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“Sunny Sanskari ki Tulsi Kumari” मूवी Review 2025: वरुण धवन और जान्हवी कपूर की केमिस्ट्री और Romance Captures the Audience’s Heart

“Sunny Sanskari ki Tulsi Kumari” मूवी Review: वरुण धवन और जान्हवी कपूर की केमिस्ट्री Captures the Audience's Heart

“Sunny Sanskari ki Tulsi Kumari” मूवी Review

बॉलीवुड में जब भी कोई नई जोड़ी बड़े पर्दे पर आती है, तो दर्शकों के बीच हमेशा उत्सुकता और चर्चा का माहौल बन जाता है। कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों वरुण धवन और जान्हवी कपूर की जोड़ी को लेकर है। दोनों पहली बार फिल्म तुलसी कुमारी में एक साथ नजर आए हैं।

यह Sunny Sanskari Ki Tulsi Kumari कल यानी गुरुवार को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी और रिलीज़ के पहले ही दिन इसे दर्शकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। थिएटर्स के बाहर युवाओं और फैमिली ऑडियंस का अच्छा-खासा क्रेज देखने को मिला।

फिल्म का माहौल और अंदाज़

Sunny Sanskari ki Tulsi Kumari पूरी तरह से रोमांस, इमोशन और फैमिली ड्रामा का मिश्रण है। फिल्म में कुछ हल्के-फुल्के कॉमेडी सीन भी डाले गए हैं, जो कहानी को बोझिल नहीं होने देते। वरुण धवन का एनर्जी से भरपूर अंदाज़ और जान्हवी कपूर की मासूमियत स्क्रीन पर जमकर काम कर रही है।

कहानी सीधी-सादी होते हुए भी दिल को छूने वाली है। खासकर इंटरवल के बाद कई सीन ऐसे हैं जिनमें इमोशन और फैमिली बंधन को अच्छे से दिखाया गया है। यही वजह है कि दर्शक इन सीन्स पर तालियां और सीटी बजाते नजर आए।

वरुण और जान्हवी की नई जोड़ी

चूंकि यह दोनों की पहली फिल्म साथ में है, इसलिए लोगों में एक्साइटमेंट ज्यादा था। वरुण जहां अपने चुलबुले और रोमांटिक स्टाइल से दर्शकों को हंसाते और इमोशनल करते दिखे, वहीं जान्हवी ने अपनी सादगी और खूबसूरती से किरदार को निखारा। दोनों की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री को दर्शकों ने काफी पसंद किया।

“Sunny Sanskari ki Tulsi Kumari” मूवी Review कहानी

फिल्मSunny Sanskari ki Tulsi Kumari की कहानी एक छोटे कस्बे से शुरू होती है, जहां रहती है मासूम, सादगी से भरी और हिम्मती लड़की – तुलसी (जान्हवी कपूर)। तुलसी का सपना है कि वह अपनी जिंदगी अपने दम पर बनाए और बड़ी दुनिया में अपनी पहचान छोड़ जाए। उसके खयालात साफ़ हैं – “इंसान की असली पहचान उसके ख्वाबों से होती है, न कि सिर्फ़ उसके खानदान या जड़ों से।”

इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए तुलसी बड़े शहर का रुख करती है। नए-नए माहौल में, अजनबी लोगों के बीच वह अपनी मेहनत और जज़्बे से जगह बनाने की कोशिश करती है। मगर शहर की चकाचौंध और तेज़ रफ्तार ज़िंदगी उसके लिए आसान नहीं होती।

यहीं उसकी मुलाक़ात होती है अर्जुन (वरुण धवन) से। अर्जुन एक मॉडर्न सोच रखने वाला नौजवान है, लेकिन दिल से अपनी तहज़ीब और पारिवारिक मूल्यों से जुड़ा हुआ। यानी बाहर से स्टाइलिश और शहराती, मगर अंदर से सीधा और सच्चा।

जब ख्यालात टकराते हैं…

शुरुआत में तुलसी और अर्जुन के बीच खूब तकरार होती है। दोनों की सोच बिल्कुल अलग – तुलसी मानती है कि ख्वाब सबसे ऊपर हैं, जबकि अर्जुन को लगता है कि रिश्ते और अपनों की अहमियत जिंदगी में सबसे बड़ी चीज़ है।
उनकी बहसें कभी मज़ेदार होती हैं, तो कभी दिल को छू लेने वाली। और धीरे-धीरे, यही टकराव उन्हें एक-दूसरे के करीब लाने लगता है।

कहानी का असली मोड़

सबकुछ ठीक-ठाक चल ही रहा होता है कि कहानी में बड़ा ट्विस्ट आता है। तुलसी के सामने एक मुश्किल फैसला खड़ा हो जाता है – क्या वह अपने सपनों की राह चुनेगी, जो उसे आगे ले जाएगी? या फिर वह अर्जुन के प्यार और रिश्ते को अपनाकर अपने दिल की आवाज़ सुनेगी?

यही असली जद्दोजहद फिल्म को और भी दिलचस्प बना देती है। क्लाइमैक्स में दर्शकों को यह देखने का बेसब्री से इंतज़ार रहता है कि तुलसी अपने ख्वाबों का दामन थामेगी या फिर मोहब्बत की राह पर चलेगी।

फिल्म का रंग-ढंग

कहानी भले ही सीधी-सादी लगे, मगर इसके किरदार और उनके जज़्बात इसे खास बना देते हैं। तुलसी का किरदार हर उस लड़की से जुड़ता है, जो अपने ख्वाबों के लिए घर-गांव से निकलकर बड़े शहर जाती है। वहीं अर्जुन हर उस इंसान का चेहरा है, जो बदलते वक्त के साथ मॉडर्न तो हो गया है, मगर दिल में अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ है।

Sunny Sanskari ki Tulsi Kumari अभिनय

अभिनय का जादू – वरुण और जान्हवी की चमक

वरुण धवन (अर्जुन के किरदार में) वरुण धवन ने इस फिल्म में एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह सिर्फ मसाला और एक्शन फिल्मों तक सीमित नहीं हैं। अर्जुन के किरदार में उनका अंदाज़ बेहद असरदार है।

जहां कॉमेडी सीन में उनका कॉमिक टाइमिंग दर्शकों को हंसा देता है, वहीं रोमांटिक लम्हों में उनका नटखटपन और मोहब्बत भरी नज़रें दिल को छू लेती हैं। और जब बात आती है इमोशनल सीन्स की, तो वरुण का सधा हुआ अभिनय रूह तक उतर जाता है। कई जगह तो लगता है मानो वह किरदार को जी रहे हैं, न कि सिर्फ़ एक्टिंग कर रहे हैं।

जान्हवी कपूर (तुलसी के किरदार में) जान्हवी कपूर ने तुलसी के रोल में वाक़ई जान डाल दी है। उनके चेहरे की मासूमियत, आंखों की चमक और डायलॉग्स में वह सादगी, जो सीधे दिल तक पहुंचती है – यही उनकी असली ताक़त है।

तुलसी के सफ़र को उन्होंने इतनी खूबसूरती से निभाया है कि दर्शक खुद-ब-खुद उस किरदार से जुड़ जाते हैं। यह फिल्म उनके करियर का एक अहम मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें उन्होंने सिर्फ़ अदाकारी नहीं, बल्कि जज़्बातों का पूरा समंदर बहा दिया है।

सपोर्टिंग कास्ट
अब अगर बात करें सपोर्टिंग कास्ट की, तो सनी हिंदुजा और किरण खेर जैसे मंझे हुए कलाकारों ने फिल्म में गहराई और वज़न डाल दिया है। सनी हिंदुजा का अभिनय संतुलित और दमदार है, जबकि किरण खेर ने अपने खास अंदाज़ और डायलॉग डिलीवरी से कई सीन्स को यादगार बना दिया।

कहानी में जहां ज़रूरत थी हल्की-फुल्की हंसी की, वहां यह किरदार माहौल हल्का करते हैं, और जहां दिल को छूने वाले इमोशन चाहिए थे, वहां उन्होंने अपनी मौजूदगी से फिल्म को और असरदार बना दिया

निर्देशन संगीत और गाने

डायरेक्शन और कहानी कहने का अंदाज़
फिल्म के डायरेक्टर ने इस दास्तान को बड़े ही सादे और दिलचस्प अंदाज़ में पेश किया है। पहले हाफ में हल्का-फुल्का ह्यूमर, नोक-झोंक और प्यारे-प्यारे रोमांटिक सीन हैं, जो दर्शकों को बोर नहीं होने देते। हॉल में बैठे लोग हंसते भी हैं, मुस्कुराते भी हैं और वरुण-जान्हवी की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री देखकर वाह-वाह भी कर उठते हैं।

इंटरवल के बाद कहानी धीरे-धीरे गंभीर हो जाती है। यहाँ तुलसी के संघर्ष और उसके फैसलों की जद्दोजहद बहुत बारीकी से दिखाई गई है। क्लाइमैक्स में एक ऐसा ट्विस्ट आता है जो दर्शकों को चौंका भी देता है और दिल को छू भी जाता है। यही ट्विस्ट फिल्म को यादगार बना देता है। पटकथा इतनी कसी हुई है कि एक पल के लिए भी नींद या बोरियत महसूस नहीं होती।

संगीत और नग़मे
अब अगर बात करें संगीत की, तो यकीन मानिए – यह फिल्म का सबसे बड़ा हथियार है। रोमांटिक ट्रैक “तेरे बिना अधूरा हूँ मैं” पहले ही रिलीज़ से पहले चार्टबस्टर बन चुका था और थिएटर में इसे सुनकर दर्शक झूम उठते हैं। वरुण और जान्हवी पर फिल्माया गया डांस नंबर तो स्क्रीन पर आग लगा देता है – मज़ाक-मज़ाक में सीटियां और तालियां गूंजने लगती हैं।

बैकग्राउंड स्कोर हर सीन के साथ ऐसा मेल खाता है कि इमोशनल पलों में आंखें नम हो जाती हैं और रोमांटिक सीन्स में दिल धड़कने लगता है।

लोकेशंस और सिनेमाटोग्राफी
Sunny Sanskari ki Tulsi Kumari की शूटिंग जिन लोकेशंस पर हुई है, वे कहानी को और असली बना देती हैं। छोटे कस्बे की गलियां, वहां का माहौल और लोगों की सादगी इतनी नेचुरल लगी कि दर्शकों को लगा जैसे वे खुद उसी कस्बे का हिस्सा हों।

दूसरी तरफ़ बड़े शहर की चकाचौंध, गगनचुंबी इमारतें और तेज़ रफ्तार ज़िंदगी का कॉन्ट्रास्ट भी बेहद खूबसूरती से दिखाया गया है। कैमरा वर्क और लाइटिंग ने फिल्म की रौनक को और निखार दिया है। हर फ्रेम में एक ताजगी और एक नया रंग दिखाई देता है।

फिल्म की खूबियाँ, कमज़ोरियाँ और दर्शकों की प्रतिक्रिया

Sunny Sanskari ki Tulsi Kumari रिलीज़ के बाद से ही चर्चा में बनी हुई है। दर्शकों को सबसे ज़्यादा जो चीज़ भा रही है, वो है वरुण और जान्हवी की ताज़ा और मासूम-सी केमिस्ट्री। दोनों की जोड़ी ने बड़े पर्दे पर नई जान डाल दी है। कई दर्शकों ने तो यहां तक कहा कि स्क्रीन पर दोनों को साथ देखकर दिल को एक अलग-सी ताजगी मिलती है।

कहानी की बात करें तो फिल्म की पटकथा मज़बूत और बांध लेने वाली है। पहले हाफ में हल्के-फुल्के मज़ाक, रोमांस और कॉमेडी के सीन्स हैं, तो वहीं दूसरे हाफ में इमोशंस गहराते हैं। यही बैलेंस फिल्म को हर वर्ग के दर्शक के लिए एंटरटेनिंग बनाता है।

संगीत और बैकग्राउंड स्कोर
Sunny Sanskari ki Tulsi Kumari का म्यूज़िक और बैकग्राउंड स्कोर भी खूब तारीफ़ें बटोर रहा है। रोमांटिक गाने दिल में उतर जाते हैं और बैकग्राउंड म्यूज़िक हर सीन के साथ पूरी तरह मेल खाता है। चाहे इमोशनल सीन हो या डांस नंबर – हर जगह संगीत ने फिल्म को और असरदार बना दिया।

Sunny Sanskari ki Tulsi Kumari फिल्म सिर्फ रोमांस और इमोशन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें एक गहरा सामाजिक संदेश भी छुपा है – इंसान को अपने सपनों और रिश्तों के बीच संतुलन बनाकर चलना चाहिए। यही मैसेज आज की युवापीढ़ी को बहुत रिलेटेबल लगता है।
कमज़ोरियां भी मौजूद

हालांकि फिल्म हर तरफ से मज़बूत है, लेकिन कुछ छोटी-छोटी कमज़ोरियां भी दिखती हैं। खासकर सेकंड हाफ में कहानी थोड़ी लंबी खिंचती है, जिससे कुछ दर्शकों को लगा कि फिल्म थोड़ी एडिटिंग और कसावट से और बेहतर हो सकती थी। इसके अलावा साइड कैरेक्टर्स को और मज़बूती से पेश किया जाता तो फिल्म का असर और भी गहरा होता।

सोशल मीडिया पर दर्शकों की प्रतिक्रिया
रिलीज़ के पहले ही दिन सोशल मीडिया पर फिल्म को दर्शकों ने “पूरा एंटरटेनमेंट पैकेज” करार दिया। एक यूज़र ने लिखा: “वरुण-जान्हवी की जोड़ी सच में सुपरहिट है, फिल्म ने दिल छू लिया।” दूसरे यूज़र ने कहा: “काफी दिनों बाद इतनी प्यारी और इमोशनल लव स्टोरी देखने को मिली।”

थिएटर्स में भी माहौल काबिल-ए-तारीफ़ रहा। कई जगह दर्शक तालियाँ और सीटियाँ बजाते नज़र आए, खासकर क्लाइमैक्स और गानों पर।

शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म ने रिलीज़ के पहले ही दिन करीब 25 से 30 करोड़ रुपये की कमाई कर डाली है। ट्रेड एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर यही रफ्तार रही, तो वीकेंड तक फिल्म आसानी से 100 करोड़ क्लब में एंट्री कर लेगी।

रेटिंग
Sunny Sanskari ki Tulsi Kumari रोमांस, इमोशन, कॉमेडी और म्यूज़िक का ऐसा कॉम्बो है, जो लंबे वक्त तक दर्शकों को याद रहेगा।
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐✨ (4.5/5)

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