Hindi Diwas 2024: हम भारतीय सभी भाषाओं का करते हैं सम्मान, पर हिंदी ही है हमारी पहचान।
हिंदी हमारी मातृभाषा है इसको जीवित रखने के लिए हम प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन को मनाने का खास उद्देश्य हिंदी भाषा के महत्व को समझाना और इसे बढ़ावा देना है।
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Hindi Diwas का इतिहास (History of Hindi Day)
14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिंदी भाषा को नवभारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। हिन्दी भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक है. भारत में दो आधिकारिक भाषाएं हैं – हिन्दी और अंग्रेज़ी।
संविधान के अनुच्छेद 343(1) के मुताबिक, देवनागरी लिपि में हिन्दी को भारत की राजभाषा घोषित किया गया है। यह निर्णय 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान का एक हिस्सा बन गया।
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा 14 सितंबर 1953 को हिंदी दिवस मनाने का फ़ैसला किया गया। इसके साथ ही एक और विशेष कारण हैं कि हम 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाते हैं वो यह है कि हमारे देश के प्रसिद्ध महान हिंदी कवि “राजेंद्र सिंह” की जयंती भी होती है इन्होंने हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
हिंदी भारत में सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है इसलिए हिंदी दिवस पर हम सभी भारतीय अपनी मातृभाषा के रूप में मनाते हैं।
भारत में बोली जाने वाली भाषाएं (Languages spoken in India)
भारत विभिन्न भाषाओं का देश है भारत में 22 अनुसूचित भाषाएं भी हैं। इनमें असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु, और उर्दू शामिल हैं।
विश्व के अन्य देशों में जहां हिंदी बोली और समझी जाती है में पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, बांग्लोदश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, इंडोनेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, चीन, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, मॉरिशस, यमन, कनाडा आदि देश शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार विश्वभर में हिंदी को प्रथम और द्वितीय भाषा के रूप में बोलने वाले लोगों की संख्या के आधार पर हिंदी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। जिसे दुनियाभर में करीब 61 करोड़ से ज्यादा लोग बोलते हैं।
Hindi भाषा का नाम हिंदी क्यों पड़ा (why the Hindi language was named Hindi)
आईए जानते हैं हिंदी भाषा का नाम हिंदी क्यों पड़ा , हिंदी नाम फारसी भाषा के शब्द “हिंद” से लिया गया है। हिंदी नाम का मतलबसिंधु नदी की भूमि होता है। 11वीं शताब्दी की शुरुआत में फारसी बोलने वाले लोगों ने सिंधु नदी के किनारे बोली जाने वाली भाषा को ‘हिंदी’ का नाम दिया था।
हिंदी दिवस के मौके पर हर साल हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है इस दौरान विद्यालयों, कालेजों और कार्यालय में हिंदी दिवस के प्रचार प्रसार के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य हमारे बीच हिंदी को जीवित रखना है आजकल हम सभी अपने रोजमर्रा की जिंदगी में चाहे वह विद्यालय हो ऑफिस हो यहां तक की अपने घर में सामान्य जीवन में भी अंग्रेजी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।
जिससे हिंदी भाषा अपने अस्तित्व को धीरे-धीरे खो रही है यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी मातृभाषा को जीवित रखें। जब तक हम हिंदी का प्रयोग पूर्ण रूप से नहीं करेंगे तब तक हिंदी भाषा का विकास नहीं हो सकता है इसलिए इस दिन सभी विद्यालयों कॉलेज और कार्यालय में अंग्रेजी भाषा के स्थान पर हिंदी भाषा का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
सभी को अपनी मातृभाषा के प्रति जागरूक किया जाता है। अगर हमने ऐसा ना किया तो आने वाले दशकों में कहीं हमारी मातृभाषा विलुप्त ना हो जाए। इस कारण हिंदी दिवस के मौके पर सभी से यह निवेदन है कि हम अपनी बोलचाल की भाषा में हिंदी का उपयोग करें। यह हम एकजुट होकर कर पाएंगे और अपनी मातृभाषा को विलुप्त होने से बचा सकेंगे और हिंदी भाषा के विकास में अपना योगदान भी कर सकेंगे।
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