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The globetrotter का नाम अब ‘Varanasi’, Rajamouli के grand event में Mahesh Babu बैल पर सवार, unveiling the big teaser

The globetrotter का नाम अब ‘Varanasi’, Rajamouli के grand event में Mahesh Babu बैल पर सवार, unveiling the big teaser

GlobeTrotter का नाम अब ‘Varanasi’ इवेंट की भव्यता और माहौल

भारत की फ़िल्मी दुनिया में एक बार फिर जबरदस्त रौनक और रोमांच देखा गया। वजह थी एस.एस. राजामौली (SS Rajamouli) की आने वाली मेगा फ़िल्म जिसे अब तक “GlobeTrotter” के नाम से जाना जाता था का नया और आधिकारिक नाम Varanasi घोषित होना।

इस नाम का ऐलान कोई छोटा-मोटा ऐलान नहीं था, बल्कि एक ऐसा शाही और दिलकश इवेंट था जिसे देखकर हर फ़ैन की धड़कन तेज़ हो गई। सबसे बड़ा धमाका तब हुआ जब महेश बाबू चार्जिंग बुल यानी तेज़ी से दौड़ते हुए बैल पर सवार नज़र आए और अपना पहला मोशन-पोस्टर दुनिया के सामने पेश किया। उस पल की शान ही अलग थी जैसे किसी पुरानी दास्तान का हीरो अचानक ज़िंदा होकर सामने आ गया हो।

15 नवंबर 2025 को, हैदराबाद के रामोजी फ़िल्म सिटी में इस बड़े इवेंट की रौनक बिखरी। चारों तरफ़ से फ़ैंस का समंदर उमड़ पड़ा था क़रीब 50,000 से भी ज़्यादा लोग मौजूद थे। वहां का माहौल बिल्कुल मेले जैसा, बल्कि उससे भी ज्यादा जश्ननुमा लग रहा था।

इस इवेंट को इंडस्ट्री में “एक सांस्कृतिक लम्हा” कहा जा रहा है, क्योंकि इतना बड़ा और आलिशान स्टेज बहुत कम देखने को मिलता है। बताया जा रहा है कि जो स्क्रीन लगाई गई थी, उसकी ऊँचाई लगभग 100 फ़ीट और चौड़ाई तक़रीबन 130 फ़ीट थी यानी सामने खड़े होकर देखने वाले को ऐसा लगता था कि कोई बड़ा चमत्कार उसकी आँखों के सामने खुलने वाला है।

फ़िल्म का थीम दुनिया घूमने वाला है, और उसी अंदाज़ में फैंस को जो एंट्री पास दिए गए थे, वे बिल्कुल “पासपोर्ट” की शक्ल में थे। ये छोटा-सा आइडिया भी लोगों को खूब पसंद आया और सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हुई।

सबसे बढ़िया बात यह रही कि यह इवेंट सिर्फ वहाँ मौजूद लोगों के लिए ही नहीं था इसे JioHotstar पर लाइव दिखाया गया, ताकि दुनिया भर में बैठे फ़ैंस भी इस जश्न का हिस्सा बन सकें। लाखों लोग ऑनलाइन जुड़े, और हर किसी ने माना कि राजामौली और महेश बाबू की यह एंट्री वाक़ई ऐतिहासिक थी।

“Varanasi” नए नाम का खुलासा

इवेंट के दौरान ही यह बड़ा ऐलान कर दिया गया कि “GlobeTrotter” नाम अब बदलकर आधिकारिक तौर पर “वाराणसी” (Varanasi) रखा जा रहा है। इस बदलाव को सुनते ही माहौल में एक तरह की सरगर्मी दौड़ गई, क्योंकि पिछले कई महीनों से अफ़वाहें उड़ रही थीं कि “GlobeTrotter” शायद सिर्फ़ एक वर्किंग टाइटल है। अब जाकर इन सारी अटकलों पर पूरी तरह से पर्दा गिर गया और असली नाम दुनिया के सामने आ गया।

Cinema Express की तफ़सीलात के मुताबिक़, रामोजी फ़िल्म सिटी में करीब ₹50 करोड़ की लागत से ऐसा भव्य सेट तैयार किया गया है, जिसने सबको हैरान कर दिया। इस सेट में वाराणसी की टेढ़ी-मेढ़ी गलियाँ, पुराने घाट, मंदिरों की सीढ़ियाँ सब कुछ इतने हक़ीक़ी अंदाज़ में बनाया गया है कि देखने वाले को सचमुच लगे कि वो बनारस ही पहुँच गया है। इस पूरी कारीगरी में एक पौराणिक, आध्यात्मिक और शानो-शौकत से भरी दुनिया की खूशबू साफ़ महसूस होती है।

इवेंट का सबसे धमाकेदार और साँस रोक देने वाला लम्हा वह था जब महेश बाबू का मोशन-पोस्टर पहली बार दिखाया गया। उस पोस्टर में वे एक दौड़ते हुए, गुस्से से भरे चार्जिंग बैल पर सवार दिखाई देते हैं। उनके हाथ में चमकता हुआ त्रिशूल था, और उनका रूप मिट्टी, धूल और पसीने में लिपटा हुआ जैसे किसी जंग के मैदान से होकर आया हो। बिखरे बाल, सख़्त निगाहें और खून-सी लाल पृष्ठभूमि, ये सब देखकर लग रहा था कि कहानी में कहीं-न-कहीं एक गहरी पौराणिक बयानी छुपी है।

पोस्टर के पिछले हिस्से में दूर-दूर तक दिखाई देती मंदिरों की झांकियाँ, दीपों की रोशनी और धुएँ का हल्का-सा असर, इस बात को और मज़बूत करता है कि फिल्म की कहानी में धार्मिक, आध्यात्मिक या फिर पौराणिक दुनिया का गहरा रंग होगा। पूरा माहौल ऐसा लग रहा था जैसे कोई पुरानी दास्तान किसी पावन शहर की दास्तान अब एक नई भव्यता के साथ परदे पर उतरने वाली है।

Varanasi: कास्ट और कहानियां

फिल्म में महेश बाबू, प्रियंका चोपड़ा, और पृथ्वीराज सुकुमारन अहम और दमदार किरदारों में नज़र आने वाले हैं। प्रियंका चोपड़ा का रोल “मंदाकिनी” नाम की एक रहस्यमयी और गहराई लिए हुए महिला का बताया जा रहा है एक ऐसा किरदार जिसमें नज़ाकत भी है और ताक़त भी।

वहीं पृथ्वीराज सुकुमारन फ़िल्म में एक बेहद सख़्त और ख़तरनाक विरोधी “कुंभा” (Kumbha) के रूप में दिखाई देंगे। उनके बारे में कहा जा रहा है कि उनका रूप-रंग, उनका आक्रामक अंदाज़ और उनकी मौजूदगी ही कहानी में एक अलग तनाव पैदा करेगी।

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक़, फ़िल्म में टाइम-ट्रैवल यानी वक़्त की यात्रा का बड़ा दिलचस्प एंगल भी शामिल हो सकता है। एक मोशन-वीडियो के आख़िर में #TimeTrotter लिखा दिखाई दिया, जिससे यह अंदेशा और भी गहरा हो गया कि कहानी सिर्फ़ किसी पुराने पौराणिक दौर में अटकी नहीं है, बल्कि वक्त की सरहदें तोड़कर आगे-पीछे घूमने वाली है। यानी यह फ़िल्म अतीत, वर्तमान और शायद भविष्य तीनों से जुड़ी एक रहस्यमयी दुनिया दिखा सकती है।

फिल्म का पैमाना इतना बड़ा है कि इसकी शूटिंग सिर्फ एक जगह तक सीमित नहीं रही। बताया जा रहा है कि इसे केन्या, ओडिशा, और हैदराबाद जैसे अलग-अलग इलाक़ों में शूट किया गया है। हर लोकेशन का अपना रंग, अपनी संस्कृति, और अपना माहौल है, जो फ़िल्म को असली “ग्लोब-ट्रॉटिंग” यानी दुनिया घूमने वाला एहसास देता है।

इससे साफ़ है कि राजामौली इस कहानी को सिर्फ़ एक शहर या एक कालखंड तक कैद नहीं करना चाहते वो इसे एक विशाल, फैली हुई, रोमांच और रहस्य से भरी दुनिया में लेकर जा रहे हैं।

सुरक्षा, आयोजन और पब्लिक रिएक्शन

इस पूरे इवेंट में सुरक्षा का इंतज़ाम बेहद सख़्त रखा गया था। Navbharat Times की रिपोर्ट के मुताबिक, वहाँ सिर्फ़ उन्हीं लोगों को एंट्री दी गई जिनके पास फ़िज़िकल पास थे। आम लोगों के लिए दरवाज़े पूरी तरह बंद कर दिए गए थे, ताकि कोई भी भगदड़ या अफ़रातफ़री की स्थिति पैदा न हो।

पुलिस और आयोजकों ने पहले ही साफ़ कर दिया था कि माहौल को तरतीब और अमन के साथ चलाना उनकी पहली प्राथमिकता है। फैंस से भी गुज़ारिश की गई थी कि वे सब्र और तहज़ीब से अपनी जगह पर रहें।

सोशल मीडिया पर तो फैंस का जुनून देखने लायक था हर तरफ़ सिर्फ़ एक ही चर्चा थी कि यह इवेंट वाक़ई फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए एक “सांस्कृतिक लम्हा” बन चुका है। बहुत से लोग तो महेश बाबू की उस दमदार लुक से ही भावुक हो गए, जिसमें वे एक उफनते, तेज़ रफ़्तार से भागते बैल पर सवार हैं और हाथ में चमकता हुआ त्रिशूल पकड़े हुए हैं। मंदिर जैसी पवित्र पृष्ठभूमि ने इस दृश्य को और भी आलौकिक बना दिया।

ये सारी झलकियाँ साफ़ बता रही थीं कि फिल्म में सिर्फ़ मारधाड़ या एक्शन ही नहीं होगा, बल्कि इसमें मिथक, आध्यात्मिकता, श्रद्धा और पौराणिक रंग की भी गहरी मौजूदगी होगी। ऐसा लग रहा है कि कहानी इंसानी दायरों से निकलकर समय के सफ़र यानी टाइम-ट्रैवल की तरफ़ भी जा सकती है। #TimeTrotter जैसे हैशटैग और दुनिया भर में घूमने वाली ग्लोब-ट्रॉटिंग थीम यह इशारा कर रही है कि फिल्म का कैनवास बहुत बड़ा है वक़्त और जगह की सरहदों को पार करता हुआ।

दूसरी तरफ़, इंटरनेशनल लोकेशन्स जैसे केन्या के वाइल्ड जंगल और राजामौली का भव्य विज़न बताते हैं कि वे इस फिल्म को अपने पुराने शाहकारों, जैसे बाहुबली और RRR, की बराबरी नहीं बल्कि शायद उससे भी ऊपर ले जाना चाहते हैं। स्केल, बजट, सेटअप सब कुछ वर्ल्ड-क्लास रखा जा रहा है।

फैंस के लिए ये इवेंट किसी साधारण लॉन्च जैसा बिल्कुल नहीं था। बहुत से लोगों का कहना था कि यह एक ऐसा मौका था जिसने दर्शकों को फिल्म की दुनिया में कदम रखने का पहला अनुभव दिया। मानो राजामौली और महेश बाबू ने परदे उठने से पहले ही दर्शकों को अपने नए सिनेमाई ब्रह्मांड की दस्तक सुना दी हो और वह दस्तक हर दिल में उतर गई।

आगे क्या उम्मीद की जाए

अब जब फिल्म का असली और आधिकारिक नाम “Varanasi” रख दिया गया है, तो अब सबकी नज़रें अगले क़दम पर टिकी हुई हैं। आगे चलकर फर्स्ट-लुक टीज़र आएगा, उसके बाद दमदार ट्रेलर, और शायद कई नए मोशन-पोस्टर्स भी धीरे-धीरे सामने आएँगे।

वक़्त के साथ कहानी का प्लॉट, रिलीज़ डेट, और फिल्म में जुड़े बाकी कलाकारों की झलक भी सामने आएगी। यह देखना वाकई दिलचस्प होगा कि राजामौली और उनकी पूरी टीम इस विशाल और ख्वाब जैसा लगने वाले विज़न को किस तरह हक़ीक़त की शक्ल में ढालते हैं।

फैंस के मन में एक और सवाल घूम रहा है आखिर “Varanasi” नाम कहानी से कैसे जुड़ता है? क्या यह शहर सिर्फ़ एक निशानी, एक प्रतीक, एक आध्यात्मिक संकेत है, या फिर कहानी की जान, उसका असली केंद्र? आने वाले महीनों में जैसे-जैसे नए क्लिप्स, छोटे-छोटे वीडियो, टीज़र और रिवील्स आते जाएँगे, वैसे-वैसे इस रहस्य का परदा भी उठता जाएगा।

डिजिटल दुनिया में भी इस फिल्म का अभियान और तेज़ होने वाला है। जिस तरह इस लॉन्च इवेंट को ऑनलाइन स्ट्रीम किया गया और फैंस को इंटरैक्टिव तरीक़े से जोड़ा गया, उससे साफ़ है कि आगे प्रचार भी कुछ नया, बड़ा और थोड़ा मॉडर्न तरीके से किया जाएगा।

कुल मिलाकर, इस भव्य और रोशन इवेंट के साथ Rajamouli और महेश बाबू की फिल्म “Varanasi” ने एक धमाकेदार आग़ाज़ कर दिया है। महेश बाबू का चार्जिंग बैल पर सवार होना, हाथ में त्रिशूल थामे उनकी दिव्य-सी छवि, और पीछे मंदिरों की पावन झलक ये सब मिलकर दर्शकों के दिल में जोश, जिज्ञासा और एक अजब-सी रूहानी सनसनी भर रहे हैं। ग्लोब-ट्रॉटिंग का अनोखा कॉन्सेप्ट भी यह बताता है कि फिल्म सिर्फ़ एक कहानी नहीं, बल्कि एक बड़ा सिनेमाई तजुर्बा बनने जा रही है।

फैंस और मीडिया दोनों ही इस लॉन्च को बॉलीवुड और तेलुगू सिनेमा का अगला बड़ा मोमेंट मानकर चल रहे हैं। अब बस बड़ा सवाल यही है क्या “Varanasi” सिर्फ़ एक नाम है, या फिर यह फिल्म की रूह, इसकी आत्मा? आने वाले दिनों में जैसे-जैसे नए विज़ुअल्स और नई झलकियाँ सामने आएँगी, यह सफ़र और भी ज़्यादा रोमांचक, रंगीन और दिल छू लेने वाला हो जाएगा।

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