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बिहार में होंगे 243 सीटों पर चुनाव Election Commission ने Press Conference में की security और EVM Updates की big घोषणा

बिहार में होंगे 243 सीटों पर चुनाव Election Commission ने Press Conference में की security और EVM Updates की big घोषणा

भारत में लोकतंत्र: Election Commission की बड़ी घोषणा

आज, 6 अक्टूबर 2025 को भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान किया और इस घोषणा के साथ बिहार में चुनावी माहौल पूरी तरह गर्म हो गया है।

मुख्य Election Commission ने कहा कि आयोग पूरी कोशिश कर रहा है कि इस बार का चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और सुरक्षित हो। उन्होंने बताया कि आयोग ने सभी ज़िलों में प्रशासन और सुरक्षा बलों के साथ मीटिंग की है ताकि मतदाताओं को किसी तरह की परेशानी न हो।

इस दौरान सभी उम्मीदवारों को आचार संहिता (Model Code of Conduct) का पालन करना होगा। चुनाव आयोग ने चेतावनी दी है कि किसी भी तरह की फेक न्यूज़ या भड़काऊ बयानबाज़ी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे अहम बात यही रही कि आयोग ने इस बार सुरक्षा को लेकर बेहद सख्त रवैया अपनाया है। मुख्य Election Commission ने कहा कि बिहार में इस बार 500 से ज़्यादा केंद्रीय सुरक्षा बलों (CAPF) की कंपनियाँ तैनात की जाएँगी, और हर ज़िले में सुरक्षा पर्यवेक्षक (Security Observers) भी नियुक्त किए जाएँगे।

कुछ इलाकों में जहाँ नदी या जंगलों की वजह से मतदान केंद्र तक पहुँचना मुश्किल होता है, वहाँ नावों और हाथियों के ज़रिए पोलिंग टीमें भेजने की योजना है। यह सुनकर पत्रकारों में भी हल्की मुस्कान आ गई क्योंकि यह दिखाता है कि आयोग हर परिस्थिति में वोटिंग कराना चाहता है।

आयोग ने यह भी बताया कि इस बार EVM (Electronic Voting Machine) और VVPAT में कई सुधार किए गए हैं। अब मशीनों पर उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें और पार्टी का स्पष्ट निशान दिखेगा, ताकि ग्रामीण या बुज़ुर्ग मतदाताओं को पहचानने में कोई दिक्कत न हो।

इसके अलावा, आयोग ने “मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (Special Revision)” भी किया है। इसमें मृत, दोहरे या गलत नामों को हटाया गया है कुल मिलाकर करीब 69 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए गए और 14 लाख नए युवा मतदाताओं को जोड़ा गया है।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने न केवल चुनाव की तारीखें बताईं, बल्कि यह भी दिखा दिया कि भारत में लोकतंत्र की ताक़त अब भी उतनी ही मज़बूत और जीवंत है। मुख्य Election Commission ने साफ़ कहा “हमारा मक़सद सिर्फ़ चुनाव कराना नहीं है, बल्कि हर वोट को सुरक्षित, गिना और सम्मानित कराना है।”

तो सभी राजनीतिक पार्टियों चाहे वो जेडीयू, आरजेडी, बीजेपी या कांग्रेस हों सब अपने-अपने प्रचार अभियान की तैयारियों में लग जाएँगी। अगले कुछ हफ्तों में बिहार का माहौल पूरी तरह राजनीतिक रंग में रंग जाएगा रैलियाँ होंगी, भाषण होंगे, नारे गूंजेंगे और जनता एक बार फिर तय करेगी कि राज्य का भविष्य किसे सौंपना है।

नामांकन प्रक्रिया शुरुआत से आख़िरी कदम तक की पूरी कहानी

Bihar Chunao 2025 के लिए नामांकन की तारीखें अब तय हो चुकी हैं, और चुनावी गहमागहमी तेज़ी से बढ़ने लगी है। Election Commission के मुताबिक, पहले चरण के नामांकन की आख़िरी तारीख 20 अक्टूबर 2025 रखी गई है, जबकि दूसरे चरण के लिए उम्मीदवार 21 अक्टूबर 2025 तक अपने नामांकन पत्र दाख़िल कर सकते हैं।

इसके बाद 22 अक्टूबर 2025 को सभी नामांकन पत्रों की जाँच (Scrutiny) होगी यानि उस दिन यह तय किया जाएगा कि किस उम्मीदवार के कागज़ात सही हैं और किसके नहीं। इस प्रक्रिया में हर उम्मीदवार के दस्तावेज़ों, पहचान पत्रों, हलफ़नामों और खर्च के ब्योरे की बारीकी से जांच होगी। अगर किसी कागज़ में गड़बड़ी या अधूरी जानकारी निकली, तो उस उम्मीदवार का नामांकन रद्द भी किया जा सकता है।

अब बात करें नाम वापस लेने की तो पहले चरण के लिए उम्मीदवार 24 अक्टूबर 2025 तक और दूसरे चरण के लिए 27 अक्टूबर 2025 तक अपनी उम्मीदवारी वापस ले सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर किसी पार्टी में टिकट बदलने की नौबत आए या किसी उम्मीदवार को आख़िरी वक्त पर पीछे हटना पड़े, तो उसके पास ये तारीखें आख़िरी मौका हैं।

Election Commission की तैयारी – पारदर्शिता और अमन को लेकर सख़्त रुख

Election Commission ने साफ़ कहा है कि इस बार की चुनावी प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और सुरक्षित बनाने की तैयारी की जा चुकी है। मुख्य Election Commission श्री ज्ञानेश कुमार ने बताया कि हर ज़िले में सुरक्षा बलों की तैनाती, फ्लाइंग स्क्वॉड टीमों की निगरानी और वीडियो सर्विलांस जैसी व्यवस्थाएँ लागू की जाएँगी, ताकि कोई भी पार्टी या उम्मीदवार धोखाधड़ी या दबाव की राजनीति न कर सके।

हर विधानसभा क्षेत्र में “Election Control Room” बनाया गया है जहाँ से लगातार निगरानी रखी जाएगी किसी जगह गड़बड़ी दिखी तो तुरंत एक्शन लिया जाएगा। साथ ही, Model Code of Conduct (आचार संहिता) अब से पूरे राज्य में लागू हो चुकी है, जिसका मतलब है कि अब कोई भी राजनीतिक दल सरकारी संसाधनों का उपयोग अपने प्रचार के लिए नहीं कर सकता।

Election Commission द्वारा जनता के लिए विशेष इंतज़ाम

इस बार Election Commission ने मतदाताओं की सुविधा के लिए कुछ नए कदम भी उठाए हैं। हर बूथ पर शुद्ध पीने का पानी, शेड, कुर्सियाँ, और मेडिकल सहायता जैसी सुविधाएँ होंगी। महिलाओं के लिए अलग मतदान केंद्र और महिला सुरक्षाकर्मियों की तैनाती भी की जाएगी। वहीं, दिव्यांग और बुज़ुर्ग मतदाताओं के लिए व्हीलचेयर और रैम्प की व्यवस्था होगी ताकि कोई भी वोट डालने से वंचित न रहे।

Election Commission ने एक विशेष मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है जिसके ज़रिए मतदाता अपने पोलिंग बूथ की लोकेशन, उम्मीदवारों की जानकारी और यहाँ तक कि मतदान की लाइव अपडेट्स भी देख सकेंगे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के आखिर में मुख्य Election Commission ने बड़ी ख़ूबसूरती से कहा, “हर वोट सिर्फ़ एक निशान नहीं है, यह देश के भविष्य की ज़िम्मेदारी है। हम चाहते हैं कि हर नागरिक निडर होकर, पूरी आज़ादी से मतदान करे।” उनकी यह बात सुनकर पूरे हॉल में तालियाँ गूँज उठीं। यह बयान सिर्फ़ एक अपील नहीं, बल्कि एक भरोसा भी है कि भारत का लोकतंत्र अब भी मज़बूत, जागरूक और ज़मीन से जुड़ा हुआ है|

आठ राज्यों में उपचुनाव – 11 नवंबर को वोटिंग, 14 नवंबर को नतीजे

बिहार विधानसभा चुनावों के साथ-साथ Election Commission ने आज एक और बड़ा ऐलान किया जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, झारखंड, मिज़ोरम, पंजाब, तेलंगाना और राजस्थान की कुल आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराए जाएंगे। इन सभी राज्यों में मतदान 11 नवंबर 2025 को होगा, जबकि गिनती 14 नवंबर 2025 को की जाएगी, यानी उसी दिन नतीजे सामने आ जाएंगे।

ये उपचुनाव उन सीटों पर हो रहे हैं जहाँ या तो विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, या किसी वजह से सीटें खाली पड़ी थीं। इसलिए, इन राज्यों में अब फिर से जनता को मौक़ा मिलेगा अपने नए प्रतिनिधि चुनने का। यह देखा जाएगा कि क्या सत्ताधारी पार्टियाँ अपनी पकड़ बरक़रार रख पाती हैं या विपक्ष कोई बड़ा उलटफेर कर देता है।

EVM और VVPAT में नया अपडेट – अब वोटिंग और भी आसान

इस बार Election Commission ने EVM (Electronic Voting Machine) और VVPAT (Voter Verified Paper Audit Trail) में कुछ अहम सुधार किए हैं, ताकि वोटिंग का अनुभव लोगों के लिए और भी आसान और भरोसेमंद बन सके।

नई मशीनों में अब उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें, उनकी पार्टी के प्रतीक चिन्ह (symbol) के साथ दिखाई देंगी ताकि मतदाताओं को पहचानने में कोई मुश्किल न हो। पहले कई बार शिकायतें आती थीं कि नाम या प्रतीक साफ़ नहीं दिखते, लेकिन अब हर उम्मीदवार की तस्वीर वोटिंग स्क्रीन पर साफ़ दिखाई देगी।

VVPAT मशीन, जो हर वोट के बाद एक पर्ची दिखाती है, उसे भी और तेज़ और स्पष्ट बनाया गया है। अब मतदाता को कुछ सेकंड तक पर्ची साफ़ नज़र आएगी, जिससे वो यह पक्का कर सके कि उसका वोट सही उम्मीदवार को गया है या नहीं।

मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण – 69 लाख नाम हटाए गए

Election Commission ने इस बार एक और बड़ी पहल की है मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) किया गया है। इस प्रक्रिया में उन लोगों के नाम हटाए गए हैं जो अब जीवित नहीं हैं, या जो किसी और राज्य या देश में स्थायी रूप से जा चुके हैं।

Election Commission के मुताबिक, इस सफाई अभियान के दौरान करीब 69 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं। यह कदम इसलिए ज़रूरी माना जा रहा है ताकि चुनाव प्रक्रिया सटीक, निष्पक्ष और भरोसेमंद रहे। कई बार देखा गया था कि एक ही व्यक्ति के नाम से दो-दो वोट दर्ज हैं या ऐसे लोगों के नाम भी सूची में हैं जो अब इस दुनिया में नहीं हैं तो अब उस गड़बड़ी को दूर करने की कोशिश की जा रही है। चुनाव आयोग का बयान “हर वोट मायने रखता है”

मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, हमारा लक्ष्य है कि देश का हर वोट सही जगह पहुँचे और हर मतदाता को समान मौका मिले। चुनाव सिर्फ़ एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व है।”

उन्होंने यह भी बताया कि आयोग ने इस बार सोशल मीडिया निगरानी पर भी विशेष ध्यान दिया है। हर राज्य में IT सेल और साइबर टीम तैनात रहेगी ताकि फेक न्यूज़, अफवाहों या किसी भी तरह के डिजिटल प्रोपेगैंडा को तुरंत रोका जा सके। जनता में उत्साह “अबकी बार बिहार के साथ पूरा देश देखेगा नज़ारा”

जैसे ही चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ, पूरा राजनीतिक माहौल फिर से गरमाने लगा है। बिहार के अलावा जिन राज्यों में उपचुनाव हैं, वहाँ भी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीतियाँ बनाना शुरू कर दी हैं। सोशल मीडिया पर पोस्टर, मीम्स, भाषण और जनसंपर्क अभियान फिर से तेज़ हो गए हैं।

Bihar Chunao में सख़्त सुरक्षा इंतज़ाम

Election Commission ने इस बार बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सुरक्षा इंतज़ामों को बेहद मजबूत बनाने का फ़ैसला किया है। मुख्य Election Commission श्री ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस बार सुरक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी, क्योंकि आयोग चाहता है कि हर वोटर बिना डर और दबाव के मतदान कर सके।

इसके लिए आयोग ने 500 से ज़्यादा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की कंपनियाँ तैनात करने का ऐलान किया है। ये जवान पूरे राज्य में अलग-अलग मतदान केंद्रों पर सुरक्षा की कमान संभालेंगे। खासकर संवेदनशील इलाक़ों में, जहाँ पहले हिंसा या गड़बड़ी की आशंका रही है, वहाँ अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी।

38 पुलिस पर्यवेक्षक (Police Observers) और 67 व्यय पर्यवेक्षक (Expenditure Observers) भी नियुक्त किए जाएँगे, जो चुनावी गतिविधियों पर पूरी नज़र रखेंगे। ये अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कहीं कोई पैसे या सामान बाँटकर वोट पर असर डालने की कोशिश न की जाए। यानि इस बार न “धमकी” चलेगी, न “लालच” सिर्फ़ जनता की मर्ज़ी चलेगी।

जहाँ सड़क नहीं, वहाँ हाथी और नाव पहुँचाएँगे लोकतंत्र बिहार के कई इलाक़े ऐसे हैं जहाँ आज भी सड़कें या तो टूटी हुई हैं या फिर बारिश और बाढ़ के कारण पहुँचना मुश्किल होता है। ऐसे इलाक़ों में चुनाव आयोग ने बेहद दिलचस्प और अनोखी योजना बनाई है।

जहाँ सड़कें नहीं हैं, वहाँ मतदान कर्मी हाथी की सवारी करके पहुँचेंगे। और जहाँ पानी ज़्यादा है, वहाँ नावों के ज़रिए मतदान केंद्रों तक EVM मशीनें और सुरक्षा बल भेजे जाएँगे। यह सुनकर शायद कुछ लोगों को हैरानी हो, लेकिन यह बिहार का असली लोकतंत्र है जहाँ चाहे रास्ता हो या न हो, वोट की आवाज़ हर गाँव तक पहुँचेगी।

आयोग का कहना है कि उनका मक़सद है “हर नागरिक तक लोकतंत्र की पहुँच सुनिश्चित करना।” मतलब, अगर कोई मतदाता पहाड़ पर रहता है या नदी पार वाले गाँव में, तो भी उसे वोट डालने का पूरा हक़ और सुविधा मिलेगी।

सुरक्षा बलों की सख़्त निगरानी, ड्रोन और कैमरे भी तैनात इस बार सिर्फ़ ज़मीनी सुरक्षा पर ही नहीं, बल्कि आसमान से निगरानी करने की भी तैयारी है। कई जिलों में ड्रोन कैमरे लगाए जाएँगे, जो भीड़भाड़ वाले इलाक़ों और बॉर्डर ज़ोन पर नज़र रखेंगे। इसके अलावा हर संवेदनशील बूथ पर CCTV कैमरे भी लगाए जाएँगे, ताकि किसी भी गड़बड़ी को तुरंत रोका जा सके।

राज्य पुलिस और केंद्रीय बल मिलकर संयुक्त ऑपरेशन सेंटर में काम करेंगे, जहाँ से हर जिले की सुरक्षा स्थिति पर लाइव मॉनिटरिंग होगी। मतदान से एक दिन पहले और वोटिंग के दिन पूरा राज्य “सुरक्षा मोड” में रहेगा ताकि हर नागरिक बेफ़िक्र होकर वोट डाल सके।

मुख्य Election Commission ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि हर बूथ सुरक्षित रहे, हर मतदाता निडर होकर अपना वोट डाल सके। लोकतंत्र का असली मतलब तभी है जब आम आदमी को पूरी आज़ादी मिले अपनी पसंद का प्रतिनिधि चुनने की।”

उन्होंने यह भी बताया कि इस बार “बूथ एप्लीकेशन सिस्टम” का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे हर मतदान केंद्र की स्थिति जैसे भीड़, मशीन की स्थिति, और सुरक्षा अलर्ट रीयल टाइम में कंट्रोल रूम तक पहुँचता रहेगा।

बिहार में मतदाता आँकड़े

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अब पूरा राज्य चुनावी रंग में रंग चुका है। Election Commission की आज हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में ये साफ़ कर दिया गया कि इस बार 7.42 करोड़ से ज़्यादा मतदाता लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा लेंगे। इनमें 3.92 करोड़ पुरुष, 3.5 करोड़ महिलाएँ, और 14 लाख नए मतदाता शामिल हैं यानि इतने लोग जो पहली बार अपने वोट के हक़ का इस्तेमाल करेंगे।

इन नए वोटरों में ज़्यादातर युवा हैं, जो पहली बार लोकतंत्र की इस प्रक्रिया में अपनी आवाज़ उठाएँगे। आयोग ने बताया कि इस बार “पहली बार वोट डालने वाले युवाओं के लिए” खास कार्यक्रम और जागरूकता अभियान चलाए जाएँगे ताकि वो समझ सकें कि उनका वोट कितना अहम है।

Election Commission की प्रेस कॉन्फ़्रेंस – आज की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने बहुत साफ़ लफ़्ज़ों में कहा कि इस बार का चुनाव “निष्पक्ष, पारदर्शी और पूरी तरह सुरक्षित” माहौल में कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयोग ने हर स्तर पर तैयारी पूरी कर ली है चाहे वो मतदान केंद्र की सुरक्षा हो, बूथ प्रबंधन हो या फिर मतदाता सूची का पुनरीक्षण।

आयोग ने राजनीतिक दलों से भी अपील की है कि वो चुनाव प्रचार के दौरान मर्यादा, संयम और ईमानदारी बनाए रखें। उन्होंने कहा “लोकतंत्र की ताक़त सिर्फ़ वोट में नहीं, बल्कि उस भरोसे में है जो जनता को चुनाव प्रक्रिया पर होना चाहिए।”

मतदान की तारीख़ों की घोषणा के साथ ही अब राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। हर पार्टी अपनी रणनीति तय कर रही है कौन-सी सीट पर कौन उतरेगा, कहाँ गठबंधन बनेगा, कहाँ मुकाबला सीधा होगा।

लेकिन अच्छी बात यह है कि आयोग ने पर्याप्त समय दिया है ताकि उम्मीदवार और पार्टियाँ बिना हड़बड़ी के अपनी तैयारी कर सकें और प्रचार कर सकें। मतदाताओं के लिए भी ये मौक़ा है कि वे सोच-समझकर तय करें कि किस उम्मीदवार या पार्टी पर उन्हें भरोसा है। आख़िरकार, वोट सिर्फ़ एक बटन नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने वाला फ़ैसला होता है। पारदर्शिता और लोकतंत्र की मिसाल

आज की घोषणा ने एक बात फिर साबित कर दी कि भारत का चुनाव आयोग अब भी देश के लोकतंत्र की रीढ़ है। हर बार की तरह इस बार भी आयोग ने दिखा दिया कि विश्वास, निष्पक्षता और पारदर्शिता उसकी प्राथमिकता है।

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