Dussehra 2024: हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक त्योहार Dussehra है जिसे लोग बहुत धूमधाम से मनाते हैं। Dussehra का दूसरा नाम विजयदशमी है और इसे कई जगहों पर दशईं के नाम से भी जाना जाता है।
Table of Contents
Dussehra कब मनाया जाता है ?
यह त्यौहार हिंदू कैलेंडर के हिसाब से आश्विन महीने के दसवें दिन मनाया जाता है। यह त्यौहार नवरात्रि और दुर्गा पूजा के समापन का प्रतीक है।
विजयदशमी दो शब्दों से मिलकर बना है विजय और दशमी। विजय का अर्थ है जीत और दशमी का अर्थ है दसवां दिन। इस प्रकार यह दसवें दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न है।
दशहरे का पर्व भारत के अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग नाम और मान्यताओं के साथ मनाया जाता है। भारत के दक्षिणी पूर्वी उत्तर पूर्वी और कुछ उत्तरी राज्यों में दशहरे के पर्व को विजयदशमी दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है यह पर्व देवी दुर्गा की महिषासुर के खिलाफ जीत का प्रतीक है।
नवरात्रि का पर्व किसे कहते हैं
इस दिन इन जगहों के लोग देवी दुर्गा की बड़ी-बड़ी प्रतिमाओं को भव्य पंडालाे में सजाते हैं और उनकी पूजा करते हैं यह 9 दिन तक चलता है इसलिए इस नवरात्रि का पर्व भी कहा जाता है दसवें दिनलोग जुलूस निकालते हैं और सभी जुलूस में शामिल होते हैं लोग मंत्रो का जाप करते हुए नाचते गाते हुए देवी दुर्गा की मूर्ति को उनके पुत्र गणेश और कार्तिक और पुत्री लक्ष्मी के साथ जल में विसर्जन कर दिया जाता है।
इससे पहले लोग माता को सिंदूर लगाकर और अन्य बंगाली महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर खुशी जाहिर करती है। इसे “सिंदूर खेला” के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है सिंदूर से खेलना।
उत्तरी मध्य और पश्चिमी राज्य में Dussehra को रामलीला के रूप में मनाई जाती है।
वहीं उत्तरी मध्य और पश्चिमी राज्य में यह रामलीला के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। लोग जगह जगह पर रामलीला का नाटक करते हैं जिसमें भगवान राम लक्ष्मण सीता और रावण का नाट्य रूप दिखाया जाता है।
यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन लोग रावण के बड़े-बड़े पुतलों को आतिशबाजी के साथ जलते हैं और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते है।
गुजराती लोग नवरात्रि में एक फोक डांस गरबा का पारंपरिक रूप से आयोजन करते हैं और सभी मिलकर इस में शामिल होती है। इस दिन सभी एक विशेष कपड़ों को पहन कर इस नृत्य को करते हैं जिसमें स्त्री रंग बिरंगी लहंगा चोली और पुरुष रंग-बिरंगे धोती कुर्ते पहने होते हैं।
हिंदू धर्म के दो महाकाव्य रामायण और महाभारत है।
रामायण में यह दिन उस दिन का प्रतीक है जब राम ने लंका नरेश रावण से युद्ध कर दशानन रावण का वध कर दिया था और अपने भाई लक्ष्मण के साथ मिलकर अपनी पत्नी सीता को रावण की लंका से बचाकर वापस ले आए थे।
वही महाभारत में विजयदशमी इस दिन का प्रतीक है कि जब पांडव योद्धा 13 वर्ष के वनवास के बाद लौटे थे और ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने वनवास जाने से पहले अपने हथियार सुरक्षित रखने के लिए शमी के पेड़ पर लटका दिया था। वनवास से वापस लौटकर पांडवों ने अपने हथियार निकाल कर युद्ध मैदान में पहुंच गए और कौरव सेना को हरा दिया।
दशहरे का पर्व धार्मिकता,साहस और प्रेम भावनाओं का प्रतीक है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। सभी को अपनी अंदर की बुराइयों को खत्म कर देना चाहिए। हम सभी के अंदर नकारात्मक भावनाएं और क्रोध, लालच भरे हुए हैं हमें इन सबको त्याग कर सत्य के मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए।
ये भी पढ़ें: Ratan Tata के जीवन की पूरी कहानी।
ये भी पढ़ें: आइए जानते है Bigg Boss 18 के कंटेस्टेंट Karanveer Mehra के बारे में।
Follow
Join WhatsApp Channel