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Democracy 1st: Rahul Gandhi की Ramlila Maidan Rally से कांग्रेस ने दिखाई Strong Comeback की तैयारी, Vote chor gaddi chhor बना Historic Moment

Democracy 1st: Rahul Gandhi की Ramlila Maidan Rally से कांग्रेस ने दिखाई Strong Comeback की तैयारी, Vote chor gaddi chhor बना Historic Moment

Rahul Gandhi की Ramlila Maidan Rally

आज 14 दिसंबर 2025 को दिल्ली के मशहूर और ऐतिहासिक रामलीला मैदान में कांग्रेस पार्टी ने एक बहुत बड़ी रैली की। इस Ramlila Maidan Rally का नारा था “वोट चोर, गद्दी छोड़”, यानी लोगों के वोट से खेलने वालों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना और उनसे सत्ता छोड़ने की माँग करना।

यह Ramlila Maidan Rally कोई आम सभा नहीं थी। यहाँ सिर्फ भाषण ही नहीं हुए, बल्कि लोकतंत्र की बात, अवाम के हक़ की बात और ईमानदार चुनाव की ज़रूरत पर खुलकर चर्चा हुई। कांग्रेस ने इस मंच से साफ़ कहा कि देश में वोट देने की प्रक्रिया के साथ जो खेल हो रहा है, उसके ख़िलाफ़ अब चुप नहीं बैठा जाएगा।

रैली में मौजूद नेताओं ने कहा कि मतदाताओं की आवाज़ दबाने की कोशिश हो रही है, कभी वोटर लिस्ट से नाम हटाए जा रहे हैं तो कभी सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं। इसी वजह से कांग्रेस ने सरकार और चुनाव आयोग दोनों से सीधे जवाब माँगा और कहा कि अगर लोकतंत्र ज़िंदा रखना है, तो चुनाव पूरी तरह साफ़ और निष्पक्ष होने चाहिए।

Ramlila Maidan Reilly में जमा हुई भीड़ बता रही थी कि यह मुद्दा सिर्फ राजनीति का नहीं, बल्कि हर आम आदमी के हक़ का है। लोग हाथों में तख्तियाँ लिए, नारे लगाते हुए यही कह रहे थे कि वोट हमारी ताक़त है और इसे छीने जाने नहीं देंगे।

कुल मिलाकर, यह रैली सत्ता के ख़िलाफ़ ग़ुस्से का इज़हार भी थी और लोकतंत्र को बचाने की एक पुकार भी। कांग्रेस ने साफ़ संदेश दिया कि वह अवाम के हक़, इंसाफ़ और जम्हूरियत के लिए आख़िरी दम तक लड़ती रहेगी।

मुख्य लक्ष्य: मतदाताओं के अधिकार और चुनावी निष्पक्षता

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि आज देश में चुनाव की पूरी प्रक्रिया पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। पार्टी का आरोप है कि कहीं वोटों की चोरी हो रही है, कहीं मतदाताओं के नाम चुपचाप वोटर लिस्ट से काटे जा रहे हैं, और कहीं सरकारी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह सब कुछ लोकतंत्र के लिए बेहद ख़तरनाक है।

इसी वजह से कांग्रेस ने यह Ramlila Maidan Rally की, ताकि अवाम के सामने सच्चाई रखी जा सके और उन गड़बड़ियों को उजागर किया जा सके, जो चुनावी सिस्टम में हो रही हैं। पार्टी का मक़सद है कि सरकार और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत को लेकर जो आरोप संसद से लेकर सड़क तक लगाए जा रहे हैं, उन पर पूरे देश का ध्यान जाए।

कांग्रेस का कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ सत्ता की नहीं, बल्कि इंसाफ़, ईमानदारी और जम्हूरियत को बचाने की लड़ाई है। इसी जंग में लोगों को साथ लाने और आवाज़ बुलंद करने के लिए पार्टी ने जनता से सीधा जुड़ने का रास्ता चुना है।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि इस मुद्दे पर देश भर में लोगों का ज़बरदस्त समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि पार्टी अब तक करीब 55 लाख लोगों के दस्तख़त इकट्ठा कर चुकी है। यह दिखाता है कि यह आंदोलन किसी एक पार्टी का नहीं, बल्कि देश के करोड़ों आम लोगों की चिंता और आवाज़ बन चुका है।

कांग्रेस नेताओं की उपस्थिति: Rahul Gandhi से लेकर कई दिग्गज

इस Ramlila Maidan Rally में कांग्रेस के कई बड़े और जाने-माने चेहरे मौजूद रहे। राहुल गांधी, जो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और इस वक्त विपक्ष के अहम नेता हैं, खुद मंच पर दिखाई दिए। उनके साथ मल्लिकार्जुन खरगे, जो पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष हैं, भी रैली में शामिल हुए और उन्होंने भी अपनी बात रखी।

इसके अलावा प्रियंका गांधी वाड्रा भी रैली में मौजूद थीं, जिन्होंने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, सचिन पायलेट समेत कई और बड़े नेता भी इस मौके पर पहुंचे।

सिर्फ बड़े नेता ही नहीं, बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों से आए कांग्रेस के विधायक, पार्टी कार्यकर्ता और हज़ारों समर्थक भी भारी तादाद में रामलीला मैदान में जुटे थे। पूरे मैदान में जोश और जज़्बा साफ़ नजर आ रहा था और हर तरफ़ यही एहसास था कि लोग अपनी आवाज़, अपने हक़ और अपनी जम्हूरियत के लिए एकजुट होकर खड़े हैं।

रविवारी सभा में Rahul Gandhi के मुख्य बयान

Ramlila Maidan Rally के दौरान Rahul Gandhi ने सरकार और चुनाव आयोग दोनों पर खुलकर और कड़े लहजे में बात की। उन्होंने कहा कि देश में चुनाव को लेकर जो हालात बन रहे हैं, वह बेहद चिंताजनक हैं और इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

वोट चोरी को लेकर आरोप

Rahul Gandhi ने कहा कि आज भारत में चुनावी सिस्टम में अचानक अजीब-अजीब गड़बड़ियाँ सामने आ रही हैं। कहीं लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब किए जा रहे हैं, तो कहीं धांधली के साफ़ इशारे मिल रहे हैं। उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि अगर वोट की पवित्रता खत्म हुई, तो लोकतंत्र भी ख़तरे में पड़ जाएगा। यह सिर्फ एक पार्टी का मुद्दा नहीं, बल्कि हर हिंदुस्तानी के हक़ का सवाल है।

सत्ता और सत्ताधारियों पर सीधा हमला

Rahul Gandhi ने कहा कि यह लड़ाई किसी कुर्सी या ताक़त की नहीं है, बल्कि सच और झूठ की लड़ाई है। एक तरफ़ सत्ता को बचाने की कोशिश हो रही है, तो दूसरी तरफ़ कांग्रेस और विपक्ष सच्चाई, इंसाफ़ और जम्हूरियत के साथ खड़े हैं। उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस हमेशा से निष्पक्ष चुनाव और मजबूत लोकतंत्र के पक्ष में रही है।

चुनाव आयोग पर उठे सवाल

Rahul Gandhi ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जिस संस्था को पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष होना चाहिए था, वह आज सरकार की मददगार बनती नज़र आ रही है। उन्होंने पूछा कि जब रेफरी ही पक्षपाती हो जाए, तो मुकाबला कैसे बराबरी का रह सकता है?

सभा का माहौल और जनता का जोश

रामलीला मैदान में सुबह से ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। चारों तरफ़ लाल और हरे झंडे, नारे और तालियों की गूंज थी। लोग पूरे जोश के साथ लोकतंत्र बचाओ, निष्पक्ष चुनाव कराओ और मतदाता के हक़ की हिफ़ाज़त जैसे नारे लगा रहे थे। माहौल से साफ़ दिख रहा था कि लोगों के दिलों में ग़ुस्सा भी है और बदलाव की उम्मीद भी।

बीजेपी और अन्य दलों की प्रतिक्रिया

दूसरी ओर, बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि देश में चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी होते हैं और कांग्रेस जो कुछ भी कर रही है, वह सिर्फ़ सियासी ड्रामा और प्रचार है। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस इस तरह की रैलियों के ज़रिये अपना वोट बैंक मज़बूत करना चाहती है।

राजनीतिक मायने

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस रैली का मतलब सिर्फ़ एक दिन की भीड़ नहीं है। यह आम जनता को लोकतंत्र के मुद्दे पर जोड़ने की बड़ी कोशिश है। आने वाले चुनावों से पहले ऐसी रैलियाँ राजनीतिक टकराव को और तेज़ करेंगी। साफ़ है कि विपक्ष अब बीजेपी और चुनाव आयोग दोनों के ख़िलाफ़ अपनी रणनीति को और मज़बूती से आगे बढ़ाने के मूड में है।

विश्लेषण: क्या यह रैली कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण मोड़ है?

राजनीतिक जानकारों और विश्लेषकों का मानना है कि यह रैली कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी कसौटी है। इस मंच के ज़रिये पार्टी यह दिखाना चाहती है कि उसमें आज भी ताक़त है, संगठन ज़िंदा है और अवाम के बीच उसकी साख अब भी कायम है। पिछले कुछ महीनों में अलग-अलग चुनावों में कांग्रेस को मुश्किल नतीजों का सामना करना पड़ा है, ऐसे में यह रैली एक तरह से सियासी ऐलान भी मानी जा रही है कि कांग्रेस अभी मैदान छोड़ने वाली नहीं है।

विश्लेषकों का कहना है कि इस रैली के ज़रिये कांग्रेस ने साफ़ संदेश दिया है कि वह हार से टूटने वाली पार्टी नहीं है, बल्कि लोकतांत्रिक क़द्रों और उसूलों की हिफ़ाज़त के लिए सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई जारी रखेगी। यह सिर्फ़ भाषणों का मंच नहीं था, बल्कि पार्टी ने यहाँ से अपनी आगे की लड़ाई की दिशा भी तय करने की कोशिश की।

आज Ramlila Maidan Rally में जो कुछ हुआ, वह सिर्फ़ एक आम सभा तक सीमित नहीं था। यह भारत की जम्हूरी सियासत का एक बड़ा लम्हा बन गया है। राहुल गांधी और कांग्रेस ने इस मंच से मतदाताओं के हक़, निष्पक्ष चुनाव और सत्ता में बैठे लोगों से जवाबदेही की माँग के साथ खुलकर मोर्चा खोल दिया है।

इस रैली की गूंज सिर्फ़ मैदान तक नहीं रही। यह एलान मीडिया की सुर्खियाँ बन गया है और साथ ही आम लोगों के बीच सियासी बहस को और तेज़ कर रहा है। साफ़ है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा देश की राजनीति में और ज़्यादा गर्माने वाला है।

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