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Government का Sanchar Saathi App 2025: Game-Changing Move या privacy पर खतरा, Mobile चोरी और IMEI fraud के खिलाफ Ultra-Strong Protection

Government का Sanchar Saathi App 2025: Game-Changing Move या privacy पर खतरा, Mobile चोरी और IMEI fraud के खिलाफ Ultra-Strong Protection

Sanchar Saathi App क्या है?

Sanchar Saathi दरअसल Department of Telecommunications यानी DoT की तरफ से शुरू किया गया एक बड़ा और काम का डिजिटल सिस्टम है। पहले इसे एक वेब-पोर्टल के तौर पर लॉन्च किया गया था जहाँ आम लोग, बिल्कुल आम नागरिक अपने मोबाइल से जुड़े हर तरह के मसले जैसे धोखाधड़ी, शिकायत, फोन चोरी, फर्जी कनेक्शन वगैरह रिपोर्ट कर सकते थे।

फिर जनवरी 2025 में सरकार ने इसे और आसान बना दिया और इसे मोबाइल ऐप के रूप में लॉन्च कर दिया मतलब अब कंप्यूटर खोलने की भी ज़रूरत नहीं, सीधे मोबाइल पर ही पूरा काम। आज के वक़्त में Android और iOS, दोनों मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म पर यह ऐप मौजूद है और बिलकुल मुफ़्त में डाउनलोड हो जाता है।

इस ऐप से आप बहुत-से जरूरी और काम के काम कर सकते हैं, जैसे: अपने फोन का IMEI नंबर चेक करना ताकि यह पता चले कि फोन असली है या कहीं उसका IMEI डुप्लिकेट तो नहीं। अगर मोबाइल चोरी या गुम हो जाए तो ऐप के जरिए उसका ब्लॉक या ट्रैक करने की रिक्वेस्ट दर्ज कर सकते हैं। संदिग्ध कॉल/फ़्रॉड कॉल/फर्जी मैसेज मिलते ही उसी वक्त रिपोर्ट कर सकते हैं।

सीधी सी बात कहें तो Sanchar Saathi आपके मोबाइल-ज़िंदगी का “साइबर सुरक्षा कवच” जैसा है। आजकल फोन में हमारी आधी दुनिया बसती है बैंकिंग, सोशल मीडिया, फोटो-वीडियो, निजी डेटा और ऐसे में ये ऐप फोन-सुरक्षा के मामले में एक काफ़ी मज़बूत हिफ़ाज़ती टूल साबित हो रहा है।

सरकार भी दावा करती है कि Sanchar Saathi ऐप शुरू होने के बाद से ही कमाल का काम कर रहा है लाखों चोरी हुए फोन ब्लॉक किए जा चुके हैं बहुत-से गुम मोबाइल वापस असली मालिक तक पहुँचाए गए हैं हज़ारों फर्जी कॉल्स और फ्रॉड मैसेज पकड़े गए और उनपर एक्शन भी लिया गया

यानी, एक लाइन में कहा जाए तो ये ऐप आम नागरिकों के फोन और मोबाइल डेटा की सुरक्षा के लिए सरकार की तरफ से दिया गया एक मजबूत हथियार है, जो चुपचाप अपना काम करता है और फोन चोरी, फ्रॉड कॉल और साइबर ठगी जैसे खतरों से आपको बचाता है।

सरकार का नया बड़ा फ़ैसला हर फोन में Sanchar Saathi ऐप ज़रूरी

28 नवंबर 2025 को सरकार ने एक बहुत अहम फैसला लिया। अब भारत में जो भी नया स्मार्टफोन बिकेगा, उसमें Sanchar Saathi ऐप पहले से ही इंस्टॉल होगा मतलब फोन बॉक्स से निकलते ही इसमें यह ऐप मौजूद मिलेगा। सिर्फ इतना ही नहीं, यूज़र इस ऐप को डिलीट भी नहीं कर पाएंगे, यानि ये फोन में रहना ही रहेगा।

इस आदेश में कोई भी एक्सेप्शन या छूट नहीं रखी गई चाहे फोन Apple का हो, Samsung, Xiaomi, Vivo या कोई और ब्रांड, हर कंपनी को सरकार के इस नियम को मानना पड़ेगा। मतलब, हर तरह का फोन सस्ता हो, महंगा हो, 5G हो या बेसिक सबमें Sanchar Saathi ऐप रहेगा ही रहेगा।

सरकार का कहना है कि यह कदम देश में बढ़ते साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए लिया गया है। आजकल फोन चोरी, फर्जी IMEI, नकली मोबाइल कनेक्शन, धोखाधड़ी वाली कॉल्स, पैसे ठगने वाले मैसेज ये सब बहुत बढ़ चुके हैं। सरकार चाहती है कि लोगों की मोबाइल ज़िंदगी ज़्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद हो और पूरा Digital India एक सुरक्षित साइबर माहौल में चले।

और सरकार का दावा सिर्फ बातों तक नहीं आंकड़े भी बताते हैं कि ये ऐप काफी असरदार रहा है। जनवरी 2025 से अगस्त 2025 के बीच ही 37 लाख से ज़्यादा मोबाइल फ़ोन ब्लॉक किए जा चुके हैं और लाखों गुम/चोरी हुए फोन उनके असली मालिकों को वापस भी मिले हैं|

यानी, सीधे शब्दों में कहा जाए तो सरकार अब Sanchar Saathi को लोगों के लिए बस एक “चॉइस” नहीं, बल्कि हर नए स्मार्टफोन का अनिवार्य हिस्सा बना रही है। यह कदम सुरक्षा, हिफ़ाज़त और साइबर ठगी से बचाव के लिए उठाया गया है ताकि हर नागरिक के फोन पर एक ऐसा सिस्टम मौजूद हो जो मुसीबत के वक्त तुरंत काम आए।

Sanchar Saathi ऐप के बड़े फायदे लोगों के काम का असली फायदा कहाँ है?

सबसे पहले बात करते हैं चोरी हुए फोन की हिफ़ाज़त की। अगर आपका मोबाइल चोरी हो जाए या कहीं गुम हो जाए, तो घबराने की ज़रूरत नहीं। Sanchar Saathi App के ज़रिए आप अपने फोन का IMEI ब्लॉक करा सकते हैं, और जरूरत पड़े तो फोन को ट्रैक करने की रिक्वेस्ट भी डाल सकते हैं।

सरकार का दावा है कि इससे चोरी हुए फ़ोन को वापस मिलने की संभावना बहुत बढ़ जाती है और साथ ही चोरी किए गए फोन को बेचने का पूरा धंधा भी कमजोर पड़ जाएगा। यानी ये कदम मोबाइल चोरी की दुनिया पर सीधा वार है।

दूसरा बड़ा फायदा है फर्जी फोन और duplicate IMEI के खिलाफ सख़्त कार्रवाई। मार्केट में कई बार नकली IMEI और जाली मोबाइल कनेक्शन चल जाते हैं, जिनका इस्तेमाल बहुत तरह के गलत कामों में किया जाता है। Sanchar Saathi से ऐसे फर्जी फोन और नकली सिम कनेक्शनों पर रोक लगेगी, और नेटवर्क का दुरुपयोग कम होगा।

तीसरी अहम चीज संदिग्ध कॉल्स और फ्रॉड मैसेज की रिपोर्टिंग अब बहुत आसान हो गई है। अगर आपको कोई अजीब सा फोन आए, लॉटरी की बात करे, बैंक डीटेल माँगे, KYC का ड्रामा करे या पैसे ठगने की कोशिश करे तो बस ऐप खोलिए और पल में रिपोर्ट कर दीजिए। ये साइबर सुरक्षा के लिहाज़ से बहुत बड़ा कदम है और आम जनता को धोखाधड़ी से बचाने का एक मज़बूत तरीका भी।

चौथा फायदा सेंट्रल रजिस्ट्री से सीधा कनेक्शन। मतलब ऐप और पोर्टल एक ही नेटवर्क पर मिलकर काम करते हैं। अगर कहीं कोई चोरी, ठगी, फर्जी IMEI या कोई गलत गतिविधि होती है तो पूरा डेटा एक जगह होने की वजह से ट्रैकिंग बहुत तेज़ और आसान हो जाती है।

इसीलिए, अगर आप अपने मोबाइल, अपने डेटा और अपनी डिजिटल जिंदगी की हिफ़ाज़त को लेकर सचेत हैं तो Sanchar Saathi आपके लिए एक बहुत उपयोगी, मददगार और सुरक्षा बढ़ाने वाला डिजिटल साथी साबित हो सकता है।

Sanchar Saathi पर उठ रहे सवाल प्राइवेसी और यूज़र की आज़ादी को लेकर चिंताएँ

जहाँ एक तरफ़ Sanchar Saathi को सुरक्षा के लिहाज़ से बहुत अहम माना जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ़ गोपनीयता और निजी आज़ादी को लेकर कुछ बड़े सवाल भी सामने आ रहे हैं। सबसे पहले बात करते हैं प्राइवेसी की टेंशन की।

कई टेक विशेषज्ञों का कहना है कि जब Sanchar Saathi “अन-डिलीटेबल” ऐप बन जाएगा यानी यूज़र चाहे भी तो उसे फोन से हटाने नहीं पाएगा तो यहाँ उपयोगकर्ता की सहमति (consent) कमज़ोर हो जाती है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर ऐप हटाया नहीं जा सकता, तो क्या इसका मतलब है कि सरकार या विभाग को हमेशा के लिए हमारे फोन डेटा तक पहुंच मिल सकती है? यही चिंता लोगों के दिलो-दिमाग में घूम रही है।

दूसरी बात स्मार्टफोन कंपनियों की परेशानियाँ। कुछ कंपनियों की अपनी सख़्त नीतियाँ होती हैं, जैसे Apple की पॉलिसी है कि वे अपने iPhone में बाहरी प्री-इंस्टॉल ऐप्स शामिल नहीं करते। लेकिन सरकार के इस आदेश के बाद उन्हें अपनी नीति में बदलाव करना पड़ेगा, जो विवाद और बहस का कारण बन सकता है।

तीसरी चिंता निगरानी और दुरुपयोग का डर। आलोचकों का कहना है कि अगर ऐप अनइंस्टॉल ही नहीं हो सकता, तो आगे चलकर इसका इस्तेमाल मोबाइल गतिविधियों पर नजर रखने या डेटा ट्रैकिंग के लिए भी किया जा सकता है। अब फिलहाल ऐसा कोई सबूत नहीं है, लेकिन पारदर्शिता और भरोसा, दोनों बहुत ज़रूरी होंगे वरना यूज़र्स के दिल में शंका बनी रहेगी।

चौथा मुद्दा यूज़र की आज़ादी पर असर। हर इंसान के फोन इस्तेमाल करने का अपना तरीका, अपनी प्राइवेसी सेटिंग, अपनी पसंद होती है। लेकिन जब एक ऐप अनचाहा होकर भी फोन में मौजूद रहे और उसे हटाया भी न जा सके तो यूज़र को लगता है कि उसकी डिवाइस पर कंट्रोल कम हो रहा है, और उसकी आज़ादी सीमित हो रही है।

यानी सीधी ज़बान में कहा जाए तो Sanchar Saathi को लेकर फायदे भी हैं और फ़िक्र भी। सुरक्षा भी मिल रही है, मगर कुछ लोगों को गोपनीयता और कंट्रोल हाथ से निकलने का डर भी है।

अगर आप भारत में रहते हैं और स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं, तो आने वाले वक़्त में कुछ चीज़ें ज़रूर याद रखें।

नया फ़ोन खरीदते समय ध्यान से देख लें कि उसमें Sanchar Saathi ऐप पहले से इंस्टॉल तो नहीं है। अगर है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें समझकर इस्तेमाल करें, क्योंकि ज़रूरत पड़ने पर बहुत काम आता है।

ज़्यादातर लोग फ़ोन खो जाने पर घबरा जाते हैं, लेकिन अगर आप पहले से अपना IMEI नंबर नोट करके सुरक्षित रख लेंगे, तो बाद में फ़ोन चोरी या गुम होने की सूरत में उसे ब्लॉक या ट्रैक करना बहुत आसान हो जाएगा। आज के समय में मोबाइल चोरी, IMEI बदलकर धोखाधड़ी, और गलत कॉल्स काफी बढ़ गई हैं ऐसे में यह ऐप मददगार साबित हो सकती है।

अगर आपके मोबाइल पर कोई शक़ी कॉल या मैसेज आए, जिसमें आपको पैसों का लालच दिया जाए, डराया जाए, लिंक पर क्लिक करने को कहा जाए या ATM/UPI/OTP मांगा जाए तो उसे नज़रअंदाज़ न करें। Sanchar Saathi के ज़रिए रिपोर्ट कर दें।

इससे सरकार को धोखाधड़ी करने वालों की जानकारी मिलती है और फ्रॉड कम करने में मदद मिलती है। यानी एक आम नागरिक भी साइबर अपराध रोकने में अपना छोटा-सा योगदान दे सकता है।

लेकिन याद रखिए हर चीज़ के फ़ायदे होते हैं, तो कुछ जोखिम भी। ऐप फ़ोन में मौजूद डेटा (जैसे सिम की जानकारी, कॉल रिकॉर्ड, IMEI वगैरह) एक्सेस करता है इसलिए अपनी प्राइवेसी पर नज़र रखें। यह समझना भी ज़रूरी है कि आपका डेटा कहाँ, कैसे और किस हद तक इस्तेमाल हो रहा है।

सीधी बात ये है कि Sanchar Saathi एक बड़ा और क़ाबिल-ए-तारीफ़ कदम है ऐसे मुल्क में जहाँ मोबाइल चोरी, IMEI फ्रॉड, नकली कॉल्स और साइबर अपराध तेज़ी से फैल रहे हैं, वहाँ यह ऐप बड़ी मदद दे सकता है। अगर इसका इस्तेमाल समझदारी से किया जाए और डेटा-प्राइवेसी, ट्रांसपेरेंसी और यूज़र की सहमति (consent) का पूरा ख़याल रखा जाए तो यह ऐप करोड़ों लोगों के लिए सुरक्षाकवच साबित हो सकता है।

लेकिन अगर नियंत्रण और पारदर्शिता सही तरीक़े से लागू न हुए तो आज़ादी, प्राइवेसी और यूज़र-राइट्स पर चोट भी लग सकती है। इसलिए रास्ता सीधा है ऐप का फ़ायदा उठाइए लेकिन होशियार और सावधान रहिए टेक्नोलॉजी बहुत कुछ बदल सकती है बस ज़रूरत है कि क़दम भी मज़बूती से उठें और एहतियात भी साथ रहे।

आज के दौर में मोबाइल सिर्फ़ एक गैजेट नहीं, बल्कि पूरी ज़िंदगी की अलमारी बन चुका है उसमें फ़ोटो, व्हॉट्सऐप चैट्स, सोशल मीडिया, बैंकिंग, कॉन्टैक्ट्स, OTP, काम के डॉक्यूमेंट्स… सब संभाले रहते हैं। ऐसे में फ़ोन गुम हो जाए या चोरी हो जाए, तो सिर्फ़ फ़ोन नहीं जाता पूरी पर्सनल लाइफ दांव पर लग जाती है।

इसीलिए Sanchar Saathi जैसा सिस्टम आज की ज़रूरत बन गया है। कई बार हम लोग सोचते हैं “यार, कौन IMEI नोट करके रखता है?” लेकिन हक़ीक़त ये है कि वही छोटा-सा नंबर कई लोगों को ठगी से बचा चुका है। अगर IMEI है, तो पुलिस / सिस्टम फ़ोन को ब्लॉक कर देती है और चोर के हाथ का कोई फ़ायदा नहीं रहता न बेच सकता है, न इस्तेमाल कर सकता है।

यानी स्मार्ट बनिए पहले से तैयार रहिए। और हाँ फ्रॉड कॉल्स से सावधान रहें। आजकल स्कैम करने वालों की चालाकी बढ़ गई है। वे बैंक अधिकारी, बिजली विभाग, कूरियर कंपनी, इनकम टैक्स, इंस्टाग्राम सपोर्ट जो चाहे बन जाते हैं। लोग डर या लालच में फँस जाते हैं, लेकिन अब भागने की जगह रिपोर्ट करने की ताक़त भी आपके पास है Sanchar Saathi उसी के लिए बना है।

लेकिन इंसान होने के नाते, हम सब अपनी आज़ादी और प्राइवेसी को भी उतना ही अहम मानते हैं। सिस्टम बड़ा हो, सरकारी हो, टेक्निकल हो उससे डर भी लगता है कि कहीं हमारी व्यक्तिगत जानकारी नियंत्रण से बाहर न चली जाए। इसलिए ज़रूरी है कि जवाबदेही और पारदर्शिता बनी रहे|

यूज़र को पता हो कि कौन-सा डेटा एक्सेस हो रहा है, क्यों हो रहा है, और कहाँ सेव हो रहा है। अगर सरकार और सिस्टम इन बातों का पूरा ख़्याल रखते हैं तो यक़ीन मानिए, Sanchar Saathi भारत के डिजिटल दौर में एक मज़बूत सुरक्षा कवच साबित होगा।

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