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Rahul Gandhi ने खोले H-Files: आरोप क्या हैं?
भारत में इलेक्शन यानी वोटिंग हमेशा से लोकतंत्र का सबसे अहम और एहमियत वाला हिस्सा रहा है ये वही मौका होता है जब “जनता जनार्दन” अपनी ताकत दिखाती है। लेकिन जब इसी प्रक्रिया पर Vote Chori या धांधली जैसे इलज़ाम लगने लगें, तो बात सिर्फ राजनीति की नहीं रहती ये तो क़ानून और संविधान तक का मसला बन जाता है।
हाल ही में Rahul Gandhi ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा दावा किया कि Haryana में लगभग 25 लाख वोट चोरी हो गए हैं! उन्होंने कहा कि ये मामला किसी एक-दो विधानसभा क्षेत्र का नहीं, बल्कि पूरे राज्य और शायद राष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ है।
उनके मुताबिक, कांग्रेस को अपने उम्मीदवारों से शिकायतें मिल रही थीं कि “कुछ गड़बड़ चल रही है, सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा।”Rahul Gandhi बोले “हमें लगा कि ये कोई इक्का-दुक्का सीट का मामला नहीं, बल्कि सिस्टमेटिक यानी सुनियोजित गड़बड़ी है।”
अब उन्होंने ये भी बताया कि कांग्रेस ने एक खास तरह की ‘H-Files’ तैयार की हैं मतलब ऐसी फाइलें जिनमें उन्होंने सारे सबूत, डाटा और शक के बिंदु इकट्ठे किए हैं। इन फाइलों में वोटर लिस्ट से लेकर डुप्लीकेट एंट्रीज़, फर्ज़ी आईडी, और संदिग्ध वोटिंग पैटर्न जैसी चीज़ें दर्ज हैं।
Rahul Gandhi का कहना है कि हरियाणा में करीब 2 करोड़ वोटर्स हैं, और उनमें से लगभग 25 लाख वोट फर्जी या डुप्लीकेट हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें लगभग 5.21 लाख डुप्लीकेट एंट्रीज़ मिली हैं|
यानी एक ही व्यक्ति का नाम कई जगह दर्ज है। सबसे हैरान कर देने वाली बात उन्होंने ये कही कि एक ब्राज़ीलियन मॉडल की फोटो Haryana की वोटर लिस्ट में कई अलग-अलग नामों “सीमा”, “स्वीटी”, “सरस्वती” आदि के साथ दिखाई दी!
अब सोचिए, अगर ऐसा वाक़ई हुआ है, तो ये सिर्फ़ तकनीकी गलती नहीं बल्कि Vote chori का पूरा सिस्टम लगता है। Rahul Gandhi ने कहा, “अगर इतनी बड़ी तादाद में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी है, तो इसका असर चुनाव के नतीजों पर सीधे-सीधे पड़ता है। ये तो लोकतंत्र की बुनियाद यानी जनता की इच्छा के साथ खिलवाड़ है।”
मगर यहाँ सवाल भी उठ रहे हैं: क्या वाकई 25 लाख वोट चोरी होने का पक्का सबूत है या ये सिर्फ़ एक अनुमान है? अगर सिस्टम में गड़बड़ी है, तो जाँच कौन करेगा?Election Commission of India (ECI) ने इस पर क्या कहा है?
ECI की तरफ़ से अभी तक कोई बड़ा आधिकारिक बयान नहीं आया, लेकिन विरोधी दलों ने कांग्रेस के इस दावे को राजनीतिक स्टंट बताया है। उनका कहना है कि “अगर कांग्रेस के पास सबूत हैं, तो वो कानूनी प्रक्रिया में पेश करे, सिर्फ़ बयानबाज़ी से कुछ नहीं होगा।”
वैसे ये पहली बार नहीं है जब वोटर लिस्ट और EVM को लेकर सवाल उठे हों। पहले भी अलग-अलग राज्यों में डुप्लीकेट वोट, फर्ज़ी वोटिंग और बूथ-कैप्चरिंग जैसे मामले सामने आते रहे हैं। लेकिन राहुल गांधी का दावा इसलिए बड़ा है क्योंकि उन्होंने संख्या बहुत बड़ी 25 लाख बताई है, जो किसी भी राज्य में लोकतंत्र के लिए भूकंप जैसा आरोप है।
कांग्रेस का कहना है कि वोटिंग के दौरान उनके कई उम्मीदवार अग्रणी स्थिति में थे, मगर रिज़ल्ट में अचानक उलटफेर हो गया। वहीं बीजेपी और अन्य दलों का कहना है कि ये कांग्रेस की हार का बहाना है और राहुल गांधी सिर्फ़ नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रहे हैं।
अब सच्चाई क्या है ये तो ECI की जाँच के बाद ही साफ़ होगी, लेकिन इतना तय है कि इस मामले ने Haryana के सियासी माहौल में तूफ़ान मचा दिया है। लोग सोशल मीडिया पर #HFiles और #VoteChori जैसे हैशटैग चला रहे हैं, और जनता के मन में अब एक सवाल गूंज रहा है “अगर वोट ही चोरी हो गए, तो फिर लोकतंत्र की आवाज़ कौन सुनेगा?”
25 लाख Vote Chori का आरोप हरियाणा में क्यों?
Haryana में 2024 के चुनावों के बाद से सियासत एकदम गरमा गई है। कांग्रेस और बाकी विपक्षी पार्टियाँ लगातार ये इल्ज़ाम लगा रही हैं कि EVM मशीनों और वोटर लिस्ट (मतदाता सूची) में गड़बड़ी की गई है। उनका कहना है कि वोटिंग सिस्टम में जानबूझकर छेड़छाड़ (tampering) हुई, ताकि कांग्रेस वाले वोट या तो गायब हो जाएँ या दूसरी तरफ़ ट्रांसफर कर दिए जाएँ।
कांग्रेस का सीधा आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन इलाकों के वोटों में खेल किया, जहाँ लोगों का झुकाव कांग्रेस की तरफ़ था। मतलब, जो वोट कांग्रेस को मिलने थे, वो या तो रद्द दिखाए गए या किसी और के खाते में डाल दिए गए।
Rahul Gandhi ने इस पूरे मामले को सिर्फ़ Haryana तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने कहा कि “ये पैटर्न” सिर्फ़ एक राज्य का नहीं है महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कुछ दूसरे राज्यों में भी ऐसा हुआ था। अब हरियाणा में ये मामला खुलकर सामने आया है, इसलिए उन्होंने कहा कि “अब इसे गहराई से देखा जा रहा है।”
Rahul Gandhi ने इस पूरे मुद्दे को सिर्फ़ इलेक्शन का विवाद नहीं बताया बल्कि उन्होंने कहा “ये लोकतंत्र की रूह पर हमला है, ये सिर्फ़ वोट नहीं चोरी हुए, ये जनता की आवाज़ को दबाने की कोशिश है।”
अब बात करें सबूतों की तो अभी तक कोई ठोस या स्वतंत्र रूप से सत्यापित (verified) सबूत सामने नहीं आया है। कांग्रेस की तरफ़ से कुछ डॉक्यूमेंट्स और डेटा पॉइंट्स बताए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक किसी स्वतंत्र संस्था या चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) ने प्रमाणित नहीं किया है।
चुनाव आयोग ने भी इस पर जवाब दिया है। ECI ने साफ़ कहा है कि, “अगर राहुल गांधी या कांग्रेस के पास कोई ठोस सबूत हैं, तो वे नियमों के तहत लिखित और हस्ताक्षरित घोषणा (signed affidavit) के साथ पेश करें। वरना ऐसे आरोपों को बिना आधार (baseless) माना जाएगा।”
मतलब साफ़ है बिना सबूत बात नहीं बनेगी। अब देखने वाली बात ये है कि राहुल गांधी और कांग्रेस अपने ‘H-Files’ या बाकी डेटा को चुनाव आयोग के सामने कब और कैसे रखते हैं।
फिलहाल, हरियाणा की सियासत में “वोट चोरी”, “EVM हेराफेरी” और “फर्ज़ी वोटर” जैसे अल्फ़ाज़ गूँज रहे हैं। जनता के बीच भी अब एक जिज्ञासा और बेचैनी है क्या वाक़ई वोटों में चोरी हुई है, या फिर ये सिर्फ़ सियासी बयानबाज़ी है?
Vote Chori आरोप पर विरोधी पक्ष का रिएक्शन
इन आरोपों पर चुनाव आयोग (Election Commission) ने भी अपना रुख़ साफ़ कर दिया है। आयोग ने कहा है कि अगर राहुल गांधी या उनकी पार्टी कांग्रेस के पास वाक़ई में कोई ठोस सबूत या दस्तावेज़ हैं, तो उन्हें सिर्फ़ मीडिया में बयान देने के बजाय सीधे आयोग के सामने पेश करना चाहिए।
ECI ने यह भी याद दिलाया कि ऐसे गंभीर और बड़े आरोपों को सार्वजनिक मंचों पर बोलने से पहले लिखित रूप में देना ज़रूरी है ताकि उसकी बाक़ायदा जाँच और पुष्टि (verification) की जा सके। यानी, सिर्फ़ बोल देने से बात नहीं बनेगी, अब दस्तावेज़ और साक्ष्य पेश करने होंगे।
वहीं, भाजपा (BJP) और सरकारी पक्षों ने इन दावों को पूरी तरह राजनीति से प्रेरित (politically motivated) बताया है। उनका कहना है कि राहुल गांधी और कांग्रेस चुनाव हारने के बाद अब EVM या वोटिंग सिस्टम पर इल्ज़ाम लगाकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं।
बीजेपी नेताओं का कहना है कि अगर इतनी बड़ी “वोट चोरी” हुई होती, तो कांग्रेस पहले ही आयोग या कोर्ट का दरवाज़ा खटखटा चुकी होती। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि, “जब जीत मिलती है तो मशीन सही होती है, और जब हार मिलती है तो मशीन ख़राब हो जाती है ये कैसा तर्क है?” दूसरी तरफ़, कांग्रेस का कहना है कि वे जल्द ही अपने ‘H-Files’ के सबूत और डाटा चुनाव आयोग के समक्ष रखेंगे, ताकि सच्चाई देश के सामने आए।
कुल मिलाकर, मामला अब सियासी बयानबाज़ी से निकलकर जाँच और सबूतों की दिशा में बढ़ता दिख रहा है। जनता की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि कांग्रेस अपने आरोपों के पीछे कौन-से ठोस दस्तावेज़ लाती है और आयोग उस पर क्या कदम उठाता है।
H-Files के राजनीतिक और संवैधानिक मायने
अगर ये इल्ज़ाम सच निकलते हैं, तो इसका असर सिर्फ़ हरियाणा तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरे भारत के चुनावी सिस्टम (electoral system) की ईमानदारी और साख (credibility) पर बड़ा सवाल खड़ा हो जाएगा।
क्योंकि हमारे लोकतंत्र (democracy) की सबसे बड़ी ताक़त यही है कि हर नागरिक को वोट देने का हक़ (right to vote) मिला हुआ है और अगर इसी हक़ पर शक़ उठ जाए, तो समझो कि संविधान की नींव ही हिल जाती है।
भारत में वोट को “आवाज़ की ताक़त” कहा जाता है। जब कोई वोट डालता है, तो वो सिर्फ़ एक बटन नहीं दबाता, बल्कि अपनी राय और अपना हक़ जताता है। लेकिन अगर यही प्रक्रिया ग़लत तरीके से प्रभावित की जाए, तो वो सिर्फ़ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं रहेगा, बल्कि ये एक संवैधानिक संकट (constitutional crisis) बन सकता है।
विपक्ष का कहना है कि अगर इतनी बड़ी गड़बड़ी हुई है, तो इसका मतलब है कि चुनावी पारदर्शिता (transparency) और जनता के भरोसे पर सीधा हमला हुआ है। वहीं, सत्ता पक्ष यानी बीजेपी का कहना है कि ये सब सिर्फ़ चुनावी रणनीति (political strategy) का हिस्सा है ताकि जनता के बीच भ्रम फैलाया जा सके और चुनावी माहौल को गरमाया जा सके।
असल में, ऐसे दावे चुनावी माहौल को और तपिश दे देते हैं। लोगों के बीच चर्चाएँ शुरू हो जाती हैं “क्या सच में वोट चोरी हुई?”, “क्या सिस्टम भरोसे लायक़ है?”, “क्या आने वाले चुनावों में भी ऐसा कुछ होगा?” ये सारे सवाल अब हवा में तैर रहे हैं। एक तरफ़ कांग्रेस कह रही है कि वो H-Files के सारे सबूत पेश करेगी, दूसरी तरफ़ सरकार कह रही है कि ये ड्रामा और प्रोपेगैंडा है।
मतलब साफ़ है अब ये मामला सिर्फ़ “वोट चोरी” तक नहीं, बल्कि जनता के भरोसे और लोकतंत्र की असलियत से जुड़ चुका है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि आगे क्या होता है क्या सच में कुछ निकलेगा, या ये भी एक और सियासी तूफ़ान (political storm) बनकर ख़त्म हो जाएगा
आगे क्या करेगा Election Commission?
कांग्रेस पार्टी की तरफ़ से अब ये चर्चा ज़ोरों पर है कि वो अपनी ‘H-Files’ को जल्द ही सार्वजनिक (public) करने वाली है। अगर सच में ऐसा हुआ यानी अगर कांग्रेस ने वो सारे सबूत, डेटा और दस्तावेज़ जनता के सामने रख दिए तो फिर देश की सियासत (politics) में एक बड़ा तूफ़ान उठ सकता है। ये मामला सिर्फ़ हरियाणा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि केंद्रीय राजनीति और राष्ट्रीय बहस का हिस्सा बन जाएगा।
चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से भी अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि अगर यह मामला आधिकारिक रूप से दर्ज होता है, तो इसकी जाँच-पड़ताल (investigation) ज़रूर होगी। आयोग पहले ही कह चुका है कि अगर किसी पार्टी के पास ठोस सबूत हैं, तो उन्हें दस्तावेज़ी रूप में पेश करें ताकि पूरी तरह निष्पक्ष (impartial) और पारदर्शी जांच (transparent inquiry) हो सके।
उधर, मीडिया, सिविल सोसाइटी (citizen groups) और आम लोग भी अब इस पर चर्चा करने लगे हैं। लोग कह रहे हैं कि अब समय आ गया है जब चुनावों की निष्पक्षता (fairness) पर और सख़्त निगरानी रखी जाए ताकि आने वाले वक्त में किसी भी राज्य या देश स्तर पर वोट की हेरा-फेरी जैसी बातें फिर न उठें।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले राज्य विधानसभा चुनावों और यहाँ तक कि लोकसभा चुनावों में भी यह मुद्दा एक बड़ा सियासी हथियार बन सकता है। विपक्ष इस मामले को “जनता का वोट चोरी” के रूप में पेश करेगा, जबकि सत्ताधारी दल इसे “राजनीतिक नाटक” बताएगा।
राहुल गांधी के इस बयान कि “हरियाणा में 25 लाख वोट चोरी हुए हैं” ने वाक़ई में पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ़ खींच लिया है। इससे हरियाणा की सियासत में तो हलचल मची ही है, साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी लोकतंत्र की साख और पारदर्शिता पर बहस छिड़ गई है।
अगर कांग्रेस के आरोप सच साबित हो जाते हैं, तो यह भारत के चुनावी तंत्र (electoral system) के लिए एक चेतावनी (wake-up call) की तरह होगा। फिर ज़रूरत पड़ेगी कि पूरे सिस्टम को दोबारा से सुधारा (reform) और मज़बूत किया जाए। लेकिन अगर इन आरोपों के पीछे ठोस सबूत नहीं मिले, तो इसे सिर्फ़ राजनीतिक बयानबाज़ी (political drama) और प्रचार की रणनीति के रूप में देखा जाएगा।
आख़िर में बात वही है लोकतंत्र की असल ताक़त जनता का भरोसा है। अगर वोट की इज़्ज़त और सुरक्षा बनी रहे, तो सिस्टम पर भरोसा भी क़ायम रहेगा। वो कहते हैं न “जनता का वोट, जनता की आवाज़ है और उस आवाज़ को कोई दबा नहीं सकता।”
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