Table of Contents
Alia Bhatt ने तोड़ा Nutan और Kajol का Record
बॉलीवुड की चमचमाती दुनिया में हर साल नए चेहरे आते हैं, कोई कुछ वक़्त के लिए छा जाता है तो कोई वक़्त के साथ गुम हो जाता है। मगर कुछ ऐसे सितारे भी होते हैं जो अपने हुनर, अपनी एक्टिंग और अपने दिल छू लेने वाले किरदारों से लोगों के दिलों में हमेशा के लिए जगह बना लेते हैं। अब उन्हीं ख़ास कलाकारों की लिस्ट में एक और नाम बड़ी शान से जुड़ गया है Alia Bhatt।

हाल ही में हुए 69वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में Alia Bhatt ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जो अब तक सिर्फ़ नूतन और काजोल जैसी दिग्गज अदाकाराओं ने ही किया था। आलिया ने सबसे ज़्यादा “बेस्ट एक्ट्रेस” का फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच दिया है। और बस, इसके बाद तो सोशल मीडिया पर हलचल मच गई लोग पूछने लगे, “क्या आलिया भट्ट वाक़ई इतनी ज़बरदस्त एक्ट्रेस हैं?”
Alia Bhatt के फ़ैन्स तो कहते हैं कि उन्होंने जो भी किरदार निभाया, उसमें जान डाल दी चाहे “राज़ी” की सीधी-सादी लेकिन हिम्मती सिहर अलीया हो, या “गंगूबाई काठियावाड़ी” की दबंग औरत जो अपने दर्द को ताक़त बना लेती है। उनका कहना है कि आलिया ने हर रोल में कुछ नया दिखाया है, एक नर्मी और एक आग दोनों साथ लेकर आई हैं।
वहीं कुछ लोग ये भी बोलते हैं कि Alia Bhatt को फिल्म इंडस्ट्री में मौके इसलिए ज़्यादा मिले क्योंकि वो भट्ट परिवार से हैं, यानी नेपोटिज़्म का फायदा मिला। लेकिन फिर भी, सब ये मानते हैं कि जो मेहनत उन्होंने की है, वो हर किसी के बस की बात नहीं।
आज Alia Bhatt का नाम सिर्फ़ स्टारकिड्स में नहीं आता, बल्कि बॉलीवुड की सबसे टैलेंटेड और पॉपुलर एक्ट्रेसेस में गिना जाता है। उनकी मुस्कान, उनका एक्सप्रेशन, और डायलॉग बोलने का तरीका सब कुछ इतना नेचुरल लगता है कि लगता ही नहीं कि वो कोई किरदार निभा रही हैं, बल्कि जी रही हैं। तो हाँ, ये कहना ग़लत नहीं होगा कि आलिया भट्ट अब सिर्फ़ एक एक्ट्रेस नहीं, बल्कि एक ब्रांड बन चुकी हैं एक ऐसा नाम जो लोगों के दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेगा।
Alia Bhatt का Filmfare awards सफर: ग्लैमर से ग्रेस तक
Alia Bhatt ने साल 2012 में फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर’ से बॉलीवुड में अपनी एंट्री मारी थी। उस वक़्त ज़्यादातर लोगों को लगा कि वो बस एक ग्लैमरस, अमीर घर की लड़की है जो सिर्फ़ स्टाइल और लुक्स की वजह से आई है। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि ये मासूम-सी दिखने वाली लड़की कुछ सालों में अपने दम पर पूरी इंडस्ट्री को चौंका देगी।
फिर आया साल 2014, और फिल्म ‘हाईवे’ ने सबकुछ बदलकर रख दिया। इम्तियाज़ अली की इस फिल्म में आलिया ने एक ऐसी लड़की का रोल निभाया था जिसे अगवा कर लिया जाता है लेकिन वो इस सफ़र में खुद को ढूंढती है, अपने डर से लड़ती है, और टूटकर भी और मज़बूत बन जाती है।
इस किरदार ने लोगों के दिलों को छू लिया। क्रिटिक्स बोले, “ये वही आलिया है जिसने ‘स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर’ की चुलबुली लड़की का रोल किया था?” और दर्शकों ने भी पहली बार उन्हें एक सच्ची एक्ट्रेस के तौर पर देखना शुरू किया।
इसके बाद तो Alia Bhatt ने जैसे रोल्स की दुनिया ही बदल दी ‘उड़ता पंजाब’ में ड्रग्स की मार झेलती लड़की, ‘राज़ी’ में मुल्क के लिए जान दांव पर लगाने वाली जासूस, ‘गली बॉय’ में स्ट्रॉन्ग और पैशनेट सफीना, और फिर ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ में वो दबंग औरत जो पूरे समाज के सामने अपनी पहचान खुद बनाती है।
हर बार आलिया ने अपने किरदार में ऐसी जान डाल दी कि लोग भूल गए कि स्क्रीन पर “आलिया भट्ट” हैं लगता था जैसे वो वाक़ई वही किरदार बन गई हैं। उनकी आँखों में दर्द, चेहरे पर मासूमियत, और डायलॉग बोलने का अंदाज़ सब कुछ इतना असली लगता है कि दिल मान ही नहीं पाता कि ये एक्टिंग है।
आज आलिया सिर्फ़ एक स्टार नहीं, बल्कि एक कमाल की अदाकारा बन चुकी हैं वो जो भी रोल करती हैं, उसे अपने दिल से जीती हैं। यही वजह है कि आज लोग कहते हैं, “आलिया भट्ट सिर्फ़ एक्ट नहीं करतीं, वो महसूस कराती हैं।”
रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धि: नूतन और काजोल के बराबर
Alia Bhatt ने इस साल फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के लिए फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड जीता है। और इस अवॉर्ड के साथ ही उन्होंने एक ऐसा रिकॉर्ड बना दिया है जो अब तक सिर्फ़ नूतन और काजोल जैसी दिग्गज अदाकाराओं के पास था। आलिया ने अब तक 6 बार ये ट्रॉफी अपने नाम कर ली है जी हाँ, छह बार!
ज़रा सोचिए, जहाँ किसी को ये मुक़ाम हासिल करने में पूरी ज़िंदगी लग गई, वहीं आलिया ने सिर्फ़ 10 सालों में ये कमाल कर दिखाया। यह कोई छोटा-मोटा कारनामा नहीं है ये बताता है कि उन्होंने इंडस्ट्री में कितनी तेज़ी से अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
अगर हम नज़र डालें तो नूतन ने ‘सुजाता’, ‘बंदिनी’, ‘मिलन’, और ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ जैसी क्लासिक फिल्मों के लिए ये सम्मान पाया। काजोल ने ‘बाज़ीगर’, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘फना’, और ‘माय नेम इज़ खान’ जैसी हिट फिल्मों से सबका दिल जीता। और अब आलिया भट्ट ने ‘हाईवे’, ‘उड़ता पंजाब’, ‘राज़ी’, ‘गली बॉय’, ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’, और ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ के लिए अपनी क़ाबिलियत का सबूत दिया है।
हर बार उन्होंने कुछ ऐसा किया जो दर्शकों के दिल में उतर गया कभी दर्द, कभी जोश, कभी मासूमियत तो कभी जज़्बा। उनकी हर फिल्म ने ये साबित किया कि आलिया सिर्फ़ एक “स्टारकिड” नहीं, बल्कि एक मेहनती, दिल से अभिनय करने वाली अदाकारा हैं।
आज आलिया उस मुक़ाम पर हैं जहाँ से आगे बस आसमान ही है। उन्होंने दिखा दिया कि अगर हुनर सच्चा हो और लगन दिल से हो, तो वक़्त लगना ज़रूरी नहीं बस मेहनत करनी पड़ती है।
इंटरनेट पर मचा बवाल: “क्या वो सच में इतनी अच्छी हैं?”
Alia Bhatt की इस बड़ी जीत के बाद सोशल मीडिया पर जैसे तूफ़ान सा मच गया। एक तरफ़ लोग उन्हें बधाइयाँ दे रहे थे, तो दूसरी तरफ़ कुछ लोग उन पर तंज कस रहे थे। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हर तरफ़ बस आलिया ही आलिया छाई हुई थीं लेकिन सबकी राय एक जैसी नहीं थी।
कई यूज़र्स ने कहा कि ये अवॉर्ड्स असली टैलेंट के लिए नहीं, बल्कि “इंडस्ट्री नेपोटिज़्म” यानी परिवारवाद के लिए दिए जाते हैं। कुछ लोगों ने तो सीधे लिख दिया “आलिया टैलेंटेड है, लेकिन क्या वो नूतन और काजोल के लेवल की हैं?” “हर साल आलिया को अवॉर्ड देना अब तो बस एक रिवाज बन गया है।” “‘गंगूबाई’ में उन्होंने अच्छा काम किया, लेकिन इंडस्ट्री बाकी एक्ट्रेसेज़ को मौका ही नहीं देती।”
वहीं, उनके फैंस भी पीछे हटने वालों में से नहीं थे। उन्होंने खुलकर आलिया का बचाव किया। किसी ने लिखा “जो भी कहो, आलिया ने हर किरदार को दिल से निभाया है और यही चीज़ उन्हें बाकियों से अलग बनाती है।”
सोशल मीडिया पर दो अलग-अलग फौजें बन गईं एक वो जो कहती है कि आलिया को Filmfare Awards उनके परिवारिक बैकग्राउंड की वजह से मिलते हैं, और दूसरी वो जो मानती है कि उन्होंने अपने दम पर ये मुक़ाम हासिल किया है।
सच कहा जाए तो, आलिया का नाम अब सिर्फ़ एक एक्ट्रेस नहीं, बल्कि डिस्कशन का टॉपिक बन चुका है कोई उन्हें बॉलीवुड की क्वीन कहता है, तो कोई प्रोडक्ट ऑफ़ नेपोटिज़्म। लेकिन जो बात साफ़ है, वो ये कि हर कोई आलिया के बारे में बात कर रहा है और यही किसी स्टार की असली जीत होती है।
क्या आलिया वास्तव में अभिनय की नई परिभाषा हैं?
Alia Bhatt की सबसे बड़ी ताक़त यही है कि वो अपने किरदारों को सिर्फ निभाती नहीं, बल्कि पूरी तरह महसूस करती हैं। चाहे वो ‘राज़ी’ में एक देशभक्त जासूस का रोल हो, जो अपने जज़्बात छिपाकर मुल्क के लिए सब कुछ कुर्बान कर देती है, या फिर ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ में एक मजबूर लड़की जो वक्त के साथ एक ताक़तवर औरत बन जाती है हर बार आलिया का अंदाज़ कुछ ऐसा होता है कि लगता है जैसे वो किरदार उनके अंदर से बोल रहा हो।
उनकी एक्टिंग में कभी कोई “बनावट” नहीं लगती। सब कुछ इतना नैचुरल, इतना सच्चा लगता है कि दर्शक खुद-ब-खुद उनके साथ जुड़ जाते हैं। यही वजह है कि लोग कहते हैं “आलिया एक्ट नहीं करतीं, वो जीती हैं।”
फिल्म क्रिटिक्स का भी यही मानना है कि आलिया के पास इमोशंस को बारीकी से समझने की ग़ज़ब की क्षमता है। उनके चेहरे के छोटे-छोटे एक्सप्रेशन, उनकी आँखों की नमी या चमक सब कुछ कहानी कह देता है, बिना एक शब्द बोले। और यही तो एक असली कलाकार की पहचान होती है।
अब अगर इंडस्ट्री के नज़रिए से देखें तो आलिया वाक़ई “नए दौर की हीरोइन” हैं। वो सिर्फ़ फिल्मों में एक्टिंग तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी Eternal Sunshine Productions बनाई, हॉलीवुड में ‘Heart of Stone’ से डेब्यू किया, और कई बड़े फैशन ब्रांड्स की ग्लोबल फेस भी बन गईं।
उनकी लोकप्रियता अब सिर्फ़ इंडिया तक नहीं रही वो अब इंटरनेशनल स्टार बन चुकी हैं। आज के दौर में जब बॉलीवुड का रुख कंटेंट-ड्रिवन फिल्मों की तरफ़ बढ़ रहा है, तो आलिया जैसी एक्ट्रेसेज़ इस नए बदलाव की मिसाल हैं जो सिर्फ़ खूबसूरत नहीं, बल्कि दिल और दिमाग़ से गहराई लिए हुए आती हैं।
यह भी पढ़े –
‘Kurukshetra’ Netflix Review: 9 एपिसोड में देखिए Stunning Animation के साथ महाभारत की महाकाव्य गाथा
Pakistan vs Afghanistan Air Strike 46 की Death, तालिबान ने दी Warning



