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Kantara Chapter 1 बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन the Beginning of Prestige

Kantara Chapter 1 बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन the Beginning of Prestige

Kantara Chapter 1 की वापसी और प्रेस्टीज का आगाज

“Kantara Chapter 1” — ये नाम तो पहले ही लोगों के दिलों में एक खास जगह बना चुका था। 2022 में आई कांतारा ने जो जादू चलाया था, उसके बाद इसके प्रीक्वल से लोगों की उम्मीदें आसमान पर थीं। और हुआ भी वही जब ये नई फिल्म रिलीज़ हुई, तो पहले ही चार दिनों में बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया।

लोगों की उम्मीदें अब सिर्फ उम्मीदें नहीं रहीं, बल्कि एक हक़ीक़त में बदल गईं ये साफ़ हो गया कि ये फिल्म सिर्फ़ एक ज़ुबान या एक इलाक़े तक सीमित नहीं है, बल्कि एक पैन-इंडिया सनसनी बन चुकी है।

हर सीन, हर फ्रेम में जो जोश और जज़्बा दिखा, उसने साबित कर दिया कि कहानी अगर दिल से कही जाए, तो वह हर दिल तक पहुँचती है चाहे वो दिल्ली हो या बेंगलुरु, मुंबई हो या कोच्चि।

अब सवाल ये उठता है आख़िर ये Kantara Chapter 1 कितनी बड़ी कमाई कर रही है? किन वजहों से इसे इतनी कामयाबी मिली? और आने वाले दिनों में इसके आगे क्या मुमकिन है? चलिए, इस सफ़र की कहानी ज़रा तफ़सील से समझते हैं।

दिन–दिन की कमाई: संख्या बोलती हैं

नीचे दिए गए आंकड़े अलग-अलग रिपोर्ट्स और Box Office सोर्स से लिए गए हैं, जो साफ़ बताते हैं कि Kantara Chapter 1 ने किस तरह चार दिनों में सिनेमा जगत में तहलका मचा दिया

पहला दिन: Kantara Chapter 1 ने अपने ओपनिंग डे पर ही लगभग ₹61.85 करोड़ कमा लिए। ये आंकड़ा बताता है कि फिल्म के लिए दर्शकों का जुनून किस कदर था। इतनी बड़ी ओपनिंग सिर्फ़ एक सुपरहिट फिल्म को ही मिलती है और यहाँ तो कमाल ये हुआ कि ये फिल्म एक साथ कई भाषाओं में रिलीज़ हुई, जिससे इसका असर हर कोने में फैल गया।

दूसरा दिन: दूसरे दिन कमाई में हल्की सी गिरावट ज़रूर आई, लेकिन Kantara Chapter 1 ने अब भी लगभग ₹54.4 करोड़ का ज़बरदस्त बिज़नेस किया। ये दिखाता है कि पहले दिन का जोश महज़ हाइप नहीं था, बल्कि लोगों की दिलचस्पी असली थी। लोग थिएटर से निकलकर दूसरों को बता रहे थे “भाई, ज़रूर देखनी चाहिए!”

तीसरा दिन: रविवार का दिन जैसे Kantara Chapter 1 के लिए किसी ईद से कम नहीं रहा। उस दिन कमाई फिर से बढ़कर ₹55 करोड़ तक पहुँच गई। पूरे सिनेमाघरों में भीड़ उमड़ पड़ी टिकट खिड़कियों पर लंबी लाइने, सोशल मीडिया पर तारीफ़ों की बौछार हर जगह बस “Kantara Chapter 1” की ही गूंज थी।

चौथा दिन: चौथे दिन भी फिल्म ने ग़ज़ब की पकड़ दिखाई। कमाई लगभग ₹61.5 करोड़ तक पहुँच गई, जो पहले दिन के बराबर ही रही। ये बात अपने आप में बड़ी है, क्योंकि चौथे दिन तक किसी भी फिल्म की स्पीड आम तौर पर धीमी पड़ जाती है, मगर Kantara Chapter 1 ने तो मानो रफ़्तार और बढ़ा दी।

चार दिनों का अगर कुल हिसाब लगाया जाए, तो Kantara Chapter 1 ने सिर्फ़ भारत में ही करीब ₹232.75 करोड़ की नेट कमाई कर ली | टैक्स काटकर भी इतनी बड़ी रकम। अब अगर ग्रॉस कलेक्शन, यानी टैक्स और ओवरसीज़ की पूरी कमाई को जोड़ा जाए, तो कहानी और भी शानदार बन जाती है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले तीन ही दिनों में फिल्म ने ₹235 करोड़ ग्रॉस का आंकड़ा पार कर लिया था, और चौथे दिन तक यही कमाई बढ़कर ₹325 करोड़ तक पहुँच गई।

सोचिए, सिर्फ़ चार दिनों में तीन सौ पच्चीस करोड़! ये आंकड़ा कोई मामूली बात नहीं है ये बताता है कि ये फिल्म अब सिर्फ़ कर्नाटक या दक्षिण भारत की नहीं रही, बल्कि एक सच्ची पैन-इंडिया सनसनी बन चुकी है। हर भाषा, हर शहर में लोग इसे देखने पहुँच रहे हैं कुछ कहानी के लिए, कुछ म्यूज़िक और माहौल के लिए, और बहुत से लोग उस जादू के लिए जो कांतारा के नाम से जुड़ा है।

रिकॉर्ड्स और तुलना: Kantara Chapter 1 की खास बातें

Kantara Chapter 1 की कामयाबी का जादू अब रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। फिल्म ने सिर्फ़ तीन दिनों में ₹162.85 करोड़ की ज़बरदस्त नेट कमाई कर ली यानी पहले वीकेंड तक ही इसने बॉक्स ऑफिस पर वो तूफ़ान ला दिया जिसकी किसी को उम्मीद भी नहीं थी।

शनिवार का दिन तो Kantara Chapter 1 के लिए किसी त्यौहार जैसा साबित हुआ। उस दिन की कमाई लगभग ₹55 करोड़ रही, जो साल 2025 की फिल्मों में अब तक की सबसे बड़ी शनिवार की कमाई मानी जा रही है। हर थिएटर में सीटें फुल, ऑनलाइन टिकट्स घंटों पहले ही सोल्ड आउट — ऐसा जोश अक्सर सिर्फ़ सलमान, शाहरुख़ या प्रभास जैसी मेगा रिलीज़ में देखा गया है, लेकिन इस बार रिषभ शेट्टी ने अकेले ही पूरा माहौल अपने नाम कर लिया।

सिर्फ़ चार दिनों में ही कांतारा चैप्टर 1 ने कन्नड़ सिनेमा की सफलता की लिस्ट में तीसरा सबसे बड़ा मुकाम हासिल कर लिया। कई पुराने रिकॉर्ड्स जो सालों से अटके पड़े थे, वो अब टूट चुके हैं — और लोग कह रहे हैं कि “ये फिल्म नहीं, एक आंदोलन है।”

हिंदी वर्ज़न से लेकर तेलुगु, तमिल और मलयालम तक, हर जगह दर्शक थिएटर में तालियाँ बजाते नज़र आए। ओवरसीज़ यानी विदेशों में भी इस फिल्म को शानदार रिस्पॉन्स मिला। इसने खुद को सिर्फ़ एक लोकल हिट नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय सनसनी साबित कर दिया है।

अगर हिंदी की बात करें, तो इसका प्रदर्शन सचमुच चौंकाने वाला रहा। पहले दिन ही हिंदी वर्ज़न ने लगभग ₹18.5 करोड़ की कमाई कर डाली और यही नहीं, पहले तीन दिनों में हिंदी में ही ₹50 करोड़ से ज़्यादा की नेट कमाई दर्ज कर ली। यानि बॉलीवुड के कई बड़े स्टार्स की फिल्मों की ओपनिंग को इसने पीछे छोड़ दिया है। कई एक्सपर्ट्स तो कह रहे हैं कि ये फिल्म अब हिंदी बेल्ट में भी एक कल्ट मूवमेंट बन चुकी है।

और सबसे बड़ा मुकाम — चार दिन में ही Kantara Chapter 1 का ग्रॉस कलेक्शन ₹325 करोड़ के पार पहुँच गया, जिससे यह फिल्म सीधे 300 करोड़ क्लब में शामिल हो गई। इतनी तेज़ी से यह आंकड़ा छूना किसी चमत्कार से कम नहीं।

हर तरफ बस एक ही बात चल रही है — “भाई, तूने Kantara Chapter 1 देखी?” क्योंकि जिसने देख ली, वो उसके जादू से बाहर ही नहीं निकल पा रहा। लोग थिएटर से निकलते वक्त ताली बजा रहे हैं, कई जगहों पर शो हाउसफुल चल रहे हैं, और सोशल मीडिया पर हर कोई बस यही कह रहा है — “ये फिल्म नहीं, एक तजुर्बा है… एक एहसास है… जो दिल में उतर जाता है।”

सफलता के कारण: क्या वजह बनी इस धमाके की?

Kantara Chapter 1 की कामयाबी किसी एक वजह का नतीजा नहीं है, बल्कि कई चीज़ों के मिल जाने से ये चमत्कार हुआ है। हर पहलू ने इस फिल्म की ताक़त बढ़ाई है कहानी, माहौल, म्यूज़िक, और सबसे बढ़कर वो जज़्बा जो पर्दे पर दिखाई देता है।

कहानी और लोक-आस्था का जादू
“Kantara” हमेशा से अपनी लोककथाओं और पौराणिक दुनिया के लिए मशहूर रही है। इसमें गाँव, धरती, जंगल, देवता और इंसान सब एक साथ जुड़ते हैं। इस बार भी रिशभ शेट्टी ने धरती और इंसान के संघर्ष को ऐसे ढंग से दिखाया कि दर्शक खुद को उस दुनिया का हिस्सा महसूस करने लगे।

यह फिल्म किसी फैंटेसी वर्ल्ड की नहीं, बल्कि हमारे अपने देसी समाज की झलक दिखाती है। शायद यही वजह है कि लोगों के दिलों में ये कहानी सीधे उतर गई क्योंकि ये किसी विदेशी कल्पना की नहीं, बल्कि अपनों की मिट्टी की कहानी है।

रिषभ शेट्टी का जादू और भरोसा
अब बात करें फिल्म के निर्माता और हीरो रिषभ शेट्टी की तो वो अब एक नाम नहीं, बल्कि एक भरोसा बन चुके हैं। “Kantara” (2022) के बाद लोगों के मन में उनके लिए जो इज़्ज़त और यकीन बना था, वो इस बार और मज़बूत हुआ। वो स्क्रीन पर जितनी सादगी से अभिनय करते हैं, उतनी ही गहराई से निर्देशन भी करते हैं।

उनकी फिल्मों में ग्लैमर नहीं, लेकिन रूहानी ताक़त होती है जो सीधे दिल को छू जाती है। लोग जानते हैं कि अगर रिशभ कोई कहानी लेकर आ रहे हैं, तो उसमें सच्चाई और जज़्बा दोनों होंगे और यही यकीन टिकट खिड़कियों पर दिखाई दिया। मल्टी-लैंग्वेज रिलीज़ और पैन-इंडिया प्लानिंग Kantara Chapter 1 ने यह साबित कर दिया कि अगर कंटेंट दमदार हो, तो भाषा कभी दीवार नहीं बनती।

फिल्म को सिर्फ़ कन्नड़ में नहीं, बल्कि हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम में भी रिलीज़ किया गया। इससे फिल्म का दायरा बढ़ गया जो कहानी पहले एक इलाक़े की मानी जाती थी, अब वो पूरे हिंदुस्तान की कहानी बन गई। हर भाषा में लोगों ने फिल्म को अपने अंदाज़ में अपनाया कहीं इसे देवताओं की लीला कहा गया, तो कहीं इसे इंसान और धरती के बीच की जंग बताया गया। रिलीज़ की ये रणनीति वाकई फिल्म को पैन-इंडिया फेनोमेना बना गई।

वर्ड ऑफ़ माउथ और दर्शकों का प्यार
पहले ही दिन से सोशल मीडिया पर बस “Kantara Chapter 1” का नाम गूंजने लगा। लोगों ने फिल्म के विजुअल्स, म्यूज़िक, एक्शन और खासकर क्लाइमेक्स की तारीफ़ करते हुए पोस्ट्स डाले। कई लोगों ने लिखा “आख़िरी 20 मिनट तो रोंगटे खड़े कर देते हैं।”

इससे फिल्म की वर्ड ऑफ़ माउथ पब्लिसिटी इतनी मज़बूत हुई कि दूसरे और तीसरे दिन कमाई में गिरावट की जगह उछाल आ गया। लोग दोबारा देखने लौटे, दोस्तों को साथ लाए — यानी फिल्म सिर्फ़ हाइप नहीं, बल्कि दिल से निकली हुई कहानी बन गई।

रिलीज़ का सही वक़्त और त्योहारों का जोश
फिल्म की रिलीज़ दशहरा और गांधी जयंती जैसे त्योहारों के बीच हुई, जब लोगों के पास छुट्टियाँ थीं और मूड भी जश्न वाला था।सिनेमाघरों के बाहर लंबी लाइनें लगीं, शो हाउसफुल रहे, और माहौल किसी त्यौहार से कम नहीं लगा।

त्योहारों के इस मिज़ाज ने फिल्म के पहले दिन को शानदार शुरुआत दी और बाकी दिनों में भी जोश बरकरार रखा। हर पहलू ने “कांतारा चैप्टर 1” को सिर्फ़ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक तजुर्बा बना दिया जहाँ कला, संस्कृति और आस्था तीनों का संगम हुआ। लोग थिएटर से बाहर निकलते वक्त सिर्फ़ तालियाँ नहीं बजा रहे थे, बल्कि मन ही मन कुछ महसूस कर रहे थे जैसे वो किसी देव-कथा का हिस्सा बनकर लौट रहे हों।

चुनौतियाँ और जोखिम

हर बड़ी कामयाबी के साथ कुछ न कुछ चुनौतियाँ भी आती हैं और Kantara Chapter 1 भी इससे अछूती नहीं रही। जहाँ एक तरफ़ फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया, वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसी मुश्किलें भी सामने आईं, जिनसे मेकर्स को जूझना पड़ा।

पायरेसी का मसला
फिल्म रिलीज़ होते ही इंटरनेट पर इसके पायरेटेड वर्ज़न फैलने लगे। कई वेबसाइट्स और टेलीग्राम चैनल्स पर लोगों ने फिल्म की कॉपी शेयर कर दी, जिससे मेकर्स को भारी नुकसान का डर था। टीम ने तुरंत एक्शन लिया, शिकायतें दर्ज कीं और जितना हो सका, उन लिंक्स को हटवाया।

लेकिन जैसा हमेशा होता है पायरेसी का ये सिलसिला पूरी तरह रुक नहीं पाया। फिर भी दर्शकों ने ईमानदारी दिखाई और कहा “ये फिल्म थिएटर में ही देखने लायक है।”

उम्मीदों का बोझ और तुलना की तलवार जब कोई फिल्म इतनी बड़ी सफलता हासिल करती है, तो उसके बाद उम्मीदें भी आसमान छूने लगती हैं। लोग हर दिन नई तुलना करने लगते हैं “क्या ये KGF को पीछे छोड़ेगी?” “क्या ये बाहुबली के बराबर पहुंचेगी?” ऐसे में ज़रा सी गिरावट भी आलोचकों को मौका दे देती है कहने का कि “फिल्म ने रफ़्तार खो दी।” तो हाँ, आने वाले हफ़्तों में कांतारा चैप्टर 1 के लिए यह एक इम्तिहान का वक्त रहेगा कि क्या ये अपनी पकड़ बनाए रख पाती है या नहीं।

महंगी लागत और बड़ा निवेश
क्योंकि फिल्म को पैन-इंडिया स्केल पर रिलीज़ किया गया है, इसलिए इसके मार्केटिंग, डबिंग और प्रमोशन पर बहुत पैसा खर्च हुआ। हर भाषा में अलग-अलग टीम, ट्रेलर, पोस्टर, और कैंपेन चलाए गए। इस वजह से फिल्म की कुल लागत भी बढ़ गई। अब उम्मीद यही है कि आने वाले हफ्तों में कलेक्शन उस खर्च से कहीं ऊपर निकल जाए और अब तक के ट्रेंड्स देखकर लग भी रहा है कि ऐसा होगा।

लॉन्ग रन का मुकाबला
एक और बड़ी चुनौती है आने वाले हफ़्तों की नई रिलीज़ेज़। कई बड़ी बॉलीवुड फिल्में और कुछ साउथ ब्लॉकबस्टर्स भी लाइन में हैं। त्योहारों के बाद दर्शक बँट जाते हैं, और थिएटर्स की संख्या भी कम होती है। इसलिए असली परीक्षा अब शुरू होगी कि क्या Kantara Chapter 1 वर्किंग डेज़ में भी वही भीड़ खींच पाएगी, जो छुट्टियों में दिखी थी।
अगर सोमवार और मंगलवार को टिकट बिक्री मज़बूत रही, तो यह फिल्म 400-500 करोड़ का आंकड़ा पार कर सकती है।

भविष्य की संभावनाएँ
फिल्म का ग्राफ़ देखकर कहा जा सकता है कि अगर ये रफ़्तार बनी रही, तो Kantara Chapter 1 जल्द ही ₹500 करोड़ ग्रॉस क्लब में पहुँच जाएगी। हिंदी बाज़ार में अभी भी ग्रोथ की बड़ी गुंजाइश है क्योंकि उत्तर भारत के कई शहरों में लोग इसे अब जाकर देखने की प्लानिंग कर रहे हैं।

विदेशों में, जैसे अमेरिका, यूएई और यूरोप, वहाँ के शोज़ में भी दर्शकों की तादाद लगातार बढ़ रही है। इसका मतलब है कि फिल्म अब सिर्फ़ भारत की नहीं, बल्कि एक ग्लोबल सिनेमा मूवमेंट बन चुकी है।

एक गहरी और सच्ची सफलता
अंत में यही कहना होगा कि Kantara Chapter 1 की सफलता सिर्फ़ पैसों की नहीं है। ये एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जीत भी है। इसने दिखाया कि अगर कहानी सच्ची हो, जज़्बा ईमानदार हो, और वक्त सही चुना जाए, तो कोई भी “रीजनल फिल्म” “नेशनल” या “इंटरनेशनल फिनॉमेनन” बन सकती है। रिषभ शेट्टी और उनकी टीम ने यह साबित कर दिया कि असली सिनेमा वो होता है, जो सिर्फ़ आँखों को नहीं, बल्कि रूह को भी छू जाए।

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