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अल्पसंख्यक कांग्रेस के नेतृत्व में Dr. Baba Saheb Ambedkar श्रद्धांजलि समारोह
Nagpur : Dr. Baba Saheb Ambedkar के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर मध्य नागपुर के भानखेडा क्षेत्र में अल्पसंख्यक कांग्रेस कमेटी द्वारा एक भव्य एवं भावनात्मक श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम ने पूरे इलाके को आंबेडकरवादी विचारधारा के रंग में रंग दिया।
इस कार्यक्रम का नेतृत्व शहर अल्पसंख्यक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वसीम खान ने किया, जबकि वरिष्ठ कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रा. दिनेश बानाबाकोडे ने पूरे आयोजन को मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यक्रम के दौरान भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे, जिन्होंने एकजुट होकर बाबासाहेब को श्रद्धांजलि दी।
मध्य नागपुर के प्रभाग क्र. 8 स्थित भानखेडा क्षेत्र में Dr. Baba Saheb Ambedkar की प्रतिमा पर पुष्पहार अर्पित किया गया। ‘जय भीम’ और ‘भीम शक्ति अमर रहे’ के नारे पूरी जगह गूंजते रहे, जिससे वातावरण एकता और समता के संदेश में डूब गया।
कार्यक्रम संचालन और आयोजन की जिम्मेदारी
कार्यक्रम का संचालन मध्य Nagpur ब्लॉक अध्यक्ष प्रा. गोपाल पट्टम ने किया। पूरे आयोजन को सफल बनाने की जिम्मेदारी संगठन सचिव अब्दुल नियाज़ नाजू ने निभाई। उनके प्रयासों से कार्यक्रम सुव्यवस्थित और प्रभावी रूप से संपन्न हुआ।
समारोह में समाजसेविका फरहिन कौसर, भागरती चौहान, किताबुन्निसा, गामा कांबडे, नितिन मूविया, करण केसरी, लक्ष्मण कुरिल, गोलू कुरिल और अब्दुल एजाज़ समेत कई कार्यकर्ता शामिल हुए।

वक्ताओं का संदेश: आंबेडकर सिर्फ नाम नहीं, विचारधारा हैं
इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर भारत के सामाजिक न्याय, समानता और लोकतंत्र के सबसे बड़े सितारे हैं। वह मात्र संविधान निर्माता नहीं, बल्कि एक ऐसी क्रांति के जनक हैं जिसने समाज की जड़ें हिला दी थीं।
वक्ताओं ने बताया कि बाबासाहेब के विचार आज भी देश को दिशा दिखाते हैं। Dr. Baba Saheb Ambedkar की शिक्षाएँ शिक्षा, संघर्ष और संगठन हर पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक हैं। महापरिनिर्वाण दिवस हमें उनकी सोच को समझने और समाज में समता स्थापित करने के संकल्प को दोहराने का अवसर देता है।

Dr. Baba Saheb Ambedkar — भारत के सामाजिक क्रांति पुरुष
Dr. Baba Saheb Ambedkar ने वंचितों, दलितों, महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष किया। सामाजिक भेदभाव, मनुवाद और अन्याय के खिलाफ उन्होंने अपने जीवन का हर क्षण समर्पित कर दिया।
भारतीय संविधान की रचना में Dr. Baba Saheb Ambedkar का योगदान विश्वस्तर पर अनुकरणीय माना जाता है। उन्होंने देश को लोकतंत्र, अधिकारों और समानता की ऐसी नींव दी, जिस पर आधुनिक भारत खड़ा है।
महापरिनिर्वाण दिवस पर लोग न सिर्फ Dr. Baba Saheb Ambedkar श्रद्धा से याद करते हैं, बल्कि यह संकल्प भी लेते हैं कि उनके बताए मार्ग पर चलकर एक समानता आधारित समाज का निर्माण करेंगे।
डॉ. आंबेडकर का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उस समय था। उन्होंने शिक्षा, स्वाभिमान और संगठन को परिवर्तन का सबसे मज़बूत हथियार बताया। उनका मानना था कि समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब हर व्यक्ति को सम्मान, अवसर और न्याय मिले|
चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, वर्ग या पृष्ठभूमि से क्यों न हो। इसलिए, उनके विचार हमें प्रेरित करते हैं कि भेदभाव रहित, न्यायपूर्ण और मानवता पर आधारित भारत का निर्माण ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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