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IND vs PAK एशिया कप 2025
आज यानी 14 सितंबर 2025 का दिन क्रिकेट प्रेमियों के लिए बेहद खास है। दुबई के शानदार इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में Asia Cup 2025 का सबसे हाई-वोल्टेज मुकाबला खेला जा रहा है। यह मैच IND vs PAK के बीच हो रहा है, जो ग्रुप-ए का अहम मैच है।

हर बार की तरह इस बार भी जब IND vs PAK आमने-सामने आते हैं तो माहौल सिर्फ स्टेडियम तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरी दुनिया के क्रिकेट फैन्स की नज़रें इस भिड़ंत पर टिकी रहती हैं। एशिया कप में दोनों टीमों का आमना-सामना हमेशा रोमांच से भरा होता है, क्योंकि एशिया की सबसे बड़ी दो क्रिकेट टीमें मैदान पर अपनी पूरी ताकत झोंक देती हैं।
इस टूर्नामेंट का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि Asia Cup सिर्फ एक सीरीज़ नहीं है, बल्कि यह एशियाई देशों की क्रिकेट ताकत को एक जगह दिखाने का मौका देता है। IND vs PAK का मैच तो मानो इस कप की “फाइनल जैसी जंग” माना जाता है। दुबई के इस इंटरनेशनल स्टेडियम में हजारों फैन्स मौजूद हैं और लाखों लोग टीवी और मोबाइल स्क्रीन पर मैच देख रहे हैं।
IND vs PAK 2025 live Update अभी क्या चल रहा है –
पाकिस्तान ने टॉस जीतने के बाद पहले बैटिंग करने का फ़ैसला किया। शुरुआत में उनकी टीम कुछ संभल नहीं पाई क्योंकि भारत के स्पिन गेंदबाज़ों ने काफ़ी दबाव बना दिया। कुलदीप यादव ने अपनी फिरकी से पाकिस्तानी बल्लेबाज़ों को उलझा दिया और तीन विकेट अपने नाम किए। वहीं, अक्षर पटेल ने भी शानदार गेंदबाज़ी करते हुए दो अहम विकेट चटकाए।
धीरे-धीरे पूरी पाकिस्तानी टीम लड़खड़ाती चली गई और सिर्फ़ 127 रन पर 9 विकेट खोकर ऑल-आउट हो गई। हालाँकि आख़िर में शाहीन शाह आफ़रीदी ने थोड़ा जज़्बा दिखाया। उन्होंने महज़ 16 गेंदों पर ताबड़तोड़ 33 रन नाबाद बनाकर पाकिस्तान की टीम को इज़्ज़त के क़ाबिल स्कोर तक पहुँचाने की कोशिश की।
अब हालात यह हैं कि भारत के सामने जीत के लिए सिर्फ़ 128 रन का आसान सा लक्ष्य है। देखने वाली बात होगी कि भारतीय बल्लेबाज़ इस लक्ष्य को कितनी जल्दी और कितनी शान से हासिल करते हैं।
IND vs PAK Asia Cup Boycott की मांगें
IND vs PAK मैच सिर्फ़ क्रिकेट का खेल नहीं रह गया है, बल्कि इसके साथ सियासत, जज़्बात और लोगों की गहरी संवेदनाएँ भी जुड़ गई हैं। पिछले कुछ दिनों से यह मामला और भी ज़्यादा गरमा गया है। वजह है हाल ही में हुआ पाहलगाम आतंकी हमला, जिसमें 26 मासूम लोगों की जान चली गई। इस हादसे के बाद पुलिस और फौज की सख़्त कार्रवाइयाँ हुईं, लेकिन आम लोगों के दिलों में ग़म और ग़ुस्सा अब भी ताज़ा है।
इसी माहौल में जब भारत और पाकिस्तान का क्रिकेट मैच रखा गया, तो बहुत से लोग इसे सही नहीं मान रहे। कई बड़े नेताओं और मशहूर हस्तियों ने खुलकर कहा है कि ऐसे वक़्त पर पाकिस्तान के साथ खेलना शहीदों और उनके परिवारों के जज़्बात के साथ नाइंसाफ़ी है। कांग्रेस से लेकर शिवसेना (UBT) और कुछ अन्य पार्टियों ने भी इस फ़ैसले की आलोचना की है।
सिर्फ़ राजनीति ही नहीं, बल्कि खेल जगत के कुछ पुराने खिलाड़ी और नामचीन लोग भी मैदान में उतर आए हैं। उनका कहना है कि वे इस मैच को नहीं देखेंगे और दूसरों से भी अपील कर रहे हैं कि टीवी पर सपोर्ट न करें। उनका मक़सद ये है कि दुनिया को ये संदेश जाए कि हिन्दुस्तानी आवाम अपने शहीदों की कुर्बानी का तहेदिल से सम्मान करता है।
मुंबई में तो शिवसेना के कुछ कार्यकर्ताओं ने अनोखा विरोध किया — उन्होंने सिंदूर से प्रदर्शन कर ये जताने की कोशिश की कि उनके लिए यह मैच ख़ुशी का नहीं, बल्कि दुख और ग़ुस्से का सबब है। सोशल मीडिया पर भी इस तरह की मुहिम चल रही है, लोग पोस्ट और हैशटैग के ज़रिये मैच के बायकॉट की बातें कर रहे हैं।
यानी कि मैदान पर चाहे बल्ला और गेंद भिड़ रहे हों, लेकिन उसके बाहर यह जंग सिर्फ़ क्रिकेट तक सीमित नहीं है। यह अब लोगों की भावनाओं, सियासी बयानों और समाज के मूड से भी गहराई से जुड़ चुकी है, और इसी वजह से भारत-पाकिस्तान का यह मुक़ाबला इस वक़्त एक बड़ा विवाद बन गया है।
कितने लोग Boycott कर रहे हैं?
अभी तक किसी के पास यह साफ़-साफ़ आंकड़ा नहीं है कि आख़िर कितने लोग इस भारत-पाकिस्तान मैच को पूरी तरह से बायकॉट कर रहे हैं। मगर जो माहौल और संकेत नज़र आ रहे हैं, उससे इतना तो तय है कि बड़ी तादाद में लोग नाराज़ हैं और मैच से दूरी बना रहे हैं। कई लोग खुले तौर पर कह रहे हैं कि उन्होंने टीवी चालू ही नहीं किया, कुछ ने तो सोशल मीडिया पर यह तक लिखा कि “हम पाकिस्तान के साथ मैच देखना गुनाह समझते हैं।”
कई नेताओं और उन परिवारों ने, जिनके अपने शहीद हुए हैं, साफ़ कह दिया है कि वो इस मैच को नहीं देखेंगे और दूसरों से भी अपील कर रहे हैं कि खेल को देखकर पाकिस्तान को किसी भी तरह का सपोर्ट न दिया जाए।
ट्विटर, फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर लगातार ऐसे पोस्ट, वीडियो और ब्लॉग सामने आ रहे हैं जिनमें लोग अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं। लेकिन सच यह भी है कि यह भावनाएँ कितनी दूर तक फैली हैं और कितने लोगों ने सच में टीवी से दूरी बनाई है, इसका सही आंकड़ा किसी के पास नहीं है।
असल में, यह मैच सिर्फ़ एक क्रिकेट मैच नहीं रह गया है। यह तो जज़्बातों, सियासत, क़ौमी गर्व और लोगों की संवेदनाओं का संगम बन चुका है। मैदान पर देखें तो भारत ने शुरुआत से ही मज़बूती दिखाई, गेंदबाज़ी में दम दिखाया और पाकिस्तान को हिला कर रख दिया। हालाँकि आख़िर में शाहीन शाह आफ़रीदी ने छोटी सी मगर दिलेर पारी खेलकर अपनी टीम को कुछ उम्मीद ज़रूर दी।
लेकिन दूसरी तरफ़, देश में जो माहौल है – शहीदों की यादें, हाल ही में हुए दर्दनाक हादसों का असर और जनता का ग़ुस्सा उसने इस मैच को सिर्फ़ खेल भर नहीं रहने दिया। अब यह बड़ा सवाल बन गया है कि क्या खेल हमेशा सिर्फ़ खेल होना चाहिए, या फिर कुछ हालात ऐसे होते हैं जब हमें रुककर सोचना चाहिए, अपने जज़्बात और अपने शहीदों की कुर्बानी को प्राथमिकता देनी चाहिए।
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