Skip to content

Pay Attention Public: SIR Phase 2 में 12 राज्यों के लिए Updated शेड्यूल – Rules Easy लेकिन Deadline Strict, Benefits भी, चुनौतियाँ भी, मतदाता सावधान रहते हुए SIR फॉर्म भरे

Pay Attention Public: SIR Phase 2 में 12 राज्यों के लिए Updated शेड्यूल - Rules Easy लेकिन Deadline Strict, Benefits भी, चुनौतियाँ भी, मतदाता सावधान रहते हुए SIR फॉर्म भरे

Election Commission का बड़ा फैसला SIR Phase 2 का नया शेड्यूल

देश की सबसे बड़ी और भरोसेमंद चुनावी संस्था इलेक्शन कमीशन (Election Commission) ने 30 नवंबर 2025 को एक अहम ऐलान किया। Election Commission ने बताया कि मतदाता सूची की Special Intensive Revision यानी SIR के दूसरे चरण (SIR Phase 2) का जो पुराना टाइम-टेबल था, उसे अब बदल दिया गया है। मतलब सीधी भाषा में कहें तो वोटर लिस्ट को फिर से अपडेट करने वाली बड़ी कारवाई अब नए शेड्यूल के मुताबिक चलेगी।

Election Commission का कहना है कि इस बदलाव का सिर्फ एक ही मक़सद है वोटर लिस्ट को और ज़्यादा साफ़-सुथरा, भरोसेमंद, पारदर्शी और अप-टू-डेट बनाया जाए, ताकि कोई भी सही मतदाता वोट देने के हक़ से महरूम न रह जाए और कोई फ़र्ज़ी या डुप्लीकेट नाम लिस्ट में न रहे।

अब बात करते हैं उन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की, जहाँ SIR Phase 2 लागू होगा। Election Commission ने बिलकुल साफ़ शब्दों में बताया है कि इस चरण में ये क्षेत्र शामिल हैं:

अंडमान एवं निकोबार
छत्तीसगढ़
गोवा
गुजरात
केरल
लक्षद्वीप
मध्य प्रदेश
पुदुचेरी
राजस्थान
तमिलनाडु
उत्तर प्रदेश
पश्चिम बंगाल

ये 12 इलाके यूं ही नहीं चुने गए इसके पीछे ठोस वजह है। इन राज्यों और UT में आने वाले महीनों में विधानसभा चुनाव या स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं, और ऐसे समय में मतदाता सूची का बिल्कुल सही और अपडेट होना बहुत ज़रूरी है।

Election Commission का मानना है कि अगर वोटर लिस्ट पहले से ठीक कर दी जाए नए वोटर आसानी से जोड़े जा सकते हैं, जिनका नाम गलती से छूट गया है वे शामिल हो सकें, और जिन लोगों के डुप्लीकेट रिकॉर्ड या गलत डिटेल्स हैं, उन्हें सुधारा या हटाया जा सके। यानी कुल मिलाकर बात इतनी सी है हर सही नागरिक वोट कर पाए और चुनाव बिल्कुल ईमानदारी और पारदर्शिता से हों।

अगर सीधी, आम-ज़िंदगी वाली भाषा में कहें तो Election Commission ये सब इसलिए कर रहा है ताकि कल जब चुनाव का दिन आए, तो कोई ये न कहे कि “अरे मेरा नाम लिस्ट में नहीं है”, और कोई भी गलत पहचान या डुप्लीकेट नाम वोट डालकर लोकतंत्र का मज़ाक न बना पाए।

नया शेड्यूल: SIR Phase 2 कब और कैसे चलेगा?

Election Commission यानी इलेक्शन कमीशन ने SIR Phase 2 के लिए पूरा और तफ़सीली (detail वाला) शेड्यूल जारी कर दिया है। मतलब कौन-कौन सा काम कब होगा, उसकी पूरी लिस्ट सामने आ चुकी है। इसी के कुछ अहम और समझने लायक पॉइंट नीचे दिए जा रहे हैं।

सबसे पहले शुरूआत होगी प्रिंटिंग और ट्रेनिंग से मतलब फॉर्म, दस्तावेज़ और जरूरी सामग्री छापना और बूथ-लेवल अधिकारियों व कर्मचारियों को पूरी ट्रेनिंग देना। ये काम 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 के बीच पूरा किया जाएगा।

इसके बाद शुरू होगा घर-घर जाकर मतदाता गणना (House-to-House Visit) यानी अधिकारी हर घर पर जाकर पूछताछ करेंगे कि परिवार में कितने सदस्य वोटर हैं, कौन नया 18 साल का हुआ है, किसका पता बदला है या कौन नाम हटवाना चाहता है। ये पूरा सर्वे 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगा मतलब पूरा एक महीना लोगों के घर तक जाकर जानकारी इकट्ठा की जाएगी।

फिर आएगा वो दिन जब ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की जाएगी यानि मतदाताओं के नाम, पता व विवरणों वाली लिस्ट पहली बार पब्लिक के सामने रखी जाएगी। ये 9 दिसंबर 2025 को जारी होगी जिसमें हर नागरिक अपना नाम देख सकेगा।

उसके बाद शुरू होगा Claims और Objections का दौर अगर किसी का नाम लिस्ट में दिख नहीं रहा, या किसी की जानकारी गलत है, या किसी गैर-मौजूद सदस्य का नाम निकलता है तो शिकायत या बदलाव की अर्जी दी जा सकेगी। ये चरण 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक चलेगा यानी लगभग पूरा एक महीना लोगों को मौका दिया जाएगा।

इसी दौरान नोटिस, सुनवाई और दस्तावेज़ों की जांच (Verification) भी चलेगी जिन लोगों ने दावा/आपत्ति लगाई है, उनके कागज़ और सबूत चेक किए जाएंगे, जरूरत पड़े तो उन्हें बुलाकर सुना भी जाएगा। ये प्रक्रिया 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक चलेगी यानी मामला जल्दबाजी में नहीं बल्कि अच्छे से जांच-पड़ताल के साथ निपटाया जाएगा।

और आखिर में आएगी वो तारीख, जिसका सबको इंतज़ार रहेगा अंतिम मतदाता सूची (Final Electoral Rolls) का प्रकाशन। Election Commission के अनुसार इसकी घोषणा 7 फरवरी 2026 को होगी, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स यह भी कहती हैं कि तारीख 14 फरवरी 2026 तक बढ़ाई जा सकती है यानी हल्की बहुत गुंजाइश है।

अगर आगे चलकर किसी कारण से Election Commission शेड्यूल में और बदलाव करता है, तो इसकी जानकारी राज्य के चुनाव अधिकारियों के ज़रिए तुरंत जनता तक पहुँचाई जाएगी। यानी किसी भी राज्य में तारीख बदलती है, तो लोग अंधेरे में नहीं रखे जाएंगे जानकारी बिलकुल साफ़ तरीके से दी जाएगी।

कुल मिलाकर साधारण शब्दों में इस नए शेड्यूल से ये उम्मीद की जा रही है कि पूरी SIR प्रक्रिया और ज्यादा मैनेज्ड, व्यवस्थित और प्रोफ़ेशनल तरीके से चलेगी। इससे वोटर लिस्ट में गलतियां कम होंगी, फर्जी और डुप्लीकेट नाम हटेंगे, और हर हक़दार नागरिक का नाम सही जानकारी के साथ लिस्ट में जुड़ सकेगा।

SIR Phase 2 है क्या और क्यों जरूरी?

SIR का मतलब क्या होता है?

SIR का पूरा नाम है Special Intensive Revision, जिसे हिंदी में कहा जाए तो “विशेष गहन पुनरीक्षण”। आसान भाषा में समझें तो यह एक बड़ी और बहुत बारीकी से की जाने वाली प्रक्रिया है, जिसमें मतदाता सूची यानी वोटर लिस्ट को बिल्कुल नए तरीके से अपडेट किया जाता है ताकि कोई भी इंसान जो वोट डालने का हकदार है, वो लिस्ट में शामिल हो और कोई ऐसा नाम न रहे जो गलत या डुप्लीकेट हो।

किन लोगों के नाम जोड़े या हटाए जाते हैं?

इस पूरे काम में कई अहम बदलाव किए जाते हैं 18 साल या उससे ज़्यादा उम्र वाले नए लड़के-लड़कियों (युवा मतदाताओं) के नाम पहली बार लिस्ट में जोड़े जाते हैं। जिन लोगों का इंतेक़ाल (मृत्यु) हो चुका है उनका नाम लिस्ट से हटाया जाता है।

जो लोग किसी और शहर या राज्य में हमेशा के लिए शिफ्ट हो चुके हैं उनके नाम भी हटाए जाते हैं। जिनका नाम गलती से दो बार या अलग-अलग जगह चढ़ गया है ऐसी डुप्लीकेट एंट्रियों को भी खत्म किया जाता है। लोगों के नाम, एड्रेस, फ़ोटो, जेंडर या दूसरे डीटेल्स में अगर कोई गलती हो, तो उसे भी सही किया जाता है।

ये पूरा काम कौन करता है?

यह सारा काम ग्राउंड लेवल पर बूथ-स्तर के अधिकारी (BLO – Booth Level Officer) के ज़रिए किया जाता है। BLO का रोल इस तरह से होता है वह हर घर पर जाते हैं मतदाता गणना वाला फॉर्म देकर आते हैं लोगों के नाम और जानकारी नोट करते हैं फिर मतदाता उससे फॉर्म भरकर वापस देते हैं| यानी यह बिल्कुल घर-घर सर्वे जैसा काम है ताकि कोई भी इंसान मिस न हो जाए।

SIR क्यों किया जाता है? असल मक़सद

SIR Phase 2 शुरू करने के पीछे इलेक्शन कमीशन की सोच बहुत साफ़ है देश में “एक इंसान एक वोट” का सिद्धांत बिल्कुल पक्का रहे फर्जी वोटिंग व डुप्लीकेट एंट्रियों पर पूरी तरह रोक लगे हर योग्य नागरिक का नाम वोटर लिस्ट में मौजूद हो चुनाव पारदर्शी, भरोसेमंद और बिना शिकायतों के हो सकें मतलब चुनाव के दौरान “नाम कट गया, नाम चढ़ा नहीं, नाम दो बार आ गया” जैसी परेशानियों को कम से कम करना यही SIR का असली लक्ष्य है।

SIR Phase 2 प्रक्रिया दिखने में भले ही थोड़ी लंबी लगती है, लेकिन देश का लोकतंत्र मज़बूत करने में यह बेहद महत्वपूर्ण कदम है। क्योंकि दुनिया में सबसे बड़ा हक वोट का हक तभी मायने रखता है जब वोटर लिस्ट बिल्कुल साफ़, सही और अपडेटेड हो।

इसलिए इलेक्शन कमीशन और BLO की टीमों का यह काम मतदाता सूची को दुरुस्त करना, दुबारा चेक करना, और हर योग्य नागरिक को उसका वोटर अधिकार मुहैया कराना पूरी तरह लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत बनाता है।

Election Commission ने SIR Phase 2 का नया शेड्यूल क्यों निकाला?

Election Commission ने SIR Phase 2 के लिए नया शेड्यूल इसलिए जारी किया है क्योंकि पहले जो तारीखें तय थी, उन पर अमल करने में कई जगहों पर मुश्किलें सामने आ रही थीं। कई राज्यों में चुनाव की तैयारियाँ चल रही थीं मौसम का असर था सरकारी कर्मचारियों पर प्रशासनिक कामों का बोझ बढ़ा हुआ था

इन सब बातों को सोचते और “सुविधा, समन्वय और सही टाइमिंग” को ध्यान में रखते हुए तारीखों में बदलाव करना जरूरी समझा गया। यानी सिस्टम को जल्दबाजी में नहीं, आराम से और मजबूती से चलाना ही इलेक्शन कमीशन का मकसद था।

लेकिन शुरू होते ही विवाद भी खड़े हो गए SIR Phase 2 के शुरू होते ही कुछ राजनीतिक दलों और कुछ राज्य सरकारों ने आपत्ति उठाई है। उनका कहना है SIR की प्रक्रिया बहुत तेज़ रफ़्तार में चलाई जा रही है इससे कई असल मतदाता लिस्ट में शामिल होने से चूक सकते हैं दावे–आपत्तियों और वेरिफिकेशन में समय की कमी पड़ेगी खासकर उन राज्यों में जहां चुनाव जल्द आने वाले हैं गड़बड़ियों का खतरा ज्यादा है

उनका डर ये भी है कि जल्दबाज़ी में की गई मतदाता गणना कहीं लोगों के वोटिंग अधिकार छीन न ले। यानी चिंता है कि “नाम छूट न जाए, गलत न चढ़ जाए, या समय की कमी में दावे न लिए जा सकें।” Election Commission का जवाब “चिंता मत कीजिए, सुविधा पूरी मिलेगी”

Election Commission ने इस विवाद पर साफ कहा है कि किसी भी नागरिक को तकलीफ़ या नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए कई इंतज़ाम किए गए हैं| ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर नाम जोड़ने, बदलाव कराने और शिकायतें दर्ज करने की सुविधा BLO की टीमों द्वारा घर-घर संपर्क हेल्पडेस्क |

और कैंप लगाकर मतदाताओं को जानकारी देना जरूरत पड़ने पर स्थानीय स्तर पर तारीखों में ढील यानी EC का कहना है काम तेज़ ज़रूर है, लेकिन जल्दबाजी नहीं व्यवस्था पूरी रखकर किया जा रहा है। हर योग्य नागरिक को वोट देने का हक मिले यही सबसे बड़ा लक्ष्य है।

बहस चल रही है, लेकिन मक़सद साफ है मौजूदा हालात में एक तरफ राजनीतिक बहस और प्रशासनिक चुनौतियाँ हैं, तो दूसरी तरफ इलेक्शन कमीशन की ये कोशिश भी है कि मतदाता सूची पूरी तरह अपडेट, साफ़ और भरोसेमंद हो कोई भी असली मतदाता लिस्ट से बाहर न रह जाए चुनाव निष्पक्ष, पारदर्शी और बेदाग़ हों यानी मामला थोड़ा गर्म भी है और अहम भी लेकिन आख़िर में बात देश के लोकतंत्र और हर नागरिक के वोट के अधिकार की है।

क्या बदल जाएगा मतदाता अनुभव और आपको क्या करना चाहिए?

अगर आप उन 12 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में रहते हैं जहाँ SIR Phase-2 चल रहा है, तो सिर्फ़ इंतज़ार करके मत बैठिए। यह आपका हक़ भी है और ज़िम्मेदारी भी इसलिए थोड़ा एहतियात और थोड़ी तैयारी आपके काम को बहुत आसान बना देगी।

सबसे पहले अपने पहचान वाले दस्तावेज़, पता प्रूफ़, आयु प्रमाण आदि पहले से इकट्ठे करके रख लें क्योंकि जब बूथ-लेवल ऑफिसर (BLO) आपके घर पर आएंगे, तो समय बच जाएगा और जानकारी बिल्कुल सही दर्ज होगी।

जब BLO आपको फॉर्म दे तो उसे ऐसे ही रख मत दीजिए। आराम से बैठकर पूरा ध्यान से पढ़िए, नाम और विवरण एक-एक लाइन चेक कीजिए और गलतफहमी में या जल्दबाज़ी में गलती न होने दें। फॉर्म भरते समय यदि कोई स्पेलिंग, पता, उम्र, या रिश्ते की जानकारी गलत लगे उसी समय सुधार दीजिए। और कोशिश कीजिए कि फॉर्म समय पर जमा हो जाए देर न हो।

अगर आपकी वोटर-आईडी अभी तक बनी नहीं है या आप नया पता जोड़ना चाहते हैं या पहले वाली जानकारी बदल गई है तो बिल्कुल बेझिझक अपना आवेदन कर दीजिए।
आजकल ऑनलाइन भी आसानी से सब अपडेट हो जाता है, लंबी-लंबी लाइनें लगाने की भी ज़रूरत नहीं पड़ती। और अगर किसी वजह से आपका नाम लिस्ट में नहीं आता नाम दो बार चढ़ गया है परिवार के किसी सदस्य का नाम गायब है या डेटेल्स गलत दर्ज हैं

तो परेशान होने की ज़रूरत नहीं तय समय के अंदर Claim / Objection दाख़िल करें और अधिकारियों से संपर्क करें। ये आपका हक़ है और इसे इस्तेमाल करना ज़रूरी है। याद रखिए बदलाव सिर्फ़ सिस्टम से नहीं होता हम सबकी छोटी-सी कोशिश से पूरा सिस्टम मज़बूत बनता है।

आपका एक सही फॉर्म, समय पर जमा किया गया दस्तावेज़, और सही जानकारी देने का जिम्मेदार रवैया पूरे चुनावी ढाँचे को मज़बूत बनाता है और लोकतंत्र को सही मायने में कायम रखता है। आख़िरकार एक-व्यक्ति एक वोट” सिर्फ़ कानून की लाइन नहीं है, बल्कि देश की इज़्ज़त और जनता की ताक़त का असल सबूत है।

यह भी पढ़ें –
Winter Session 2025 in Parliament: दलों की Powerful Collaboration से लोकतंत्र मजबूत बनने की उम्मीद, SIR पर Positive Dialogue से शांति और समाधान की राह खुल सकती है

Incredible Police Response: Kapil Sharma के Kap’s Café में हुई firing conspiracy में अपराधियों Goldy Dhillon network को पकड़कर सुरक्षा का positive example set किया

Join WhatsApp Channel

Subscribe