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Abhishek Sharma ने बनाए 32 गेंदों में 100 रन, उनकी Records Breaking performance के दम पर छा गए Abhishek Sharma, Selection के दरवाज़े ज़ोर से खुलते नज़र आए

Abhishek Sharma ने बनाए 32 गेंदों में 100 रन, उनकी Records Breaking performance के दम पर छा गए Abhishek Sharma, Selection के दरवाज़े ज़ोर से खुलते नज़र आए

Abhishek Sharma की रिकॉर्ड तोड़ देने वाली 32-गेंद की सेंचुरी

30 नवंबर 2025 को Syed Mushtaq Ali Trophy (SMAT) के मैच में ऐसा तूफ़ान आया जिसे देखकर हर क्रिकेट दीवाना दंग रह गया। पंजाब की कमान संभाल रहे Abhishek Sharma ने बल्लेबाज़ी नहीं की सीधा क़हर बरपा दिया। बंगाल के खिलाफ मैदान पर उतरते ही उन्होंने गेंदबाज़ों को समझ ही नहीं आने दिया कि आखिर हो क्या रहा है।

सोचिए सिर्फ 12 गेंदों में पचासा (50 रन) पूरा कर दिया। फिर इसी रफ्तार में आगे बढ़ते हुए सिर्फ 32 गेंदों में सेंचुरी (100 रन) जमा दी। और आख़िर में 52 गेंदों पर तूफ़ानी 148 रन बनाकर नॉटआउट लौटे। उनकी पूरी पारी में 16 छक्के और 8 चौके फटकारे यानी कुल रन का बड़ा हिस्सा सिर्फ बाउंड्री से ही आया। हर शॉट में दम था, हर छक्का ऐसा लग रहा था जैसे गेंद आसमान चीरकर जा रही हो।

गेंदबाज़ बेचारे क्या करते लाइन बदलो, लेंथ बदलो, स्पीड बदलो मगर Abhishek Sharma आज किसी और ही मोड में थे। ऐसा लग रहा था कि बैट नहीं, तोप चल रही है। हर तरफ़ शोर, हर तरफ़ हैरत स्टेडियम में मौजूद फैन्स तो पागल जैसे हो गए, और जो टीवी पर मैच देख रहे थे वो भी बोल उठे:

“भाई ये तो आग लगा दी!” इस पारी के बाद Abhishek Sharma का नाम फिर चर्चा में है कुछ लोग उन्हें “फ्यूचर का T20 किंग” कह रहे हैं, तो कुछ बोल रहे हैं, “ये लड़का इंडिया के लिए वर्ल्ड क्रिकेट में बहुत बड़ा धमाका करेगा।” एक बात तो साफ़ है आज जिस अंदाज़ में उन्होंने खेला, वो क्रिकेट नहीं जादू था, इश्क था, दीवानगी थी।

Abhishek Sharma के कुछ चौंकाने वाले आँकड़े और रिकॉर्ड्स

Abhishek Sharma ने जो पारी खेली है ना, उसे सिर्फ “कमाल” कहना भी छोटा पड़ेगा। सबसे पहले सिर्फ 12 गेंदों में अर्धशतक लगा दिया। यकीन मानिए, इंडिया के टी20 बल्लेबाज़ों की लिस्ट में इतनी तेज़ फिफ्टी बहुत कम देखने को मिलती है। यानी गेंदबाज़ों की सांसें वहीं अटक गईं।

फिर क्या 32 गेंदों में शतक, और ये बात भी रिकॉर्ड बुक में दर्ज होती है कि भारतीय बल्लेबाज़ों में यह तीसरा सबसे तेज़ T20 शतक है। मतलब बल्ला नहीं चल रहा था, आंधी चल रही थी।

इसके बाद तो क़िस्सा और भी तगड़ा 148 रन की पूरी पारी, जो T20 में भारत की तरफ़ से खेली गई पारियों में दूसरी सबसे बड़ी व्यक्तिगत इनिंग बन गई है। ऐसे आंकड़े रोज़-रोज़ नहीं बनते, जनाब।

और छक्कों का हिसाब? एक ही पारी में 16 छक्के SMAT के इतिहास में इतने ज़्यादा छक्के एक मैच में बहुत कम बल्लेबाज़ों ने लगाए हैं। हर छक्का ऐसा कि लग रहा था गेंदबाज़ सोच रहे होंगे “भाई, हम किसको गेंद डाल रहे हैं!”

सालाना रिकॉर्ड की बात करें तो 2025 के पूरे कैलेंडर ईयर में T20 में सबसे ज़्यादा छक्के लगाने वाला नया बादशाह भी अब Abhishek Sharma ही बन गया है। यानी इस साल गेंदबाज़ों ने सबसे ज़्यादा दर्द इन्हीं के हाथों झेला है।

और इन सब का नतीजा क्या निकला? उनकी इस आग बरसाती पारी की वजह से पंजाब ने 20 ओवर में 310/5 का ऐसा विशाल स्कोर बना दिया जो घरेलू T20 मैचों में बहुत दुर्लभ और अख़बारों की हेडलाइन बनने वाला स्कोर है। आज तो वाकई Abhishek Sharma ने क्रिकेट नहीं खेला दिल जीत लिया, मैदान पर इश्क़ उड़ेला और रिकॉर्ड्स को रौंदकर रख दिया।

Abhishek Sharma की पारी का नज़ारा कैसे हुई इतनी तेजी

जब Abhishek Sharma और उनके ओपनिंग पार्टनर Prabhsimran Singh मैदान पर उतरे, तो शुरुआत से ही हवा में एक अजीब-सी बेचैनी और रोमांच था जैसे लग रहा था “आज कुछ बड़ा होने वाला है।” और वही हुआ भी।

पहले ही ओवर में अपने पुराने साथी Mohammed Shami की गेंदों पर 23 रन उड़ा दिए। गेंदबाज़ तो समझ ही नहीं पाए कि लाइन बदलें या लेंथ पर दोनों बैटर्स पहले से ही मर्सी मोड में नहीं, सीधे तूफ़ानी मोड में थे। इसके बाद जो हुआ वो तो जैसे फिल्मी सीन लग रहा था पहली 12 गेंदों में ही दोनों बल्लेबाज़ 50-50 रन पर पहुँच गए।

पांच चौके, पांच छक्के हर शॉट में ऐसा दम, ऐसा टच कि स्टेडियम में बैठे लोग भी बस वाह–वाह करते रह गए। ये साफ़ दिख रहा था कि Abhishek Sharma पूरी प्लानिंग के साथ, ज़बरदस्त मूड में खेले सीधे शुरू से।

और पारी रुकी नहीं Abhishek Sharma ने उसी रफ्तार में आगे बढ़ते हुए सिर्फ 32 गेंदों में शतक पूरा किया। शतक भी साधारण नहीं 11 छक्के और 7 चौकों की मदद से। इस मुकाम पर पहुँचकर उन्होंने भारतीय टी20 इतिहास के बड़े-बड़े नामों की बराबरी कर दी और शायद उनसे आगे निकलने का एलान भी कर दिया।

फिर आख़िर में जो क्लाइमेक्स आया वो क़िस्सा ही अलग था। 52 गेंदों में 148 रन, और 16 छक्कों की बारिश। आज मैदान पर क्रिकेट नहीं, तूफ़ान खेला गया और उस तूफ़ान का नाम था Abhishek Sharma।

गेंदबाज़ों के लिए आज की रात शायद नींद वाली नहीं और दर्शकों के लिए भुलाने वाली नहीं। क्योंकि ऐसी पारी रोज़ नहीं बनती ये वो वाली इनिंग थी जिसमें जुनून भी था, जज़्बा भी था, और जादू भी।

इस पारी का मतलब सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं

Abhishek Sharma की यह पारी ये साफ़ दिखाती है कि वो सिर्फ एक “तेज़ स्ट्राइक-रेट वाला बल्लेबाज़” नहीं हैं। ये कहना गलत होगा कि वो बस आते हैं, कुछ छक्के मारते हैं और चले जाते हैं। नहीं आज की इनिंग ने पूरे देश को ये समझा दिया कि वो मैच जिता लाने वाले खिलाड़ी, यानी फिनिशर और फ़ाइटर, दोनों की कैटेगरी में आते हैं। जब टीम को बड़ी ज़िम्मेदारी चाहिए होती है, जब मैच हाथ से निकलने की कगार पर होता है, तब ऐसे खिलाड़ी ही टीम की किस्मत पलटते हैं और आज Abhishek Sharma ने यही कर दिया।

Domestic क्रिकेट में इस तरह का प्रदर्शन आसान नहीं होता। यहां हर गेंदबाज़ भूखा होता है, हर टीम के पास रिसर्च होती है, और हर रन मेहनत से मिलता है। लेकिन जिस शिद्दत से Abhishek खेले उससे साबित हो गया कि उनकी क्लास, उनकी फिटनेस और उनकी मानसिक मज़बूती अब किसी औसत खिलाड़ी जैसी नहीं रही। अब वो एक बड़े पायदान पर खड़े हो चुके हैं जहाँ चुनाव करने वाले, सेलेक्टर्स और कोच, सबकी नज़र खुद-ब-खुद उन पर टिक जाती है।

अब ये भी बात सब समझ चुके हैं कि अगर भारत को आने वाले सालों में T20 क्रिकेट में बड़ा और मजबूत बनना है तो Abhishek Sharma जैसे बल्लेबाज़ बहुत ज़रूरी हैं। वो सिर्फ रन नहीं बनाते, वो मैच का मोमेंटम बदल देते हैं, मैच का दबाव अपने ऊपर ले लेते हैं, और फाइनल तक की उम्मीद जगा देते हैं।

और सबसे बड़ी बात उनकी बैटिंग एटीट्यूड। उनके अंदर वो आत्म-विश्वास है जो कहता है“हाँ, मैं मैच जिताकर आऊँगा।” वो आक्रामकता भी है जो कहती है “गेंदबाज़ कौन है, इससे फ़र्क नहीं पड़ता शॉट वहीं पड़ेगा जहाँ मेरा दिल कहेगा।” और साथ में वो स्ट्रोक-पावर भी है जो हर बॉल को बाउंड्री के बाहर ले जाने की काबिलियत रखती है।

आज की पारी सिर्फ रिकॉर्ड्स के लिए नहीं थी ये मैसेज थी। यंग क्रिकेटर्स के लिए, नए बैटर्स के लिए, उन लड़कों के लिए जो छोटे शहरों और एकेडमी के नेट्स में पसीना बहा रहे हैं कि अगर जुनून हो, होसला हो, हिम्मत हो और मेहनत हो तो नाम कमाने में देर नहीं लगती।

Abhishek Sharma ने आज ये भी दिखा दिया कि क्रिकेट सिर्फ तकनीक और फॉर्म का खेल नहीं होता ये आत्म-विश्वास का खेल है, ये इरादे का खेल है, ये दिल और बैट की साझेदारी का खेल है। एक वक्त था जब लोग कहते थे “Abhishek Sharma अच्छा खेलता है, पर कंसिस्टेंसी कम है।” आज वही लोग कह रहे हैं “ये लड़का इंडिया के T20 भविष्य का सबसे खतरनाक खिलाड़ी बन सकता है।”

उनकी इस पारी ने कोचों, क्रिकेट एक्सपर्ट्स और चयनकर्ताओं के दिमाग में फिर से वो घंटी बजा दी है कि International T20 टीम में Abhishek Sharma जैसी पावर, पॉज़िटिविटी और इंटेंट की जरूरत है। और मानो या न मानो आज की उनकी बैटिंग ने सिर्फ़ स्कोरबोर्ड नहीं बदला, बल्कि देश के लाखों क्रिकेट फैंस के दिल में एक नई उम्मीद जगाई है।

जिन बच्चों ने टीवी पर ये पारी देखी होगी उन्हें शायद पहली बार लगा होगा कि “कभी मैं भी ऐसा खेल सकता हूँ।” और किसी खिलाड़ी के लिए इससे बड़ा इनाम क्या हो सकता है?

आज मैदान में जो हुआ —
वो सिर्फ क्रिकेट नहीं था,
वो सीख थी
वो संदेश था
वो प्रेरणा थी
कि जब इरादे बुलंद हों — तो रिकॉर्ड खुद चलकर आपके पैरों में गिरते हैं।

Abhishek Sharma ने आज साबित कर दिया कि
टैलेंट तो बहुतों के पास होता है,
पर जुनून — कुछ ही लोगों में होता है।

और आज उनका जुनून —
पूरा मैदान महसूस कर रहा था,
और अब पूरा देश याद रखेगा।

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