Diwali: भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्योहारों में से प्रमुख त्योहार दिवाली है जिसे सभी भारतीय उत्साह और प्रसन्नता से मनाते हैं। दिवाली का त्यौहार बुराइयों पर अच्छाई का प्रतीक है। इस बार दिवाली 31 October को मनाया जाएगा।
Table of Contents
Diwali का इतिहास( History)
इस दिन भगवान राम, राक्षस रावण का वध करके अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे।
रावण ने मां सीता का अपहरण कर उन्हें अपने राज्य में कैद कर रखा था उन्हें बचाने के लिए भगवान हनुमान वानर सेना के साथ मिलकर राजा राम की सहायता की और मां सीता को रावण के राज्य से बचाकर ले आए।
भगवान राम लक्ष्मण और सीता के अयोध्या वापस लौटने की खुशी में अयोध्या वासियों ने दीपों को जलाकर पूरे राज्य को रोशन किया और इस दिन को जश्न के रूप में पूरे उत्साह के साथ मनाया।
Diwali से पहले क्या क्या किया जाता है ?
दिवाली हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। इस त्यौहार में लोग कई दिन पहले से तैयारी शुरू कर देते हैं। बाजार में दिवाली के स्वागत की रौनक कई दिन पहले से दिखाई देने लगती है। तरह-तरह की मिठाइयां, रंग बिरंगी लाइट और दिया से सजी हुई बाजार देखने में मनमोहक लगती है।
दिवाली के अवसर पर लोग अपने घरों को साफ सुथरा कर नए-नए रंगों से लिपाई पुताई करते हैं। दिवाली की खरीदारी में लोग पहले से ही जुट जाते हैं।
लोग नए-नए कपड़े खरीदते हैं अपने घर को सजाने के लिए आर्टिफिशियल लाइट और सजावट के सामान खरीदते हैं। दिया भी सैकड़ो की संख्या में खरीदते हैं और अपने घरों को दीपों से सजाते हैं।
सभी लोग विशेष रूप से अपने घरों में रंगोली बनाते हैं और बाजार में बिकने वाली रंगोली के सामग्रियों को खरीदना शुरू कर देते हैं यह देखने में बहुत सुंदर लगती है। लोग अपने घरों में तरह-तरह की मिठाइयां बनाते है।
Diwali कब मनाया जाता है ?
दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली त्यौहार की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है जो दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन लोग खरीदारियों में जुटे रहते हैं नए-नए बर्तन सोने व चांदी के आभूषण खरीदते हैं अपने प्यारों को उपहार और मिठाई भेंट में देते हैं।
इस दिन लोग लक्ष्मी और गणेश की पूजा करते हैं। जो शांति प्रेम और समृद्धि का प्रतीक होता है। घरों में बड़े-बड़े अनुष्ठान और पूजा पाठ की क्रियाएं की जाती है।
सभी लोग दिवाली की खुशी में अपने दोस्त एवं प्रिय जनों को दिवाली की शुभकामनाएं देते हैं और साथ मिलकर इस त्यौहार को धूमधाम से मनाते है। दिवाली के दिन सभी मिलकर खूब जश्न मनाते हैं।
दिवाली के बाद भैया दूज का त्यौहार आता है इस दिन सभी स्त्री अपने भाइयों से मिलती है और उन्हें भोजन कराती है और यह त्यौहार भाई बहन के प्यार का प्रतीक है और उनके रिश्तों में मजबूती प्रदान करता है।
दिवाली का त्योहार खुशी और शांति का प्रतीक है और यह लोगों के जीवन में खुशियां भर देता है यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है यह हमें बुरे काम त्याग कर अच्छे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
ये भी पढ़ें: Dussehra 2024: दशहरा कब है? दशहरा की पूरी जानकारी।