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Minority Rights Day: महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग का बड़ा संदेश — “किसी भी अल्पसंख्यक छात्र को सुविधाओं से वंचित नहीं रहने देंगे”
महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग की ओर से नागपुर में Minority Rights Day का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के अल्पसंख्यक समुदायों को उनके संवैधानिक अधिकारों, शैक्षणिक सुविधाओं और सरकारी योजनाओं की जानकारी देना था। कार्यक्रम में मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, नवबौद्ध और जैन समुदायों के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी रही।
कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यक आयोग के अंतर्गत चलाए जा रहे विभिन्न कल्याणकारी उपक्रमों की जानकारी साझा की गई। आयोग द्वारा शिक्षा, रोजगार, छात्रवृत्ति, कौशल विकास और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े अधिकारों पर विशेष जोर दिया गया। इस मौके पर छात्रों और अभिभावकों को सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे मिले, इस पर भी मार्गदर्शन दिया गया।
“छात्रों को किसी भी सुविधा की कमी नहीं होने दी जाएगी” — प्यारे खान
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार और Minority Rights Day की प्राथमिकता है कि अल्पसंख्यक समाज के किसी भी छात्र या छात्रा को शिक्षा और सुविधाओं के मामले में पीछे न छोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि आयोग लगातार इस बात पर नजर रखे हुए है कि अल्पसंख्यक छात्रों को उनके अधिकार मिल रहे हैं या नहीं।
अल्पसंख्यक दर्जे के नाम पर अनियमितता बर्दाश्त नहीं
प्यारे खान ने कुछ शैक्षणिक संस्थानों पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि आज के समय में कई संस्थाएं अल्पसंख्यक दर्जे का लाभ लेकर सरकारी सुविधाएं और छूट तो लेती हैं, लेकिन व्यवहार में वहां पढ़ने वाले अल्पसंख्यक छात्रों को अपेक्षित सुविधाएं नहीं दी जातीं। ऐसी संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, यह उन्होंने साफ शब्दों में कहा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आयोग जल्द ही ऐसे शिक्षण संस्थानों की समीक्षा करेगा और जहां भी नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, वहां सख्त कदम उठाए जाएंगे।
अधिकारों के प्रति जागरूकता ही सशक्तिकरण का आधार
कार्यक्रम में यह संदेश दिया गया कि अल्पसंख्यक समाज का सशक्तिकरण तभी संभव है जब वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों। इसी उद्देश्य से Minority Rights Day के तहत इस तरह के आयोजन राज्यभर में किए जा रहे हैं। कार्यक्रम के अंत में विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों ने आयोग के प्रयासों की सराहना की और ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित करने की मांग की।
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