारक होने के नाते आपको सरकार की तरफ़ से मिलने वाली कई सुविधाएँ मिलती हैं, जैसे:
हेल्थकेयर (स्वास्थ्य सेवाएँ)
पेंशन और सामाजिक सुरक्षा (Social Security) वेलफेयर स्कीम्स इससे आपकी आर्थिक स्थिति और जीवन का स्तर दोनों स्थिर हो जाते हैं।
यूरोप में आसानी से यात्रा
फिनलैंड Schengen Area का हिस्सा है। यानी अगर आपके पास फिनलैंड की PR है, तो आप आराम से दूसरे Schengen देशों में यात्रा कर सकते हैं। बिज़नेस, पढ़ाई, जॉब इंटरव्यू या घूमने-फिरने – सब कुछ आसान हो जाता है।
अच्छा और सुरक्षित जीवन स्तर
फिनलैंड को अक्सर “दुनिया का सबसे खुशहाल देश” कहा जाता है। यहाँ का माहौल साफ़-सुथरा और pollution-free है। क्राइम रेट बेहद कम है, यानी परिवार के लिए पूरी सुरक्षा। बच्चों के लिए बेहतर एजुकेशन और हेल्थ की सुविधाएँ। वर्क-लाइफ़ बैलेंस और सामाजिक सहूलियतें ज़िंदगी को और भी आरामदेह बना देती हैं।
Finland में रहने के नुकसान
भाषा की मुश्किल (Language Barrier)
फिनलैंड में अंग्रेज़ी से काम तो चल जाता है, लेकिन अगर आप फ़िनिश या स्वीडिश भाषा जानते हैं तो आपके लिए नौकरी पाना, सरकारी काग़ज़ी काम करना और लोकल लोगों से दोस्ती करना बहुत आसान हो जाता है। भाषा की कमी आपको कई जगह रोक सकती है।
महँगा जीवन यापन (High Cost of Living)
फिनलैंड में रहना सस्ता नहीं है। मकान का किराया खाने-पीने का सामान बिजली-पानी और ट्रांसपोर्ट ये सब चीज़ें भारत की तुलना में काफ़ी महँगी हैं। PR मिलने के बाद जब आप स्थायी रूप से वहाँ रहेंगे, तो इन खर्चों के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
नियमों में बदलाव
फिनलैंड की इमिग्रेशन पॉलिसी समय-समय पर बदलती रहती है। जैसे 2026 से निरंतर निवास की अवधि 4 साल से बढ़ाकर 6 साल करने की योजना है। इसका मतलब यह हुआ कि जो लोग जल्दी PR चाहते हैं, उन्हें इन बदलावों का ध्यान रखना होगा।
बेरोज़गारी की स्थिति (Job Seeker Period)
अगर किसी वजह से आपकी नौकरी छूट जाती है, तो PR के बावजूद आपको तुरंत नई नौकरी ढूँढनी होगी। कुछ कैटेगरीज़ में जॉब-सीकर अवधि सिर्फ़ 3 महीने होती है। यानी लंबा गैप लेकर बैठना मुश्किल हो सकता है।
आर्थिक शर्तें और रिजेक्शन का डर
फिनलैंड की सरकार यह देखती है कि आपकी आय पर्याप्त है या नहीं। अगर आपकी आय तय सीमा (जैसे €1,600 I.e. 1,65,712 Indian Rupee प्रति माह) से कम है, या आपकी डिग्री/अनुभव मानक के अनुसार नहीं है, तो आपका आवेदन आसानी से रिजेक्ट भी हो सकता है।
Finland को इसकी ज़रूरत क्यों?
आज के दौर में कई यूरोपीय देशों को मज़बूरी और ज़रूरत दोनों ही वजहों से अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी में बड़े बदलाव करने पड़ रहे हैं। फिनलैंड इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। अब सवाल ये है कि ऐसा क्यों हो रहा है? आइए, आसान लफ़्ज़ों में समझते हैं।
आबादी का बूढ़ा होना (Ageing Population)
फिनलैंड समेत ज़्यादातर यूरोपीय देशों में आबादी तेज़ी से बूढ़ी हो रही है। यानी बुज़ुर्गों की तादाद बढ़ती जा रही है और नौजवानों की संख्या घट रही है। कम नौजवान होंगे तो काम करने वालों की तादाद भी कम हो जाएगी। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था और रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करना मुश्किल हो जाता है। इसी कमी को पूरा करने के लिए, फिनलैंड को विदेश से नौजवान और काबिल लोगों की ज़रूरत है। भारत जैसे देशों से आने वाले professionals इस गैप को भर सकते हैं।
कामगारों की भारी ज़रूरत (Labour Force Shortage)
फिनलैंड में कई सेक्टर ऐसे हैं जहाँ कुशल श्रमिक (skilled workers) की बहुत बड़ी कमी है। हेल्थकेयर और नर्सिंग: बुज़ुर्गों की देखभाल करने के लिए नर्स और हेल्थ स्टाफ चाहिए। आईटी और टेक्नोलॉजी: ICT, IT professionals और इंजीनियरों की मांग बहुत ज़्यादा है। निर्माण और इंडस्ट्रियल काम: बिल्डिंग, कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मज़बूत workforce चाहिए।
भारतीय पेशेवर इन क्षेत्रों में पहले से ही काफ़ी अच्छे साबित हुए हैं। इसलिए फिनलैंड इन्हें आकर्षित करने के लिए दरवाज़े खोल रहा है।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा (Global Competition)
आज हर देश चाहता है कि उसके पास बेहतरीन टैलेंट (talent) आए। यूरोप के बाकी देश जैसे जर्मनी, नीदरलैंड, स्वीडन वग़ैरह पहले ही skilled migrants को अपनी तरफ़ बुला रहे हैं। ऐसे में अगर फिनलैंड पीछे रह गया तो वहाँ की innovation और economy पर असर पड़ेगा।
इसीलिए फिनलैंड अब भारत जैसे देशों के professionals और students को लुभाना चाहता है। ताकि नया investment आए, नई technology और research को boost मिले, और पूरा देश economic growth की रफ़्तार पकड़ सके।
यह भी पढ़ें –
Delhi High Court Bomb Threat 2025: क्या हुआ, कैसे हुआ जानें पूरी बात
Disha Pathani के Bareilly घर पर Firing 2025: भय, विवाद और Security का Challenge