DD National Channel : 15 सितंबर 1959 को भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया सार्वजनिक सेवा प्रसारक जो आज सभी भारतीयों के दिल में एक विशेष जगह बनाए हुए हैं जिसे हम दूरदर्शन या संक्षेप में DD National Channel के नाम से जानते हैं, इसकी आज 65वीं वर्षगांठ है। दूरदर्शन के Logo की प्रेरणा सत्यम शिवम सुंदरम रखी गई।
दूरदर्शन के शुरुआती दिन (DD National Channel Starting Days)
प्रयोगात्मक रूप से शुरू हुआ एक छोटे तात्कालिक स्टूडियो में और 5 किलोवाट ट्रांसमीटर के साथ इसे दिल्ली के 40 किलोमीटर के क्षेत्र में प्रसारित किया गया था। भारत सरकार की कोशिश और भारतीय जनता से मिले प्यार के बाद 1982 में यह राष्ट्रीय प्रसारक बन गया।
अपनी शुरुआती दिनों में दूरदर्शन की सहभागिता ऑल इंडिया रेडियो के साथ थी। दूरदर्शन को फिलिप्स इंडिया लिमिटेड ने उपयोग के लिए उपकरण दिए थे। इस समय दूरदर्शन का प्रसारण केवल राजधानी दिल्ली के आसपास के 40 किलोमीटर के क्षेत्र में ही हो सकता था।
देश की भलाई के लिए की गई इस पहल का उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा किया गया था। दूरदर्शन शुरुआती दिनों में हफ्ते में केवल 2 दिन मात्र 1 घंटे के लिए कार्यक्रमों को प्रसारित करता था। बाद में, 1965 में दैनिक प्रसारण शुरू कर दिया गया था और मात्र 3 घंटों के लिए कार्यक्रमों को प्रसारित किया जाता था।
1965 में ही दूरदर्शन द्वारा केवल 5 मिनट के लिए चलने वाला समाचार बुलेटिन भी शुरू किया गया था। भारत एक कृषि प्रधान देश है और भारत के सभी कृषियों के लिए सबसे लाभकारी प्रसारित किया जाने वाला कार्यक्रम “कृषि दर्शन” 1967 में शुरू किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि से जुड़े तमाम समस्याओं और उसके समाधान के लिए लोगों को शिक्षित किया जाता था।
1972 में दूरदर्शन की प्रसारण सेवा बढ़कर मुंबई और अमृतसर तक फैल गई थी। भारत सरकार ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सैटेलाइट टीवी के माध्यम से भारतीय क्षेत्र में सामाजिक शिक्षा को लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया। 1975 और 1976 तक यह सेवा केवल भारत के सात शहरों में ही उपलब्ध थी।
1982 में भारत में रंगीन टीवी का आगमन हुआ और इसके साथ ही दूरदर्शन का प्रसारण भारत के हर शहर में पहुंच गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषण का सीधा प्रसारण दूरदर्शन टीवी पर किया गया।
दूरदर्शन पर दर्शकों पसंदीदा कार्यक्रम (Viewers favourite programmes on DD National Channel)
भारतीय कार्यक्रमों के अलावा डीडी पर अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम जैसे एनबीसी और एबीसी भी प्रसारित किए जाते थे।
1997 में प्रसार भारती प्रसारण निगम ने दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो का स्वामित्व अपने नाम कर लिया था।
दूरदर्शन द्वारा प्रसारित किए गए कार्यक्रमों में कई कार्यक्रम दर्शकों द्वारा काफी ज्यादा पसंद किए गए जिनके नाम है, चित्रहार (1980), रंगोली(1980), मालगुडी डेज, करमचंद(1985–89), विक्रम बेताल(1985), बुनियाद(1986), रामायण(1987), फौजी(1988), महाभारत(1988), टीपू सुल्तान(1990), जय हनुमान(1997), शक्तिमान(1997)।
रामायण कार्यक्रम ने अपनी बढ़ती लोकप्रियता के कारण मनोरंजन कार्यक्रमों में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले कार्यक्रम बनकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
दूरदर्शन द्वारा प्रसारित किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय चैनल और राष्ट्रीय चैनल काफी लोकप्रिय हुए। अंतर्राष्ट्रीय चैनलों में डीडी इंटरनेशनल जो अंग्रेजी माध्यम में समाचार और सांस्कृतिक मनोरंजन का प्रसारण करता है डीडी इंडिया यह भी अंग्रेजी माध्यम में समाचार का प्रसारण करता है। राष्ट्रीय चैनलों में डीडी नेशनल, डीडी न्यूज़, डीडी स्पोर्ट्स, डीडी भारती, डीडी किसान, डीडी उर्दू ,और डीडी रेट्रो काफी लोकप्रिय है।
इसके अलावा दूरदर्शन द्वारा प्रसारित किए जाने वाले अन्य चैनल भी है जो भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारित किए जाते हैं। 1991 में निजी टेलीविजन की बढ़ती लोकप्रियता के कारण दूरदर्शन के दर्शकों की संख्या में भारी मात्रा में गिरावट देखी गई।
दूरदर्शन का 65वीं वर्षगांठ (65th anniversary of DD National Channel)
लेकिन फिर भी भारतीय जनता के शैक्षिक आधार बनने वाला दूरदर्शन आज भी अपनी सेवा में तत्पर है और भारत को शिक्षा संस्कृति और जोड़े रखना के लिए प्रोत्साहित करता है। 15 सितंबर 2024 को दूरदर्शन अपनी 65वीं वर्षगांठ पूरी कर रहा है और इस उपलक्ष्य में दूरदर्शन द्वारा एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसका नाम दिल से दूरदर्शन डीडी @ 65 है। इसका आयोजन जयवीर बंसल, अनिल सिंह, वेंट्रिलोक्विस्ट द्वारा किया जा रहा है।
इस विशेष कार्यक्रम का हिस्सा जादूगर प्रमोद कुमार, प्रेत कलाकार मनीषा स्वर्णकार, कैलाश खेर,श्री मनोज बाजपाई,और भी महान हस्तियां होगी।
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