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Vaibhav Suryavanshi ने SMAT / Asia Cup Rising Stars में रचा इतिहास
भारतीय क्रिकेट के नोज़वान उभरते सितारे Vaibhav Suryavanshi ने 2 दिसंबर 2025 को ऐसा कमाल कर दिखाया कि हर कोई दंग रह गया। यकीन मानिए, क्रिकेट की दुनिया में इतनी कम उम्र में ऐसा धमाका बहुत कम देखने को मिलता है। SMAT यानी Syed Mushtaq Ali Trophy के मैच में उन्होंने ऐसी बल्लेबाज़ी की कि स्टेडियम से लेकर सोशल-मीडिया तक सिर्फ एक ही नाम गूंजने लगा Vaibhav Suryavanshi।
सिर्फ 14 साल की उम्र, और खेल ऐसा कि बड़े-बड़े दिग्गज भी तारीफ़ करने पर मजबूर हो जाएँ। उन्होंने मैदान में उतरते ही गेंदबाज़ों पर ऐसा तूफ़ानी हमला बोला कि दर्शक तो हैरान, और विपक्षी टीम बिल्कुल बेचैन। वैभव ने शतक ठोककर SMAT इतिहास का सबसे कम उम्र में सेंचुरी बनाने वाला खिलाड़ी बनकर रिकॉर्ड ही बदल दिया ये सच में कोई मामूली बात नहीं है।
इससे पहले Asia Cup Rising Stars 2025 वाले मैच में भी उन्होंने पूरी क्रिकेट दुनिया को हिला दिया था। वहां उन्होंने सिर्फ 32 गेंदों में शतक बना दिया जी हाँ, 32 गेंदों में! 11 चौके और पूरे 15 छक्कों की बरसात कर के उन्होंने जैसे मैच को अकेले अपने दम पर पलट दिया। उस दिन क्रिकेट फैंस की जुबान पर बस यही सवाल था ये बच्चा है या तूफ़ान?
सबसे कमाल की बात ये है कि वैभव दुनिया के पहले ऐसे बल्लेबाज़ बन गए जिन्होंने 35 गेंदों से भी कम में दो टी20 शतक ठोक डाले। ऐसा कारनामा आज तक किसी और ने नहीं किया था। उनकी इस लाजवाब और हैरतअंगेज पारी के बाद क्रिकेट एक्सपर्ट, कमेंटेटर्स, पुराने खिलाड़ी हर कोई उनकी तारीफ़ों के पुल बाँधने लगा। सोशल-मीडिया, न्यूज़ चैनल और क्रिकेट फ़ोरम्स पर बस एक ही बात चल रही थी “ये लड़का नहीं, आने वाला सुपरस्टार है।”
और सच कहें तो हर बात में सच्चाई दिखती भी है इतनी कम उम्र, इतना बड़ा टैलेंट, इतना दमदार कॉन्फिडेंस ये शुरुआत है दोस्त आगे-आगे देखो वैभव सूर्यवंशी क्या कमाल दिखाता है।
32-गेंदों में शतक एक तूफ़ानी, दिल दहला देने वाली शुरुआत
वो इनिंग सच में किसी फिल्मी सीन से कम नहीं थी। सिर्फ 14 साल के वैभव सूर्यवंशी मैदान पर आए और पहली ही गेंद से ऐसा खेल दिखाया कि पूरा स्टेडियम जैसे उनकी धुन पर नाचने लगा। वैभव ने सिर्फ 32 गेंदों में 100 रन पूरे कर दिए, और फिर रुकने का नाम ही नहीं लिया। आख़िर में उन्होंने 144 रन की धमाकेदार पारी खेलकर सबको हैरत में डाल दिया।

इसी दौरान मैदान में चौकों और छक्कों की ऐसी बारिश हुई कि गेंदबाज़ बेचारे समझ ही नहीं पाए कि आख़िर करें क्या। 11 चौके और पूरे 15 शानदार, लंबे, आसमानी छक्के हर शॉट ऐसा लग रहा था जैसे बल्ले से आग निकल रही हो। उनकी पूरी पारी का स्ट्राइक रेट 342.85 रहा जो वाकई किसी कमाल से कम नहीं है।
उनकी बैटिंग देखकर विरोधी गेंदबाज़ों के होश ही उड़ गए। किसी को यकीन ही नहीं हुआ कि इतनी छोटी उम्र का लड़का इतनी ज़बरदस्त ताकत और इतनी समझदारी से शॉट्स चुन सकता है। हर बाउंड्री के बाद दर्शकों की आवाज़ और तालियों की गूंज पूरे स्टेडियम को हिला रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे पूरा मैच वैभव के इशारों पर चल रहा है।
और इस इनिंग ने सिर्फ रिकॉर्ड ही नहीं बनाया बल्कि हर युवा क्रिकेटर के दिल में एक उम्मीद, एक जुनून, एक आग जगा दी। इस पारी ने ये साबित कर दिया कि उम्र से कुछ नहीं होता, दम और मेहनत हो तो दुनिया का कोई मैदान छोटा नहीं लगता।
आज Vaibhav Suryavanshi सिर्फ रन नहीं बना रहे वो हर उस बच्चे का हौसला बढ़ा रहे हैं जो बड़े सपने देखता है। ये कहना गलत नहीं होगा ये 32 गेंदें सिर्फ क्रिकेट नहीं थीं, ये जुनून और जज़्बे का एक तूफान थीं।
IPL और Youth-Cricket में पहले भी दिखा था दम
वैभव का ये धमाकेदार प्रदर्शन किसी अचानक चमक गए खिलाड़ी की तरह नहीं था। ऐसा नहीं है कि आज उन्होंने पहली बार कमाल किया हो असलियत ये है कि वैभव पहले से ही अपनी मौजूदगी और हुनर का एहसास करवा चुके थे। 2025 में उन्होंने Rajasthan Royals के लिए आईपीएल खेलते हुए तो मानो आग ही लगा दी थी सिर्फ 35 गेंदों में शतक ठोककर सबको बता दिया कि वो बड़े मौकों पर खेलने से डरने वाले लड़के नहीं हैं।

इतनी कम उम्र में भी वैभव सिर्फ आईपीएल तक सीमित नहीं रहे। युवा क्रिकेट, यानी Youth One Day और अंडर-19 मैचों में भी उन्होंने छक्कों की ऐसी बरसात की कि रिकॉर्ड ही बदल गया। वो युवा क्रिकेट इतिहास में सबसे ज़्यादा छक्के लगाने वाले बल्लेबाज़ बन गए और ये बात अपने-आप में बहुत बड़ी है।
यानी समझ लो कि ये हाल की पारी कोई “क़िस्मत” या “एक दिन की चमक” नहीं थी। बल्कि ये सालों की मेहनत, न थकने वाली प्रैक्टिस, अंदर का टैलेंट और दिल की हिम्मत का नतीजा है।
Vaibhav Suryavanshi पूरी दुनिया को ये महसूस करा चुके हैं कि वो आज हिट नहीं हुए हैं, वो धीरे-धीरे तैयारी करके आए हैं और अब जब मौका मिला तो ऐसा खेल दिखाया कि हर किसी ने मान लिया ये बच्चा नहीं, बल्कि आने वाला बड़ा सितारा है।
विशेषज्ञों और आलोचकों की राय क्या है Vaibhav Suryavanshi भविष्य?
जब Vaibhav Suryavanshi ने ये ज़बरदस्त रिकॉर्ड तोड़े, तो पूरा क्रिकेट जगत एकदम हिल गया। एक्सपर्ट हों, पुराने इंटरनेशनल खिलाड़ी हों या बड़े-बड़े कोच हर किसी ने खुलकर कहा कि ये लड़का साधारण नहीं है, इसमें बहुत बड़ा दम है। वैभव के बैटिंग स्टाइल में जो रफ़्तार है, शॉट सिलेक्शन में जो समझदारी है और कम उम्र में जो हिम्मत है उसने सबको ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि भविष्य में ये बच्चा क्रिकेट की दुनिया में बहुत बड़ा नाम बनने वाला है।
कई दिग्गजों को वैभव की परफॉर्मेंस देखकर पुराने सुपरस्टार याद आ गए जैसे रोहित शर्मा और वीरेंद्र सहवाग, जिन्होंने कम उम्र में धमाकेदार शुरुआत करके दुनिया को चौंका दिया था। कुछ क्रिकेट विश्लेषकों ने तो साफ शब्दों में कहा कि, अगर Vaibhav Suryavanshi अपनी फिटनेस, माइंडसेट और लगातार प्रदर्शन पर ध्यान देता रहा तो बहुत जल्द वह भारत की सीनियर टीम में भी एंट्री मार सकता है।
लेकिन साथ ही लोग ये भी कह रहे हैं कि “उम्र छोटी है, सपने बहुत बड़े लेकिन रास्ता आसान नहीं है। मीडिया का दबाव, लोगों की उम्मीदें और लगातार अच्छा खेलने की चुनौती भी साथ आएगी।” मतलब, भविष्य तो सुनहरा है, मगर वहां पहुंचने के लिए मेहनत, सब्र और हौसला बराबर चाहिए।
क्यों थी ये पारी वैभव के लिए इतनी ख़ास?
विश्वसनीयता बढ़ी अब Vaibhav Suryavanshi को सिर्फ “युथ प्रोडिजी” या “चमत्कारी बच्चा” नहीं माना जा रहा। उन्होंने साबित किया कि वो दबाव में भी दिमाग ठंडा रखकर खेल सकते हैं।
बड़े मौकों के दरवाज़े खुल गए ऐसे प्रदर्शन के बाद आईपीएल की टीम हो, भारत-ए टीम हो या अंडर-19 हर जगह चयनकर्ताओं की निगाहें उन पर टिक चुकी हैं। युवाओं के लिए प्रेरणा आज जो बच्चे स्कूल, ट्यूशन और क्रिकेट के बीच मेहनत कर रहे हैं, उनके लिए वैभव एक मिसाल बन चुके हैं कि अगर जुनून और लगन हो, तो उम्र रास्ता रोकेगी नहीं।
भारत की नई उम्मीद सिर्फ 14 साल की उम्र में इतनी परिपक्वता, आत्मविश्वास और मैदान पर निडर रवैया ये संकेत देता है कि भारत को आने वाले समय में एक बहुत कीमती हीरा मिल सकता है।
कुल मिलाकर, वैभव ने सिर्फ शतक नहीं लगाया उन्होंने दुनिया को बताकर छोड़ा कि वो आने वाला कल नहीं, आज ही एक बड़ा नाम हैं। और अगर वक्त के साथ ये फॉर्म और मेहनत बरकरार रहे तो दुनिया शायद बहुत जल्द कहती नज़र आएगी: “भारतीय क्रिकेट का नया Hero Vaibhav Suryavanshi।”
अब आगे क्या? देखना होगा ये बातें
फिटनेस और बैलेंस – सबसे ज़रूरी
देखो, Vaibhav Suryavanshi जैसी तूफ़ानी बल्लेबाज़ी करने के लिए सिर्फ ताक़त ही नहीं, बल्कि जबरदस्त फिटनेस और दिमाग़ी मज़बूती भी चाहिए। शांति से सोचना, हर गेंद को समझना, और शरीर को मैच फिट रखना ये सब आगे के सफ़र में बहुत काम आएगा। क्रिकेट में जितना बैटिंग ज़रूरी है, उतना ही शरीर को मजबूत और एक्टिव रखना भी है, वरना लंबी रेस के घोड़े नहीं बन पाते।
निरंतरता – हर मैच में चमक दिखानी पड़ेगी
एक शानदार पारी खेलकर कोई भी स्टार बन सकता है, लेकिन असली खिलाड़ी वही कहलाता है जो बार-बार टीम के लिए प्रदर्शन करे। अब सबकी नज़रें वैभव पर होंगी कि क्या वो हर मैच में ऐसी ही तगड़ी शुरुआत और दमदार पारी खेल पाएंगे। लोग कहते हैं “क्लास स्थायी होती है, फॉर्म आती-जाती है” तो बस Vaibhav Suryavanshi को अपनी क्लास बनाए रखनी होगी।
नए मौके दरवाज़े खुल चुके हैं
ऐसे रिकॉर्ड के बाद दरवाज़े अपने-आप खुल जाते हैं चाहे वो IPL हो, भारत-A का स्क्वॉड हो, या अंडर-19 वर्ल्ड कप। अगर Vaibhav Suryavanshi इसी ताल पर चलता रहा, तो बहुत जल्द इंडियन टीम के लिए मैदान में उतरते हुए हमें दिखाई दे सकता है। और उस दिन पूरा हिंदुस्तान उसकी बैटिंग का दीवाना बन जाएगा।
दबाव – परफॉर्मेंस के साथ आता ही आता है
सोशल मीडिया हो गया है, न्यूज़ चैनल हो गए हैं, फैंस हो गए हैं सब अब Vaibhav Suryavanshi से उम्मीद रखेंगे। तारीफ़ मिलेगी तो खुशी भी होगी, लेकिन कभी-कभी आलोचना भी होगी। असली खिलाड़ी वही होता है जो दोनों को बैलेंस करके आगे बढ़े। अगर Vaibhav Suryavanshi इस दबाव को पॉज़िटिव एनर्जी के तौर पर ले ले तो उसकी ग्रोथ को कोई रोक नहीं पाएगा।
Vaibhav Suryavanshi आज क्या है और आगे क्या बन सकता है
आज वैभव ने वो कर दिखाया है, जिसे सुनना भी मुश्किल था और देखने पर यक़ीन करना और भी मुश्किल। 14 साल की नाज़ुक उम्र में इतना बड़ा दिल, इतना ज़बरदस्त आत्मविश्वास और इतनी दमदार हिटिंग वाक़ई काबिल-ए-तारीफ़ है। पुराने ज़माने में कहा जाता था “बच्चे बड़े फैसले नहीं लेते” मगर अब वक्त बदल चुका है। आज के बच्चे बड़े सपने भी देखते हैं और उन्हें पूरा करने की हिम्मत भी रखते हैं।
अगर Vaibhav Suryavanshi अपनी लय (फॉर्म) बनाए रखे, खुद पर यक़ीन रखे, और मेहनत में ढील न दे तो आने वाले कुछ सालों में हम उसे टीम इंडिया की नीली जर्सी में मैदान लूटते हुए देख सकते हैं। हो सकता है लोग उसके नाम के साथ सिर्फ रिकॉर्ड नहीं, बल्कि जुनून की आवाज़ और मैच-विनर का दबदबा भी जोड़ने लगे। आज Vaibhav Suryavanshi सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं है वो एक उम्मीद है एक नई शुरुआत हैऔर आने वाले भारतीय क्रिकेट का चमकता हुआ सूरज है।



