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जाने क्या होता है Chandra Grahan?
Chandra Grahan दरअसल तब लगता है जब पृथ्वी, सूर्य और चाँद एक सीधी लाइन में आ जाते हैं। इस समय पृथ्वी, सूर्य और चाँद के बीच आकर उसकी रोशनी को रोक देती है और उसका साया सीधे चाँद पर पड़ता है। जब यह साया पूरी तरह से चाँद को ढक लेता है, तो चाँद की असली चमक फीकी पड़ जाती है और वह हल्का लाल या नारंगी रंग का दिखाई देने लगता है। इसी नज़ारे को लोग ब्लड मून के नाम से जानते हैं।
यह नजारा आसमान में सचमुच जादुई लगता है। ऐसा लगता है मानो चाँद ने अपना रंग बदल लिया हो और आसमान में आग की तरह चमक रहा हो। वैज्ञानिक रूप से देखें तो यह एक बिल्कुल सामान्य घटना है, लेकिन आम लोगों के लिए यह एक बेहद सुंदर और रहस्यमयी दृश्य बन जाता है, जिसे देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो जाता है।

2025 का आखिरी Chandra Grahan – तारीख और समय
साल 2025 का दूसरा और आख़िरी पूर्ण चंद्र ग्रहण सितंबर महीने में लगने वाला है। यह खास खगोलीय घटना 7 और 8 सितंबर की रात को होगी। इस ग्रहण की कुल अवधि लगभग 3 घंटे 28 मिनट तक रहेगी। इसमें से करीब 82 मिनट तक चाँद पूरी तरह ग्रहण की छाया में रहेगा, जिसे हम पूर्ण ग्रहण (Totality) कहते हैं।
अगर हम समय की बात करें तो ग्रहण की शुरुआत होगी रात 9 बजकर 58 मिनट पर। इसके बाद इसका सबसे खूबसूरत और अहम पल यानी चरम स्थिति (Maximum) आएगी रात 11 बजकर 42 मिनट पर। फिर धीरे-धीरे ग्रहण खत्म होते-होते यह घटना पूरी तरह से समाप्त होगी 8 सितंबर की रात 1 बजकर 26 मिनट पर।
सबसे बड़ी बात यह है कि यह पूरा नज़ारा भारत में साफ-साफ दिखाई देगा। यानी आप चाहें तो छत पर जाकर, पार्क में बैठकर या खुले आसमान के नीचे कहीं से भी इस खूबसूरत ब्लड मून को अपनी आँखों से देख सकते हैं। क्योंकि यह ग्रहण लगभग पूरी रात तक रहेगा, इसलिए लोगों के पास इसे देखने के लिए पर्याप्त समय भी होगा।
Chandra Grahan कहाँ-कहाँ दिखेगा?
यह चंद्र ग्रहण भारत के हर कोने से साफ–साफ देखा जा सकेगा। चाहे आप दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु या चेन्नई में हों, हर जगह से इसका नज़ारा बिल्कुल क्लियर दिखेगा। सिर्फ इतना ही नहीं, यह खूबसूरत खगोलीय घटना एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसे महाद्वीपों से भी दिखाई देगी।
यानि इस रात चाँद की ये अनोखी शक्ल सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में लोग अपनी आँखों से देख पाएंगे।
Chandra Grahan वैज्ञानिक दृष्टिकोण
ये घटना वैज्ञानिक नज़रिए से भी बेहद दिलचस्प है। दरअसल, जब चंद्र ग्रहण लगता है तो पृथ्वी का वातावरण (atmosphere) एक तरह से फिल्टर की तरह काम करता है। हमारी वायुमंडलीय परत लाल और नारंगी रंग की लंबी तरंगों को चाँद तक पहुँचने देती है, जबकि नीली और छोटी तरंगें बिखर जाती हैं। इसी वजह से चाँद उस समय लालिमा लिए हुए दिखाई देता है, जिसे लोग ब्लड मून भी कहते हैं।
इस दौरान आसमान का नज़ारा इतना खूबसूरत और अनोखा होता है कि उसे देखते ही मन मंत्रमुग्ध हो जाता है। अच्छी बात ये है कि चंद्र ग्रहण को देखने के लिए आपको किसी खास उपकरण की ज़रूरत नहीं होती। आप इसे अपनी नंगी आँखों से भी सुरक्षित तरीके से देख सकते हैं। हाँ, अगर आपके पास दूरबीन या टेलीस्कोप है तो अनुभव और भी शानदार हो जाएगा, क्योंकि उससे आपको चाँद की सतह और ग्रहण की डिटेल्स और क्लियर दिखेंगी।
Chandra Grahan धार्मिक महत्व
ज्योतिष और हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण से पहले लगने वाला सूतक काल बेहद अहम माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण का असर सिर्फ आसमान तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि इसका प्रभाव धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों पर भी पड़ता है।
इस बार चंद्र ग्रहण से करीब 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा। यानी 7 सितंबर की दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से सूतक लगेगा और फिर यह काल ग्रहण खत्म होने तक, यानी 8 सितंबर की रात 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस पूरे समय में पूजा-पाठ, हवन, मंत्रजाप, खाना-पीना या किसी भी तरह के धार्मिक कार्य करने की मनाही होती है।
चूंकि यह ग्रहण भाद्रपद मास की पूर्णिमा को लगने वाला है, इसलिए इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है। यही दिन पितृपक्ष की शुरुआत का भी होता है, जब लोग अपने पूर्वजों को याद करके श्राद्ध कर्म करते हैं। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस बार ग्रहण और पितृपक्ष की शुरुआत साथ होने से इसका धार्मिक महत्व दोगुना हो गया है। इसलिए सलाह दी जा रही है कि लोग श्राद्ध कर्म ग्रहण से पहले ही पूरा कर लें।
Chandra Grahan ज्योतिषीय प्रभाव और उपाय
ज्योतिषियों का मानना है कि इस बार का चंद्र ग्रहण कुंभ राशि के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में लग रहा है। इस दौरान राहु और चंद्रमा की युति बनती है, जिससे यह ग्रहण कुछ हद तक अशुभ योग का संकेत देता है।
विशेष तौर पर कुछ राशियों के लिए इसका प्रभाव ज्यादा माना गया है, जैसे वृषभ, मिथुन, सिंह, तुला और कुंभ। इन राशियों के लोग स्वास्थ्य, धन, वैवाहिक जीवन और व्यवसाय में कुछ परेशानियों या बाधाओं के लिए सतर्क रहें।
लेकिन चिंता करने की जरूरत नहीं है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि ग्रहण के बाद दान करना, पूजा करना और मंत्रों का जाप करना सकारात्मक ऊर्जा लाने का सबसे अच्छा तरीका है। इससे ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव कम हो जाते हैं और मन–शरीर में शांति बनी रहती है।
इसके अलावा, खास ध्यान रखने की सलाह गर्भवती महिलाओं को भी दी गई है। उन्हें ग्रहण के समय किसी भी तरह की जोखिम वाली गतिविधियों से बचना चाहिए और घर में सुरक्षित जगह पर रहना बेहतर माना गया है।
कैसे देखें Chandra Grahan व्यावहारिक सुझाव
चंद्र ग्रहण देखने के लिए सबसे पहले तो खुले आसमान वाली जगह चुनें। जैसे कि आपकी छत, कोई पार्क या कोई बड़ा खुला मैदान। इससे आपको पूरे चाँद और ग्रहण का नज़ारा अच्छे से दिखाई देगा।
इस दौरान कोई खास सुरक्षा चश्मा जरूरी नहीं है, क्योंकि चंद्र ग्रहण को आप नंगी आँखों से सुरक्षित तरीके से देख सकते हैं। अगर आपके पास टेलीस्कोप या बिनोकुलर है, तो उससे आप चाँद की सतह और ग्रहण की डिटेल्स और भी स्पष्ट रूप में देख पाएंगे।
अगर आप इसे यादगार बनाना चाहते हैं, तो मोबाइल या कैमरे में टाइम-लैप्स सेट करें। इससे आप ग्रहण की पूरी प्रक्रिया की तस्वीरें या वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं, जो सालों तक याद रहेंगी।
सिर्फ नज़र देखने तक ही सीमित न रहें। इस दौरान आप ध्यान, मंत्र पाठ या सिर्फ शांति से बैठकर ग्रहण का अनुभव भी ले सकते हैं। यह आपको आध्यात्मिक रूप से जुड़ने और मन को शांति देने में मदद करेगा।
क्यों है Chandra Grahan यह घटना खास?
यह साल का आखिरी और बहुत ही खास Blood Moon इवेंट है, जो अब अगले साल तक नहीं होगा। यही वजह है कि इसे देखना हर किसी के लिए एक अनोखा मौका है। भारत में यह पूर्ण चंद्र ग्रहण साफ़-साफ दिखाई देगा, जिससे इसका आकर्षण और भी बढ़ जाता है। इसे देखना किसी वैज्ञानिक चमत्कार और आध्यात्मिक अनुभव दोनों जैसा लगता है।
धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो यह ग्रहण पितृपक्ष के पहले दिन लग रहा है, इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। यह हमें याद दिलाता है कि प्रकृति के इस खगोलीय नृत्य में सिर्फ देखना ही नहीं, समझना, श्रद्धा रखना और विज्ञान की जानकारी लेना भी जरूरी है।
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