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Kantara Chapter 1 बनी भारत की 12वीं सबसे बड़ी हिट
“Kantara Chapter 1” अब सिर्फ़ एक फ़िल्म नहीं रही, ये एक जबरदस्त तजुर्बा बन चुकी है एक ऐसी सिनेमाई घटना जिसने पूरे हिंदुस्तान से लेकर दुनिया तक सबको हैरान कर दिया है। जब कोई छोटी बजट वाली रीजनल फ़िल्म अपनी मिट्टी की ख़ुशबू, लोक संस्कृति और आम लोगों की भावनाओं को लेकर इतनी ऊँचाई छू लेती है कि बड़े-बड़े बॉलीवुड और टॉलीवुड प्रोजेक्ट्स भी पीछे रह जाएँ, तो समझ लो कुछ जादू हुआ है। और वो जादू “Kantara Chapter 1” ने दिखाया है।

इस फ़िल्म का कमाल ये है कि इसे लिखा, डायरेक्ट किया और खुद एक्ट भी किया है ऋषभ शेट्टी ने और पीछे से इसे सपोर्ट किया है मशहूर होम्बाले फ़िल्म्स ने। ये वही प्रोडक्शन हाउस है जिसने “KGF” जैसी सुपरहिट फ़िल्म दी थी। “Kantara Chapter 1” रिलीज़ हुई 2 अक्टूबर 2025 को गांधी जयंती और दशहरा जैसे दो बड़े मौकों पर, और ये रिलीज़ टाइमिंग अपने आप में एक चालाकी भरा मास्टरस्ट्रोक थी।
अब कहानी की बात करें तो ये फ़िल्म असल में 2022 में आई कांतारा का प्रीक्वल है यानी उसकी कहानी से पहले की कहानी। इसमें गुजरात और तटीय कर्नाटक की लोक परंपराओं, पौराणिक दास्तानों और आदिवासी रिवाजों को एक साथ बुन दिया गया है। इसमें बूता कोला (Buta Kola) जैसे देवता पूजा के लोक-नृत्य, इंसान और प्रकृति के बीच की जंग, और इंसानियत की असली पहचान को बहुत खूबसूरती से दिखाया गया है।
फ़िल्म को देखने के बाद ऐसा लगता है जैसे आप किसी मंदिर के भीतर बैठे हों जहाँ सिनेमा, संगीत, और संस्कृति तीनों एक साथ आपको झकझोर देते हैं। ऋषभ शेट्टी का अभिनय इतना गहरा है कि कई सीन में वो बोलते नहीं, बस आँखों से कहानी सुना देते हैं। उनका रफ़्तार भरा डायलॉग, देहाती एक्सेंट और लोकगीतों की गूँज – सब मिलकर फ़िल्म को एक रूहानी एहसास बना देते हैं।
“Kantara Chapter 1” ने ना सिर्फ़ भारत में, बल्कि विदेशों में भी बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया से लेकर खाड़ी देशों तक, हर जगह लोगों ने इसे सर आँखों पर बिठाया है। सोशल मीडिया पर इसके क्लिप्स, डायलॉग्स और गानों ने धूम मचा रखी है।
लोगों को इसमें सिर्फ़ एक कहानी नहीं दिखती, बल्कि अपने गाँव, अपनी धरती और अपनी पहचान की झलक मिलती है। यही वजह है कि ये मूवी एक जज़्बात बन गई है जहाँ हर फ्रेम में मिट्टी की खुशबू है, हर सीन में भगवान की छाया है, और हर आवाज़ में एक पुकार “अपनी जड़ों से जुड़ो।”
सच कहा जाए तो “Kantara Chapter 1” सिनेमा की वो मिसाल बन गई है जिसने दिखाया कि कहानी सच्ची हो, दिल से कही जाए और ज़मीन से जुड़ी हो, तो दुनिया की कोई ताक़त उसे रोक नहीं सकती।
Kantara Chapter 1: Release से ही किया धमाका

“Kantara Chapter 1” ने तो पहले ही दिन ऐसा धमाका किया कि पूरे सिनेमाघरों में बस इसी की गूंज सुनाई दी। रिलीज़ के पहले ही दिन इस फ़िल्म ने लगभग ₹60 करोड़ की ज़बरदस्त कमाई कर डाली वो भी अलग-अलग ज़बानों में: हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़। यानी हर कोने के दर्शकों ने इसे खुले दिल से अपनाया, चाहे वो साउथ का इलाका हो या नॉर्थ का, सब इस कहानी से जुड़ गए।
पहले ही दिन टिकटों की बिक्री ने तो रिकॉर्ड तोड़ दिए लगभग 12.80 लाख से ज़्यादा टिकटें ऑनलाइन बिक गईं! थिएटरों में एक-एक सीट भरी हुई, शो हाउसफुल, और दर्शकों का जोश देखने लायक था। जहाँ देखो, बस “कांतारा” की ही बात हो रही थी कोई इसकी कहानी की तारीफ कर रहा था, कोई इसके म्यूज़िक की, तो कोई Rishabh Shetty के अभिनय की कसम खा रहा था।
ये सिर्फ़ नंबर नहीं हैं ये उस एतबार का नतीजा है जो लोगों ने इस फ़िल्म पर किया। लोगों ने ट्रेलर देखा, उसमें अपनेपन की झलक महसूस की, और फिर word-of-mouth ने ऐसा कमाल दिखाया कि हर कोई थिएटर की तरफ़ भागा चला गया। सोशल मीडिया पर तो जैसे तूफ़ान आ गया क्लिप्स, रील्स, डायलॉग्स, गाने सब वायरल हो गए।
पहले ही दिन ये साफ़ हो गया कि “Kantara Chapter 1” कोई आम फ़िल्म नहीं है, ये एक जज़्बा है, एक आवाज़ है जो सीधा दिल से निकलती है। इसमें लोगों को अपनी मिट्टी, अपनी संस्कृति और अपनी आस्था की झलक दिखी और शायद इसी वजह से ये फ़िल्म सिनेमा से बढ़कर एहसास बन गई।
Kantara Chapter 1 ने तोड़ दिए रिकॉर्ड्स
“Kantara Chapter 1” ने तो पहले चार दिनों में ही ऐसा तूफ़ान मचाया कि बॉक्स ऑफिस के पुराने सारे रिकॉर्ड हवा हो गए। चार दिन में ही फ़िल्म ने दुनियाभर में ₹300 करोड़ से ज़्यादा की कमाई कर डाली! छठे दिन तक इसका कलेक्शन करीब ₹322 करोड़ को पार करता हुआ सीधा ₹400 करोड़ क्लब में पहुँच गया और ये तो बस शुरुआत थी।
कई बड़ी-बड़ी हिंदी, तमिल और तेलुगु फ़िल्मों के लाइफटाइम कलेक्शन को इसने कुछ ही दिनों में पीछे छोड़ दिया। जिस स्पीड से ये मूवी आगे बढ़ रही थी, वो देखकर ट्रेड एनालिस्ट भी दंग रह गए। पहले हफ़्ते के अंदर ही, एक्सटेंशन के साथ, इसने ₹500 करोड़ का इंटरनेशनल ग्रॉस रेवेन्यू पार कर लिया और ये किसी भी कन्नड़ फ़िल्म के लिए अब तक का सबसे बड़ा मुकाम बन गया।
अब सोचो, 2022 में आई पहली कांतारा फ़िल्म ने अपनी पूरी रन में लगभग ₹408 करोड़ की कमाई की थी और “Kantara Chapter 1” ने सिर्फ़ छह दिनों में ही वो रिकॉर्ड तोड़ दिया। यानी ग्रोथ इतनी तेज़ कि जैसे किसी रॉकेट को लॉन्च कर दिया गया हो!
सबसे दिलचस्प बात ये रही कि इसका हिंदी वर्ज़न भी सुपरहिट साबित हुआ। उत्तर भारत के दर्शकों ने इसे खुले दिल से अपनाया और इसने सिर्फ़ कुछ ही दिनों में ₹100 करोड़ क्लब में अपनी जगह बना ली। दिल्ली, मुंबई, पटना, लखनऊ से लेकर भोपाल तक हर शहर में लोग थिएटरों में उमड़ पड़े।
कह सकते हैं कि “Kantara Chapter 1” अब सिर्फ़ एक फ़िल्म नहीं रही, ये एक फेनॉमेनन बन चुकी है जहाँ हर भाषा, हर इलाक़ा, हर इंसान इसे अपनी कहानी मान रहा है। मिट्टी की खुशबू, लोक देवताओं का जादू और ऋषभ शेट्टी का जुनून इन तीनों ने मिलकर ऐसा कमाल दिखाया है|
Kantara का राष्ट्रव्यापी, विश्वव्यापी प्रभाव और तुलना
“Kantara Chapter 1” की सबसे बड़ी खूबी यही है कि ये सिर्फ़ एक भाषा या एक इलाके की फ़िल्म नहीं रही ये अब पूरे भारत की फ़िल्म बन चुकी है। इसकी बहुभाषीय रिलीज़ ने कमाल कर दिखाया है। कन्नड़, हिंदी, तेलुगु, तमिल, मलयालम — हर ज़बान में इसने अपनी पकड़ मज़बूत बनाई है, और हर जगह दर्शकों ने इसे दिल से अपनाया है।
कर्नाटक में तो मानो लोगों के दिलों को इसने छू लिया। वहाँ की मिट्टी, लोक परंपरा, और बूता कोला जैसे देवी-देवताओं की पूजा की आत्मिक झलक ने लोगों को भीतर तक भावुक कर दिया। देहाती माहौल, जंगलों की गूंज, और लोक संगीत ने दर्शकों को ऐसा अनुभव दिया जैसे वो किसी मंदिर के आँगन में बैठे हों।
वहीं उत्तर भारत और हिंदी बेल्ट में भी इसने ज़बरदस्त पकड़ बनाई और वो भी बिना किसी बड़े स्टारकास्ट या भारी-भरकम बजट के। लोगों ने इसे इसलिए पसंद किया क्योंकि इसमें कहानी सच्ची थी, जज़्बात असली थे, और हर सीन में रूह की बात थी। दिल्ली, लखनऊ, भोपाल, पटना हर जगह थिएटरों में “कांतारा” का नाम गूंज रहा था।
अब बात करें विदेशों की तो वहाँ भी इस फ़िल्म ने कमाल कर दिया। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, सिंगापुर जैसे देशों में इंडियन कम्युनिटी के साथ-साथ विदेशी दर्शकों ने भी इसे सराहा। वहाँ के फ़िल्म लवर्स ने इसकी सिनेमैटिक गहराई, विजुअल्स और कल्चरल डेप्थ की जमकर तारीफ़ की। विदेशी कलेक्शन ने भी कुल आय में बड़ा योगदान दिया जिसने इसे ग्लोबल ब्लॉकबस्टर बना दिया।
सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि “कांतारा: चैप्टर 1” ने बड़े नामों की फिल्मों को पीछे छोड़ दिया “Pushpa: The Rise” जैसी ब्लॉकबस्टर की लाइफटाइम कमाई को कुछ ही दिनों में पछाड़ दिया। “KGF: Chapter 1” की पूरी कमाई को भी ये पार कर चुकी है! और हिंदी, तमिल, तेलुगु सब वर्ज़न में इसने पहले हफ़्ते के रिकॉर्ड तोड़ दिए।
इन सारे आंकड़ों से बस एक बात साफ़ होती है ये फ़िल्म अब किसी रीजनल बाउंड्री में नहीं बंधी, ये इमोशनल कनेक्शन बन चुकी है। गाँव-देहात से लेकर बड़े शहरों तक, हर तबके के लोग इससे खुद को जोड़ रहे हैं।
Rishabh Shetty की आगे की राह
अब बड़ा सवाल यही है “कांतारा: चैप्टर 1” आखिर कहाँ तक जाएगा? क्या ये “KGF: चैप्टर 2” जैसी ₹1000 करोड़ से ऊपर कमाने वाली फिल्मों को टक्कर दे पाएगा? बहुत से फ़िल्म विश्लेषक और दर्शक पहले ही कह रहे हैं कि इस फ़िल्म में वो दम है जो उसे उस मुकाम तक पहुँचा सकता है।
देखा जाए तो आने वाले हफ़्तों में असली परीक्षा यही होगी क्या ये फ़िल्म लंबे समय तक थिएटरों में अपनी पकड़ बनाए रख पाएगी या नहीं। क्योंकि आगे और भी बड़ी फ़िल्में लाइन में हैं, त्यौहारों और इवेंट्स का सीज़न आने वाला है, और रिलीज़ शेड्यूल भी काफ़ी टाइट है। लेकिन “कांतारा” की सबसे बड़ी ताक़त है इसका कंटेंट, इसकी सच्चाई, और इसका लोक जुड़ाव।
लोग अब इस कहानी को सिर्फ़ एक मूवी नहीं, एक अनुभव के रूप में देख रहे हैं। जो भावनाएँ ये फ़िल्म जगा रही है वो बॉक्स ऑफिस के नंबरों से कहीं ज़्यादा मायने रखती हैं। हर शो में, हर सीन में, दर्शक अपने अंदर कुछ महसूस कर रहे हैं अपनी मिट्टी, अपनी संस्कृति, अपने भगवान से रिश्ता।
“कांतारा: चैप्टर 1” ने ये साबित कर दिया है कि सिनेमा सिर्फ़ शहरों और बड़े नामों का खेल नहीं रहा। अब यूपी-बिहार से लेकर केरल, तमिलनाडु और उत्तर-पूर्व तक, हर कोना इस फ़िल्म की धुन पर झूम रहा है। जहाँ भी लोककथाएँ, संस्कृति और आस्था की बात होती है वहाँ “कांतारा” दिल छू रही है।
बॉक्स ऑफिस अब सिर्फ़ एक गिनती नहीं रह गया ये तो एक एहसास बन गया है, जहाँ दर्शकों की महसूस की हुई भावनाएँ झलकती हैं। ये कहानी है मेहनत, जुनून, संस्कृति और यक़ीन की एक छोटे से बजट की फ़िल्म ने दिखा दिया कि अगर नीयत साफ़ हो, कहानी सच्ची हो और इरादा मज़बूत हो, तो सिनेमा किसी भी दीवार को तोड़ सकता है।
“कांतारा: चैप्टर 1” ने ये भी साबित कर दिया कि भारत में अब सिनेमा सिर्फ़ बॉलीवुड या बड़े नामों तक सीमित नहीं रहा अब ये जनता की आवाज़ है, जो अपनी जड़ों से निकली है और पूरे देश के दिल में बस गई है।
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