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71st National Film Awards 2025, महत्त्वपूर्ण सम्मान और विजेता
71st National Film Awards – 23 सितंबर 2025 की शाम नई दिल्ली का मशहूर विज्ञान भवन एक बार फिर से जगमगा उठा। हर तरफ़ रोशनी, उत्साह और जज़्बात का माहौल था। मौक़ा था 71stNational Film Awards समारोह का। यह वो शाम थी जब भारतीय सिनेमा को सलाम किया गया और उन कलाकारों व फिल्मों को इज़्ज़त बख्शी गई जिन्होंने साल 2023 में अपनी कलाकारी, मेहनत और जुनून से लोगों का दिल जीत लिया।

यहाँ एक ही मंच पर पुराने दिग्गजों से लेकर नए टैलेंट तक सब मौजूद थे। तालियों की गड़गड़ाहट, चेहरे पर खुशी और आंखों में सपनों की चमक—यह नज़ारा खुद में इमोशन और प्रेरणा का संगम था।
मोहनलाल को मिला दादासाहेब फाल्के पुरस्कार
इस साल का सबसे बड़ा सम्मान, यानी दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड, मलयालम सिनेमा के महानायक मोहनलाल को दिया गया। मोहनलाल का नाम आते ही भारतीय सिनेमा की शान नज़र आती है। अपनी अदाकारी और बहुमुखी किरदारों से उन्होंने दशकों तक दर्शकों को मोह लिया है।
पुरस्कार लेते वक्त मोहनलाल ने इसे “पवित्र” और “जादुई” बताया। उन्होंने कहा – “ये सम्मान मेरा नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा की आत्मा का है।” उनकी यह बात सुनकर हॉल तालियों से गूंज उठा। केरल और पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री में इस पल को लेकर खुशी की लहर दौड़ गई।
बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म: 12th Fail
साल 2023 की सबसे चर्चित और प्रेरणादायक फ़िल्मों में से एक 12th Fail ने बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म का खिताब अपने नाम किया। यह फ़िल्म न सिर्फ़ कहानी कहने के तरीके के लिए, बल्कि उसमें छिपे संदेश और किरदारों की सच्चाई के लिए भी सराही गई। छात्रों और युवाओं के संघर्ष, मेहनत और सपनों को दिखाने वाली यह मूवी हर दिल को छू गई।
बेस्ट अभिनेता: शाहरुख़ खान और विक्रांत मैसी
इस बार का बेस्ट एक्टर अवॉर्ड दो बड़े नामों ने शेयर किया – शाहरुख़ खान – अपनी सुपरहिट फ़िल्म Jawan के लिए। दिलचस्प बात यह है कि यह शाहरुख़ के लंबे करियर का पहला National Film Awards है। उनके फैंस के लिए यह किसी ईद-दिवाली से कम नहीं था।
विक्रांत मैसी – उन्होंने 12th Fail में जिस तरह का रियलिस्टिक और दिल छू लेने वाला परफॉर्मेंस दिया, उसने उन्हें सीधा इस मंच तक पहुंचा दिया। ये पल ख़ास इसलिए भी था क्योंकि एक तरफ़ “बॉलीवुड का बादशाह” शाहरुख़, और दूसरी तरफ़ “सिंपल और दमदार” विक्रांत – दोनों को एक साथ सम्मान मिला।
बेस्ट अभिनेत्री: रानी मुखर्जी
करीब 30 साल से हिंदी सिनेमा का हिस्सा रहीं रानी मुखर्जी को उनकी फ़िल्म Mrs. Chatterjee vs Norway के लिए बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड मिला। इस फ़िल्म में उन्होंने एक माँ का दर्द और उसकी जंग इतनी सच्चाई से पेश किया कि हर कोई दंग रह गया।
रानी के लिए यह National Film Awards किसी नए अध्याय की तरह है। उन्होंने इसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया।
71st National Film Awards सिर्फ़ सम्मान देने का मौका नहीं थे, बल्कि यह भारतीय सिनेमा की विविधता और ताक़त का जश्न थे। इस मंच ने यह साबित कर दिया कि चाहे बड़े स्टार हों या नए चेहरे अगर काम सच्चाई और जुनून से किया जाए तो मेहनत ज़रूर रंग लाती है।
मोहनलाल की लाइफ़टाइम अचीवमेंट से लेकर रानी मुखर्जी की भावनात्मक जीत और शाहरुख़-विक्रांत की साझी खुशी तक—यह शाम हर लिहाज़ से “यादगार” और “इतिहास में दर्ज” हो गई।
अन्य यादगार मोड़ और ख़ास बातें
71st National Film Awards की शाम में जब शाहरुख़ खान मंच पर पहुंचे, तो माहौल में एक अलग ही रौनक छा गई। किंग खान को इस बार पहली बार National Film Awards से नवाज़ा गया और उनके चेहरे पर वही पुराना करिश्मा झलक रहा था।
दिलचस्प बात ये रही कि शाहरुख़ National Film Awards के मौके पर पूरी एथनिक पोशाक में नज़र आए। उनका सॉल्ट-एंड-पेपर लुक, जिसमें उम्र और तजुर्बे की झलक थी, ने लोगों का दिल जीत लिया। सोशल मीडिया पर भी उनके इस लुक की खूब चर्चा हुई।
“सम बहादुर” को मिला ख़ास अवॉर्ड
मेघना गुलज़ार की फ़िल्म Sam Bahadur, जो कि फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की ज़िंदगी पर बनी है, को इस बार मिला बेस्ट फ़ीचर फ़िल्म प्रॉमोटिंग नेशनल, सोशल और एनवायरनमेंटल वैल्यूज़ का सम्मान।
यह फ़िल्म न सिर्फ़ एक सच्चे सिपाही की कहानी दिखाती है, बल्कि देशभक्ति, कर्तव्य और नेतृत्व की मिसाल भी पेश करती है। अवॉर्ड मिलने पर टीम की खुशी देखते ही बनती थी। “रॉकी और रानी की प्रेम कहानी” को मिला पॉपुलर अवॉर्ड
करण जौहर की रंगीन और म्यूज़िकल फ़िल्म Rocky Aur Rani Kii Prem Kahaani को भी इस साल नज़रअंदाज़ नहीं किया गया। इसे दिया गया बेस्ट पॉपुलर फ़िल्म प्रोवाइडिंग होलसम एंटरटेनमेंट का सम्मान। यानी दर्शकों को हंसाने, रुलाने और पूरे परिवार को जोड़कर मनोरंजन कराने में इस फ़िल्म ने जो काम किया, उसे नेशनल लेवल पर सलाम किया गया।
विवाद और बहस का पहलू
अब बात करें National Film Awards के उस हिस्से की, जो हर साल चर्चा में रहता है – विवाद और आलोचना। जैसे तारीफ़ें होती हैं, वैसे ही हर बार कुछ सवाल भी उठते हैं। इस बार The Kerala Story को सिनेमैटोग्राफी कैटेगरी में जो सम्मान मिला, उस पर केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं निर्णय लेने की प्रक्रिया पर राजनीतिक असर दिख रहा है। उनका बयान आते ही सोशल मीडिया और न्यूज़ डिबेट्स में बहस छिड़ गई।
बेस्ट एक्टर की साझेदारी और नियमों पर सवाल
एक और दिलचस्प पहलू रहा – बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड शाहरुख़ खान और विक्रांत मैसी के बीच साझा होना। ये तो खुशी की बात थी कि दोनों कलाकारों को सम्मान मिला, लेकिन जनता के बीच एक नई चर्चा छिड़ गई जब यह सामने आया कि इसके साथ मिलने वाली ₹2 लाख की राशि दोनों में बाँटी जाएगी। कई लोगों को यह “पुराना, पारंपरिक और थोड़ा अजीब-सा तरीका” लगा। सोशल मीडिया पर फैंस कह रहे थे कि इतने बड़े कलाकारों को यह सम्मान अलग-अलग मिलना चाहिए था।
क्यों है ये साल ख़ास?
ये साल वाक़ई में बहुत ख़ास रहा, क्योंकि इसमें पुराने सितारों की चमक भी बरक़रार रही और नए चेहरों की रोशनी भी जगमगाई। शाहरुख़ ख़ान और रानी मुखर्जी जैसे तजुर्बेकार कलाकारों ने एक बार फिर यह साबित किया कि असली हुनर वक़्त के साथ और निखरता है। वहीं दूसरी तरफ़, नई पीढ़ी की फ़िल्में और चेहरे भी सामने आए और उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया।
अब सिनेमा सिर्फ़ टाइम पास या मनोरंजन का ज़रिया नहीं रह गया है, बल्कि एक आईना बन गया है जो समाज को दिखाता और बदलने की कोशिश करता है। 12th Fail और Sam Bahadur जैसी फ़िल्मों ने यह साबित किया कि कहानियाँ सिर्फ़ सुनाई नहीं जातीं, बल्कि उनका असर लोगों की ज़िंदगी और सोच पर भी पड़ता है।
इस साल के National Film Awards में भी यही रुझान नज़र आया| यहाँ सिर्फ़ एक ही भाषा या इंडस्ट्री को नहीं, बल्कि पूरे हिंदुस्तान की विविधता को सलाम किया गया। मलयालम, हिंदी और दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं की फ़िल्मों ने अपनी-अपनी पहचान बनाई और सबको बराबरी का दर्जा मिला।
विजेताओं की लिस्ट में कई नाम ऐसे हैं जिन्होंने इस समारोह की शान और भी बढ़ा दी। जैसे Kathal: A Jackfruit Mystery को मिला बेस्ट हिंदी फीचर फ़िल्म का ख़िताब। वहीं Animal, Parking और Vaathi जैसी चर्चित फ़िल्में भी अलग-अलग कैटेगरी में कामयाब रहीं।
गायकी की दुनिया में भी बड़ा मुक़ाम देखने को मिला| मशहूर सिंगर शिल्पा राव को फ़िल्म Jawan के गाने Chaleya के लिए बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का नेशनल अवॉर्ड मिला। उनकी आवाज़ ने जिस तरह लोगों के दिल को छुआ, वो अब इस अवॉर्ड से हमेशा के लिए दर्ज हो गया।
भावनाएँ, संदेश और आगे की राह
71st National Film Awards ने एक बार फिर याद दिलाया कि सिनेमा सिर्फ़ ग्लैमर, शौहरत या बॉक्स-ऑफ़िस की दौड़ नहीं है। ये तो उम्मीदों, ज़िंदगियों, संघर्षों और समाज के अहम मुद्दों की आवाज़ है।
इस साल की सबसे बड़ी ख़बरों में से एक थी मोहनलाल की उपलब्धि, शाहरुख़ ख़ान का पहला National Film Awards, और विक्रांत मैसी व रानी मुखर्जी की जीत। ये सब हमें यह सिखाते हैं कि अगर मेहनत, लगन और सच्ची कला हो तो उसकी कदर ज़रूर होती है।
भविष्य में भी सिनेमा से जुड़े कलाकारों से यही उम्मीद की जाएगी कि वे सिर्फ़ दिखाने की कला ही नहीं, बल्कि एहसास और हक़ीक़त भी पर्दे पर लाएँ। भारतीय सिनेमा की खासियत इसकी विविधता है — भाषा, क्षेत्र, विषय और शैली सबमें इसकी ताक़त है। ऐसे राष्ट्रीय मंच इस विविधता को सम्मान देते हैं और उसे नई पहचान दिलाते हैं।
71st National Film Awards का यह एडिशन भारतीय सिनेमा के लिए एक तरह से “दिल से बनाई गई कहानियों, बेहतरीन अभिनय और कला के सफ़र” की यादगार है। ये दिखाता है कि चाहे बड़े सितारे हों या नए कलाकार, जब सच्चा अभिनय, असली कहानी और नेक इरादे सामने आते हैं—तो सिनेमा हमेशा जीतता है।
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