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Shreyas Iyer: Serious Injury कब और कैसे हुई?
भारतीय क्रिकेट टीम के वनडे उपकप्तान Shreyas Iyer की चोट ने ना सिर्फ उस मैच को हिला दिया बल्कि पूरे देश को भी चिंता में डाल दिया है। 25 अक्टूबर 2025 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे मैच के दौरान जो हादसा हुआ, उसने फैंस का दिल दहला दिया। खबरों के मुताबिक, Shreyas Iyer की हालत इस वक्त ICU में गंभीर निगरानी में है और यह कहना मुश्किल है कि वे पूरी तरह खतरे से बाहर हैं या नहीं।
अब ज़रा समझिए कि असल में हुआ क्या था सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर जब ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज़ी कर रही थी, तो Alex Carey का एक शॉट तेज़ी से बैकवर्ड प्वाइंट की तरफ गया। Shreyas Iyer वहाँ मौजूद थे और उन्होंने अपनी पूरी जान लगा दी उस गेंद को पकड़ने में।
हवा में उछलकर उन्होंने शानदार कैच लपक लिया, लेकिन उसी पल ज़मीन पर गिरते वक्त उनका बायां नीचे का हिस्सा, यानी पसलियों के आसपास का भाग, ज़ोर से टकरा गया।
गिरते ही वो कुछ सेकंड के लिए सांस नहीं ले पाए, चेहरा पीला पड़ गया। साथी खिलाड़ी और फिजियो तुरंत मैदान पर पहुंचे। डॉक्टर ने वहीं पर उनकी हालत देखी और बिना देरी किए उन्हें एम्बुलेंस से हॉस्पिटल ले जाया गया। मैदान पर जोश का वो पल, कुछ ही सेकंड में दर्द और डर में बदल गया।
अब डॉक्टरों की रिपोर्ट कहती है कि Shreyas Iyer को रिब इंजरी (पसलियों में चोट) के साथ-साथ आंतरिक ब्लीडिंग (internal bleeding) भी हुई है। पहले तो सबको लगा कि ये बस हल्की चोट होगी, लेकिन बाद में स्कैन से पता चला कि मामला थोड़ा गंभीर है। तिल्ली (spleen) में हल्का-सा छेदन (cut) पाया गया, जिसके चलते उन्हें ICU में रखा गया है।
Fans की प्रतिक्रिया
टीम इंडिया के लिए ये बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि Shreyas Iyer ना सिर्फ एक भरोसेमंद बल्लेबाज़ हैं बल्कि एक जोश-भरा फील्डर भी। फील्ड पर उनकी फुर्ती और समर्पण हमेशा देखने लायक होता है। लेकिन इस बार वही फुर्ती उनके लिए खतरा बन गई।
BCCI की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उनकी कंडीशन “स्टेबल” है, लेकिन अभी भी डॉक्टर उनकी क्लोज़ मॉनिटरिंग कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि अगले कुछ दिनों तक उन्हें ICU में रखा जाएगा ताकि किसी भी तरह की दिक्कत तुरंत संभाली जा सके।
डॉक्टरों के मुताबिक, अगर सब कुछ ठीक रहा तो वो जल्द ठीक हो सकते हैं, लेकिन पूरी रिकवरी में कई हफ्ते लग सकते हैं। इस वजह से आने वाले मैचों में उनका खेलना लगभग नामुमकिन लग रहा है।
टीम के साथी खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया पर उनके लिए दुआएँ मांगी हैं। विराट कोहली ने लिखा, “Stay strong Shreyas, we are with you.” वहीं कप्तान रोहित शर्मा ने भी कहा कि “Shreyas Iyer हमेशा टीम के लिए दिल से खेलता है, और उम्मीद है वो जल्द वापस लौटेगा।”
फैंस भी सोशल मीडिया पर “#GetWellSoonShreyas” ट्रेंड चला रहे हैं। हर कोई चाहता है कि वो जल्दी ठीक होकर मैदान पर लौटें, क्योंकि उनका खेल देखने में ही एक अलग मज़ा आता है।

ये घटना हमें ये भी याद दिलाती है कि क्रिकेट सिर्फ बल्ले और गेंद का खेल नहीं है, बल्कि इसमें जोश, जज़्बा और जोखिम तीनों शामिल हैं। जब खिलाड़ी मैदान पर उतरता है, तो वो सिर्फ टीम के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए खेलता है और कई बार इसी जुनून में वो खुद को खतरे में डाल देता है।
Shreyas Iyer का यह हादसा दर्दनाक ज़रूर है, लेकिन यह उनके हौसले और जज़्बे की निशानी भी है। उम्मीद है कि कुछ ही हफ्तों में वो फिर से अपनी मुस्कराहट और फुर्ती के साथ मैदान पर दिखेंगे — क्योंकि क्रिकेट का वो मैदान तब तक अधूरा है, जब तक श्रेयस की झलक वहाँ नहीं दिखती।
Shreyas Iyer: मेडिकल स्थिति
शुरुआत में जब खबर आई थी, तो ऐसा लगा कि Shreyas Iyer को बस हल्की सी चोट लगी है शायद पसलियों (rib cage) में थोड़ा नुकसान हुआ होगा। लेकिन जब बाद में उनका पूरा स्कैन किया गया, तो मामला उम्मीद से कहीं ज़्यादा गंभीर निकला। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी तिल्ली (spleen) में हल्का-सा छेदन (laceration) हुआ है, यानी अंदरूनी हिस्सा फट गया है। इसके साथ ही आंतरिक रक्तस्राव (internal bleeding) भी हो रही थी।
यही वजह थी कि उनका ब्लड प्रेशर और बॉडी वाइटल्स काफी गिर गए थे यानी शरीर के अंदर की ज़रूरी कार्यप्रणालियाँ अस्थिर हो गई थीं। यह स्थिति किसी भी खिलाड़ी के लिए बेहद गंभीर और खतरनाक मानी जाती है।
BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने बाद में एक आधिकारिक बयान जारी करके बताया कि Shreyas Iyer फिलहाल “मेडिकली स्टेबल” हैं, यानी उनकी हालत नियंत्रण में है, लेकिन अभी भी उन्हें कड़ी निगरानी (intensive monitoring) में रखा गया है।
अंदर की बात यह है कि डॉक्टरों ने उन्हें ICU में रखा हुआ है, और बताया जा रहा है कि कम-से-कम दो से सात दिन तक वहीं निगरानी की ज़रूरत पड़ सकती है। सबसे बड़ी चुनौती अभी यह है कि ब्लीडिंग को कंट्रोल किया जाए और शरीर में इन्फेक्शन (संक्रमण) का खतरा न बढ़े।
BCCI के मेडिकल स्टाफ और कुछ खास डॉक्टर इस वक्त सिडनी में ही ठहरे हुए हैं, ताकि वो Shreyas Iyer की हर घंटे की प्रगति पर नज़र रख सकें। डॉक्टरों की टीम लगातार टेस्ट और स्कैन कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि चोट भीतर से कितनी गहरी है और क्या सर्जरी की ज़रूरत पड़ेगी या नहीं।
शुरुआती दौर में ऐसा अनुमान था कि Shreyas Iyer को लगभग तीन हफ़्तों तक आराम करना पड़ सकता है, और फिर वो दोबारा ट्रेनिंग शुरू कर देंगे। लेकिन अब विशेषज्ञों का कहना है कि मामला थोड़ा लंबा खिंच सकता है। यानी अब वापसी की कोई पक्की तारीख तय नहीं की गई है।
डॉक्टरों के मुताबिक, तिल्ली में चोट बहुत नाज़ुक जगह पर है, इसलिए जल्दबाज़ी करना खतरे से खाली नहीं होगा। अगर शरीर ने ठीक से रिकवर नहीं किया तो दोबारा ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए अभी फोकस सिर्फ उनकी सेहत और रिकवरी पर रखा गया है।
टीम इंडिया के एक सदस्य ने बताया, “Shreyas Iyer अभी ठीक हैं, लेकिन डॉक्टर किसी भी रिस्क के मूड में नहीं हैं। वो बस यही चाहते हैं कि शरीर पूरी तरह से ठीक हो जाए, फिर ही उन्हें खेलने की इजाज़त मिले।” फैंस के लिए ये वक़्त काफी मुश्किल है सोशल मीडिया पर दुआओं की बारिश हो रही है।
Shreyas Iyer हमेशा अपनी फिटनेस, जुनून और जज़्बे के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कई बार टीम के लिए दर्द झेलकर भी मैदान संभाला है। लेकिन इस बार ये चोट इतनी गहरी है कि शायद उन्हें मजबूरन आराम करना ही पड़ेगा। हालाँकि, अच्छी बात यह है कि डॉक्टरों ने कहा है “अब हालत स्थिर है, और सुधार के आसार साफ दिख रहे हैं।”
टीम और देश दोनों ही इंतज़ार में हैं कि कब Shreyas Iyer फिर से नीली जर्सी पहनकर मैदान पर लौटें, बल्ले से रन बरसाएँ, और अपने वही पुरानी मुस्कराहट के साथ टीम को जीत की राह दिखाएँ।
इस चोट का टीम और Shreyas Iyer के लिए परिणाम
टीम की नज़र से देखा जाए तो Shreyas Iyer की चोट ने बहुत बड़ा खालीपन पैदा कर दिया है। उनका जोश भरा फील्डिंग स्टाइल, तेज़ दौड़ने की क्षमता और मिडिल ऑर्डर में मजबूत पकड़ ये सब अब फिलहाल अनिश्चित हो गए हैं। वो सिर्फ बल्लेबाज़ नहीं, बल्कि टीम के एक रणनीतिक स्तंभ माने जाते थे। ऊपर से उनकी उपकप्तानी की ज़िम्मेदारी भी है, इसलिए उनकी वापसी में देरी टीम की पूरी प्लानिंग और बैलेंस को हिला सकती है।
अगर बात व्यक्तिगत स्तर पर करें तो, Shreyas Iyer पहले से ही पीठ (back) की परेशानी से जूझ रहे थे। कई बार उन्हें मैचों से बाहर भी रहना पड़ा था। अब यह नई और गंभीर चोट उनके लिए एक और बड़ी चुनौती बन गई है। उनकी फिटनेस, लगातार खेलने की क्षमता और आने वाले करियर की दिशा सब पर अब सवाल खड़े हो गए हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक, अभी सबसे पहले ज़रूरी है कि उनके शरीर के अंदर जो आंतरिक रक्तस्राव (internal bleeding) है, उसे पूरी तरह से कंट्रोल किया जाए। क्योंकि तिल्ली (spleen) में जो छेदन हुआ है, वो बेहद नाज़ुक जगह पर है। वहाँ संक्रमण (infection) या खून के जमा हो जाने (hematoma) का खतरा बना रहता है। अगर ज़रा-सी भी लापरवाही हुई, तो मामला दोबारा बिगड़ सकता है।
अगला चरण तब शुरू होगा जब उनकी हालत पूरी तरह स्थिर हो जाएगी। तब उन्हें धीरे-धीरे रिकवरी फेज़ (आराम और पुनर्वास प्रक्रिया) से गुज़रना होगा। सबसे पहले उन्हें पूरा आराम, फिर हल्की फिज़िकल एक्टिविटी, उसके बाद फील्डिंग प्रैक्टिस, फिर नेट सेशन और अंत में मैच जैसी सिचुएशन में बल्लेबाज़ी और मूवमेंट की ओर वापसी की जाएगी।
यह पूरी प्रक्रिया हफ़्तों नहीं बल्कि महीनों तक चल सकती है, क्योंकि तिल्ली से जुड़ी चोटें बेहद सेंसिटिव होती हैं। टीम के अधिकारियों ने बताया है कि, “वापसी का समय अभी तय नहीं किया गया है।” उनका कहना है कि सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि श्रेयस का शरीर कैसे रिस्पॉन्ड करता है, और ब्लीडिंग व संक्रमण का खतरा कब तक पूरी तरह खत्म होता है।
एक अधिकारी ने कहा, “अभी सबसे अहम बात यह है कि श्रेयस पूरी तरह से ठीक हो जाएँ। क्रिकेट तो बाद में भी खेला जा सकता है, लेकिन सेहत को लेकर हम कोई समझौता नहीं करेंगे।” अब सभी फैंस और साथी खिलाड़ी बस यही दुआ कर रहे हैं कि वो जल्द से जल्द ठीक होकर मैदान पर लौटें। Shreyas Iyer की शख्सियत ऐसी है कि वो हार मानने वालों में से नहीं हैं उनकी आँखों में हमेशा वही चमक रहती है जो एक जज़्बे वाले खिलाड़ी की होती है।
क्रिकेट के मैदान पर उनकी वापसी ज़रूर होगी बस वक्त का थोड़ा सब्र चाहिए। “क्योंकि जो गिरकर भी उठता है, वही असली खिलाड़ी कहलाता है। और Shreyas Iyer, बिना शक, ऐसे ही खिलाड़ी हैं।
फील्डिंग में जोखिम और प्रेरणा
यह चोट इसलिए और भी अहम मानी जा रही है क्योंकि यह फील्डिंग के दौरान हुई है। यानी गेंद पकड़ने के उस एक पल में, जब श्रेयस अय्यर ने टीम के लिए अपनी पूरी ताकत और हिम्मत लगा दी, तब ही यह हादसा हुआ। यह दिखाता है कि वो टीम के लिए कितने समर्पित और जुनूनी खिलाड़ी हैं जिन्हें अपनी परवाह से ज़्यादा देश की जीत की फिक्र रहती है।
लेकिन इस घटना ने साथ ही हमें यह भी याद दिलाया कि क्रिकेट सिर्फ बल्ले और गेंद का खेल नहीं है। इसमें फील्डिंग, डाइव लगाना, दौड़ना और टैकल जैसी हर गतिविधि में खतरे का एक हिस्सा शामिल होता है। मैदान पर जो खिलाड़ी पूरी जान लगाते हैं, वही कभी-कभी चोट का सबसे बड़ा शिकार भी बन जाते हैं।
Shreyas Iyer की यह गिरावट और चोट दर्दनाक ज़रूर है, लेकिन इससे उनकी टीम में अहमियत कम नहीं होती। उनके बिना मिडिल ऑर्डर अधूरा लगेगा, और मैदान पर उनकी मौजूदगी की कमी हर खिलाड़ी को महसूस होगी। टीम मैनेजमेंट को भी पता है कि वो सिर्फ एक बल्लेबाज़ नहीं, बल्कि एक मोटिवेशनल फोर्स हैं जो मैदान पर हर साथी को ऊर्जा देते हैं।
अब सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक हो। क्रिकेट फिलहाल पीछे है, क्योंकि इस वक्त सबकी प्राथमिकता यही है कि वो सुरक्षित और मजबूत तरीके से वापसी करें। डॉक्टरों की टीम उनकी देखरेख में लगी है, और धीरे-धीरे सुधार के संकेत भी मिल रहे हैं।
Shreyas Iyer की इस चोट ने भारतीय क्रिकेट को एक चेतावनी-संदेश भी दिया है कि फील्डिंग में जितना जोश ज़रूरी है, उतनी ही सावधानी भी। खिलाड़ी चाहे कितना भी फिट क्यों न हो, मैदान पर हर कदम जोखिम लेकर रखा जाता है। अब शायद BCCI और कोचिंग स्टाफ को भी खिलाड़ियों की सुरक्षा और फील्डिंग तकनीक पर और ज़्यादा ध्यान देना होगा।
एक क्रिकेट-फैन के तौर पर हम सबका दिल बस यही दुआ कर रहा है कि श्रेयस अय्यर जल्द से जल्द पूरी तरह ठीक हो जाएँ, उनकी मुस्कराहट वापस लौटे और वो फिर से नीली जर्सी पहनकर मैदान में उतरें वैसे ही जोश और जुनून के साथ, जैसे वो हमेशा करते हैं।
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