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Ahmedabad Drishyam style Murder Case: रसोई की ज़मीन के नीचे दफन 1 Year-old Secret of Betrayal and Crime, फोरेंसिक रिपोर्ट, पड़ोसी गवाह और कानूनी जाल का खुलासा

Ahmedabad Drishyam style Murder Case: रसोई की ज़मीन के नीचे दफन 1 Year-old Secret of Betrayal and Crime, फोरेंसिक रिपोर्ट, पड़ोसी गवाह और कानूनी जाल का खुलासा

Ahmedabad का चौंका देने वाला मामला

गुजरात के Ahmedabad शहर के फतेहवाड़ी इलाके से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। सोचिए, पूरे एक साल तक एक शख्स गायब रहा परिवार और मोहल्ले वाले बस यही समझते रहे कि शायद कहीं चला गया होगा, मगर असलियत कुछ और ही थी। अब जाकर पता चला कि उसी का शव उसके अपने घर की रसोई की ज़मीन के नीचे दबा हुआ था।

पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। मरने वाले शख्स का नाम Sameer Ansari था, जिसे कुछ रिपोर्टों में Sameer Ansari बिहारी भी कहा गया है। वो फतेहवाड़ी के एक छोटे से रो-हाउस में अपनी बीवी रूबी के साथ रहते थे। मगर यह रिश्ता अब प्यार से ज़्यादा साज़िश की कहानी बन गया है।

पुलिस के मुताबिक, रूबी का अपने प्रेमी इमरान वाघेला के साथ रिश्ता पिछले दो सालों से चल रहा था। दोनों के बीच का यह अवैध रिश्ता इतना गहराई तक उतर गया कि Sameer Ansari को रास्ते से हटाने की प्लानिंग कर डाली। बताया जा रहा है कि समीर को इस अफेयर का पता चल गया था, और इसी बात पर घर में आए दिन झगड़े होते थे।

करीब चौदह से अठारह महीने पहले अचानक समीर लापता हो गया। उसके बाद से उसका मोबाइल बंद पड़ा था, बैंक अकाउंट में कोई हलचल नहीं थी, और न ही किसी रिश्तेदार को उसकी कोई ख़बर मिली। सबको लगा शायद किसी नाराज़गी में चला गया होगा। लेकिन हक़ीक़त तो कुछ और ही थी।

पुलिस ने जब इमरान को पकड़कर पूछताछ की, तो उसने सब कबूल कर लिया। उसने बताया कि दोनों ने मिलकर पूरी योजना बनाकर समीर की हत्या की। पहले Sameer Ansari को बेहोश किया, फिर उसका गला घोंट दिया। इसके बाद दोनों ने मिलकर उसके जिस्म के टुकड़े किए और रसोई की फर्श के नीचे गड्ढा खोदकर दफना दिया। ऊपर से सीमेंट डाल दिया और फ्लोर नई टाइल्स से ढँक दिया, ताकि किसी को ज़रा भी शक न हो।

अब वही घर, जो कभी एक आम खुशहाल परिवार का ठिकाना था आज क्राइम सीन बन चुका है। लोग हैरान हैं कि एक साल तक कोई आवाज़ नहीं उठी, किसी को शक तक नहीं हुआ। रसोई की खुशबू के नीचे एक लाश सड़ती रही, और किसी को भनक तक न लगी।

फतेहवाड़ी की गलियों में आज भी लोग कहते हैं “भाई, वो घर तो अब डरावना लगता है। कौन सोच सकता था कि इतने महीनों से एक इंसान वहीं दबा पड़ा था, और उसकी बीवी उसी छत के नीचे चैन से जी रही थी।”

पुलिस तहक़ीक़ात और चुनौतियाँ

जब Sameer Ansari के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज हुई थी, तब शुरुआत में मामला बहुत हल्के में लिया गया। पुलिस ने सोचा कि शायद पति-पत्नी में झगड़ा हुआ होगा और समीर कहीं रिश्तेदारों के पास चला गया होगा। लेकिन वक्त बीतता गया, महीनों निकल गए, और कोई भी सुराग नहीं मिला। यही शुरुआती लापरवाही बाद में पुलिस के लिए बड़ी मुश्किल बन गई।

जैसे-जैसे शक गहराता गया, पुलिस ने तकनीकी जांच शुरू की। मोबाइल लोकेशन ट्रैक की गई, बैंक अकाउंट्स और ट्रांज़ैक्शन चेक किए गए, रिश्तेदारों से पूछताछ हुई, और सबसे अहम पड़ोसियों के बयान दर्ज किए गए। इन्हीं छोटे-छोटे सुरागों ने आगे जाकर पूरे केस की तस्वीर साफ़ की।

सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब जांच टीम ने घर की रसोई की फर्श खुदवाई और वहां से इंसानी हड्डियाँ और कपड़ों के टुकड़े मिले। उस पल पुलिस वालों के चेहरे पर भी खामोशी छा गई। किसी ने सोचा नहीं था कि लाश उसी घर में, उसी रसोई की ज़मीन के नीचे दबी होगी, जहाँ रोज़ खाना पकता था।

इसके बाद सबूतों को फोरेंसिक एक्सपर्ट्स के पास भेजा गया। वहाँ से मिली रिपोर्ट ने साफ़ कर दिया कि ये अवशेष Sameer Ansari के ही हैं। डीएनए मिलान, मिट्टी की परतों की जांच, और शव के आसपास पाए गए केमिकल्स से साबित हुआ कि हत्या की साज़िश बहुत सोच-समझकर रची गई थी।

अब बात करें गिरफ्तारी की पुलिस ने इमरान वाघेला को पकड़ लिया है। पूछताछ में उसने अपराध कबूल भी कर लिया। उसने माना कि सब कुछ रूबी की मदद से हुआ। रूबी अंसारी फिलहाल फरार है, लेकिन उसके लिए पुलिस ने “लुक आउट सर्कुलर (LOC)” जारी कर दिया है, ताकि अगर वो देश छोड़ने की कोशिश करे तो तुरंत पकड़ी जाए।

पुलिस की टीम अब चार्जशीट तैयार कर रही है जिसमें फोरेंसिक रिपोर्ट, पड़ोसियों की गवाही और मोबाइल डेटा को एक साथ जोड़ा जा रहा है। ये सभी सबूत अदालत में पेश किए जाएंगे, ताकि किसी भी शक की गुंजाइश न बचे।

अदालत में अगली सुनवाई इसी महीने के बीच तय की गई है। पुलिस का कहना है कि रूबी की गिरफ्तारी से पहले वे पूरी फाइल को मज़बूत बना रहे हैं ताकि अदालत में केस पेश करते वक्त हर सबूत ठोस और बेमिसाल हो।

फोरेंसिक रिपोर्ट: सच की तहों से निकला सबूत

जब क्राइम ब्रांच की टीम ने Sameer Ansari के घर की रसोई की खुदाई शुरू की, तो किसी को अंदाज़ा नहीं था कि ज़मीन के नीचे इतना बड़ा सच छुपा होगा। जैसे-जैसे फावड़े की चोटें नीचे जाती गईं, वैसी-वैसी मिट्टी की परतों के साथ इंसानी हड्डियाँ, कपड़ों के टुकड़े और एक टूटी हुई घड़ी नज़र आने लगी। उस पल वहां मौजूद हर शख्स की सांसें थम गईं जैसे वक्त भी रुक गया हो।

फिर शुरू हुई फोरेंसिक जांच, जिसमें हर छोटी चीज़ को बारीकी से परखा गया। सबसे पहले तो डीएनए टेस्ट कराया गया। हड्डियों से लिए गए सैंपल को समीर के भाई के डीएनए से मिलाया गया और रिपोर्ट ने साफ़-साफ़ बता दिया कि ये लाश Sameer Ansari की ही है।

इसके बाद एक्सपर्ट्स ने कंकाल की गर्दन के हिस्से की जांच की। वहां पर ऐसा फ्रैक्चर मिला जो गला घोंटने के दौरान होता है। मतलब साफ़ था Sameer Ansari की मौत कुदरती नहीं, बल्कि किसी ने उसका गला दबाकर की थी।

इतना ही नहीं, मिट्टी की परतों में भी सीमेंट और ब्लीचिंग पाउडर के निशान मिले। इससे यह साबित हुआ कि हत्यारों ने शव को सड़ने से रोकने की कोशिश की, ताकि बदबू न फैले और किसी को शक न हो।

फोरेंसिक टीम ने मोबाइल डेटा भी खंगाला। उस दिन जब Sameer Ansari लापता हुआ था, रूबी और इमरान वाघेला दोनों के मोबाइल की लोकेशन एक ही जगह ट्रेस हुई यानी उसी घर के आस-पास। यह सबूत किसी भी शक को खत्म करने के लिए काफी था।

आख़िरकार रिपोर्ट ने साफ़ कहा “यह कोई हादसा नहीं, बल्कि पूरी तरह से सुनियोजित हत्या थी।” एक तरफ़ मिट्टी के नीचे दबा सबूत था, तो दूसरी तरफ़ टेक्नॉलजी के ज़रिए उभरती सच्चाई। और जब दोनों मिले, तो सारा खेल खुल गया।

पड़ोसियों की दास्तान: रसोई की फ़र्श के नीचे छिपा था क़त्ल का राज़

Ahmedabad फतेहवाड़ी के लोग अब भी यक़ीन नहीं कर पा रहे कि उनके आस-पास इतना बड़ा गुनाह हुआ और किसी को भनक तक नहीं लगी। पड़ोसियों का कहना है कि जिस रात Sameer की हत्या हुई, उस रात घर से ज़ोरदार झगड़े और चीख़ों की आवाज़ें आई थीं। कुछ लोगों ने सोचा, “पति-पत्नी का मामूली झगड़ा होगा, कल तक सब ठीक हो जाएगा।”

अगले ही दिन Ruby ने मोहल्ले वालों को बताया कि Sameer Ansari किसी रिश्तेदार के घर चला गया है और बस, सबने बात वहीं ख़त्म कर दी। किसी ने यह नहीं सोचा कि वो सच बोल रही है या झूठ।

एक पड़ोसी औरत ने बताया, “दो दिन बाद जब देखा कि उनकी रसोई में नई टाइल्स लग रही हैं, तो थोड़ा अजीब लगा। मगर हमें क्या पता था कि उन्हीं टाइल्स के नीचे Sameer हमेशा के लिए दफन हो चुका है…”

पास की दुकान के मालिक ने भी बताया कि Ruby और Imran को वो अकसर साथ देखा करता था मार्केट, चाय की दुकान, यहाँ तक कि कभी-कभी घर के बाहर भी मगर उसने कभी शक नहीं किया। मोहल्ले में सब सोचते थे कि Imran, Ruby का कोई दूर का रिश्ता होगा।

पुलिस जांच में पता चला कि हत्या के कुछ दिन बाद Ruby ने घर की रसोई की मरम्मत के लिए एक मिस्त्री बुलाया था। उस मिस्त्री ने सिर्फ़ फ्लोरिंग का काम किया उसे क्या मालूम कि उसके पैरों के नीचे एक कंकाल दफन है।

ये सारी गवाहियाँ मिलकर पुलिस के सामने एक साफ तस्वीर बन गईं कि Ruby और Imran ने पहले से पूरी साजिश रची थी। Sameer Ansari को रास्ते से हटाने की हर छोटी-बड़ी योजना बनाई गई थी झगड़ा, हत्या, दफन, और फिर झूठ की परतें।

अब Ahmedabad Crime Branch ने इस केस में तीन बड़ी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है –

IPC धारा 302 (हत्या)

IPC धारा 120B (साज़िश)

IPC धारा 201 (सबूत मिटाना)

पुलिस का कहना है कि Imran ने जुर्म क़ुबूल कर लिया है, लेकिन Ruby अभी भी फ़रार है। उसके लिए Look Out Circular (LOC) जारी कर दिया गया है, ताकि वो देश से बाहर न जा सके। अब इस केस की अगली सुनवाई इसी महीने तय है, और पूरी उम्मीद है कि अदालत में वो “सच्चाई” सामने आएगी जिसने पूरे मोहल्ले को सन्न कर दिया।

सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक आयाम

यह मामला सिर्फ़ एक हत्या की कहानी नहीं है, बल्कि एक ऐसे रिश्ते की दास्तान है जहाँ भरोसा, मोहब्बत और वफादारी तीनों का कत्ल हुआ। ये वो कहानी है जिसमें शौहर और बीवी के बीच की दरार इतनी गहरी हो गई कि बात जुनून और गुनाह तक पहुँच गई।

पति-पत्नी के झगड़े तो हर घर में होते हैं, मगर जब किसी रिश्ते में बेवफाई दाख़िल हो जाती है, तो वो घर मकान नहीं, जंग का मैदान बन जाता है। रूबी और इमरान का रिश्ता भी कुछ ऐसा ही था ग़ैरकानूनी मोहब्बत, जिसने न सिर्फ़ एक इंसान की जान ली, बल्कि पूरे समाज को ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि इंसान कब इतना बेदरदी हो जाता है?

हत्या के बाद भी रूबी उसी घर में आराम से रहती रही, जैसे कुछ हुआ ही न हो। यह दिखाता है कि अपराध अब डर से नहीं, आदत से किया जाने लगा है। पड़ोसियों ने कभी कुछ नोटिस नहीं किया किसी ने यह नहीं सोचा कि जो शख्स पहले रोज़ दिखता था, अचानक कहाँ ग़ायब हो गया?

आने-जाने वाले अजनबी, घर में अजीब सन्नाटा, और फिर भी किसी का शक न होना इन सबने इस गुनाह को छुपे रहने का पूरा मौका दिया। असल बात ये है कि रिश्तों में खुलापन और भरोसा बहुत ज़रूरी है। जब बात-चीत बंद हो जाती है, तो गलतफहमियाँ ज़हर बन जाती हैं। और अगर कोई अपना अचानक लंबे वक्त तक लापता हो जाए, तो उसे “शायद कहीं चला गया होगा” कहकर नज़रअंदाज़ न करें।

पड़ोसियों और समाज को भी जागरूक रहना चाहिए। अगर किसी घर में अजीब हलचल हो, कोई बार-बार आता-जाता दिखे, या अचानक किसी की गुमशुदगी पर सन्नाटा छा जाए तो यह ख़तरे की घंटी हो सकती है।

पुलिस और जनता अगर मिलकर काम करें, तो ऐसे दिल दहला देने वाले जुर्म जल्दी सामने आ सकते हैं। क्योंकि सच्चाई चाहे जितनी भी गहरी दबी हो वक़्त आने पर ज़रूर बाहर आती है।

सच दफन नहीं होता: Sameer Ansari मर्डर केस की हैरान करने वाली हकीकत

Sameer Ansari की लाश भले ही रसोई की मिट्टी के नीचे दबा दी गई थी, मगर सच को ज़्यादा देर तक दफ़्न नहीं किया जा सकता। पुलिस की मेहनत, टेक्निकल जांच और लगन ने वो परतें खोल दीं जिनके नीचे एक डरावना सच छिपा था।

यह पूरा मामला हमें याद दिलाता है कि “Drishyam” जैसी कहानियाँ सिर्फ़ फिल्मों में नहीं होतीं, बल्कि असल ज़िंदगी में भी ऐसी हकीकतें सामने आ जाती हैं, जो दिल को हिला देती हैं। Ruby और Imran की गिरफ्तारी इंसाफ़ की पहली सीढ़ी है, मगर इस केस ने हमें यह सिखाया कि झूठ चाहे कितना भी चालाक हो, उसकी बू मिट्टी से भी बाहर निकल आती है।

यह कहानी बताती है कि इंसान अगर गुनाह करने पर उतर आए, तो वो किस हद तक गिर सकता है साज़िश, प्लानिंग, और बेदर्दी से भरी पूरी स्कीम बनाई गई थी। लेकिन एक बात साफ़ है, सच कभी पूरी तरह दबाया नहीं जा सकता।

एक साल तक जो शख्स गुमनाम रहा, आख़िरकार वही अपने ही घर की दीवारों से बाहर आया वो घर, जिसमें कभी मोहब्बत की खुशबू थी, अब वहीं से खुला गुनाह का सड़ांध भरा राज़ निकला।

अब उम्मीद है कि पुलिस बाकी फरार आरोपियों को भी जल्द पकड़ लेगी, ताकि Sameer Ansari और उसके परिवार को इंसाफ़ की रोशनी मिल सके। क्योंकि हर गुनाह का एक “वक़्त” होता है और जब वो वक़्त आता है, तो सच खुद अपनी ज़बान खोल देता है।

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