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Forever Lagend: Bollywood के He-Man Dharmendra Died at 89: एक Era का दिल तोड़ देने वाला अंत, लेकिन यादें हमेशा जिंदा रहेंगी

Forever Lagend: Bollywood के He-Man Dharmendra Died at 89: एक Era का दिल तोड़ देने वाला अंत, लेकिन यादें हमेशा जिंदा रहेंगी

बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ Dharmendra अब नहीं रहे

Dharmendra Died: कभी-कभी ज़िंदगी ऐसे मोड़ पर ले आती है जहाँ शब्द छोटे पड़ जाते हैं और खामोशी ज़्यादा बोलती है। आज वही लम्हा है। बॉलीवुड के असली ही-मैन Dharmendra अब इस दुनिया में नहीं रहे। 24 नवंबर 2025 की सुबह मुंबई के घर में उन्होंने आख़िरी सांस ली। वो 89 साल के थे। ये सिर्फ एक अभिनेता के जाने की खबर नहीं है… ये उस दौर का ख़त्म होना है जिसमें सिनेमा सीधा दिल में उतरता था।

एक साधारण सा लड़का… जो पूरी दुनिया का हीरो बन गया

Dharmendra पंजाब के एक छोटे से गाँव में जन्मे थे साहनेवाल। वहाँ से लेकर मुंबई की चमकती दुनिया तक पहुँचने की कहानी किसी फ़िल्म से कम नहीं। एक ऐसा चेहरा जो पर्दे पर आए तो लोग मुस्कुराएँ… और स्क्रीन से हटे तो खालीपन लगे। उनकी पहली फिल्म थी दिल भी तेरा हम भी तेरे लेकिन असली पहचान मिली शोले, अनुपमा, चुपके चुपके, प्रतिज्ञा, धरम वीर, सीता और गीता जैसी फिल्मों से। वो सिर्फ एक्शन हीरो नहीं थे कॉमेडी, इमोशन, रोमांस सब करते थे और वो भी बिना ओवर एक्टिंग के।

आख़िरी कुछ महीने मुश्किल रहे…

पिछले कुछ महीनों में उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। अस्पताल में भर्ती हुए, फिर घर आए और डॉक्टरों की निगरानी में थे। सोशल मीडिया पर कई बार उनकी तबियत को लेकर अफवाहें चलीं लेकिन फैमिली ने उन्हें गलत बताया। लेकिन इस बार अफवाह नहीं हक़ीक़त थी। और दिल को चुभ जाने वाली।

सोशल मीडिया और बॉलीवुड में मातम जैसा माहौल
जैसे ही निधन की खबर आई पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री, फैन्स और देश भर में शोक की लहर फैल गई। कहीं लोग उनकी पुरानी फ़िल्मों के सीन शेयर कर रहे हैं, कहीं उनकी तस्वीरों पर रोते हुए इमोजी, और कहीं लोग लिख रहे हैं: “बचपन चला गया दोस्त… Dharmendra चले गए।” करन जौहर, अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, सनी और बॉबी देओल सबकी आँखों में नमी थी। अमिताभ ने लिखा: “एक दौर खत्म हो गया… पर्दे का शेर आज खामोश हो गया।”

Dharmendra क्यों इतने ख़ास थे?
क्योंकि वो स्टार नहीं, इंसान थे। ग्राउंडेड, सरल, भावुक और सबसे बड़ी बात नकली नहीं। उन्होंने शो-ऑफ नहीं किया कभी घमंड नहीं दिखाया हर किसी से प्यार और इज्ज़त से बात की उनकी मुस्कुराहट में सच्चाई थी… उनकी आँखों में कहानी थी… और उनके डायलॉग में दम था। आज की चमक-दमक वाली दुनिया में ऐसे लोग कम हो गए हैं।

परिवार का हाल…
देओल फैमिली इस समय पूरी तरह टूट चुकी है। सनी और बॉबी यानी उनके बेटे हमेशा पापा को अपना हीरो कहते थे। हेमा मालिनी उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा बेहद शांत थीं, लेकिन चेहरे पर वो दर्द साफ दिखाई दे रहा था जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।

Dharmendra: जीवन-प्रारंभ और करियर और विरासत

Dharmendra का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के साहनेवाल (लुधियाना) में हुआ था। एक सीधा-सादा गांव, सादा-सा माहौल और बेहद मजबूत संस्कार वहीं से उनकी कहानी शुरू हुई। उनके पिता स्कूल में प्रिंसिपल थे, यानी घर में पढ़ाई-लिखाई और अनुशासन का माहौल था। लेकिन धर्मेंद्र के दिल में बचपन से ही फिल्मों का एक चमकता हुआ सपना था एक ऐसा सपना, जिसने उन्हें अपने गांव से मुंबई की चकाचौंध तक ला दिया।

मुंबई आना आसान नहीं था। नए शहर की भीड़, रहने का संघर्ष, काम की तलाश हर कदम पर मुश्किलें थीं। लेकिन धर्मेंद्र वो इंसान नहीं थे जो हार मान जाएँ। उनके अंदर वो जिद, वो जुनून और वो भरोसा था कि “एक दिन सब मुझे पहचानेंगे।” और आखिरकार वही हुआ।

धीरे-धीरे उनके लुक्स, उनकी डायलॉग डिलीवरी, और शानदार स्क्रीन प्रेज़ेंस ने दर्शकों को अपना बना लिया। उनकी खामोशी भी बोलती थी और उनका अंदाज़ हीरो जैसा नहीं, बल्कि अपने जैसा लगता था।

1959-60 में आई फिल्म “Dil Bhi Tera, Hum Bhi Tere” से उन्होंने अपनी फिल्मी शुरुआत की। और फिर क्या एक ऐसा सफर शुरू हुआ जिसने 60 सालों से भी ज़्यादा तक लोगों के दिलों पर राज किया। धर्मेंद्र सिर्फ एक्शन हीरो नहीं थे उन्होंने साबित किया कि एक ही इंसान रोमांस भी कर सकता है, इमोशन भी दिखा सकता है और कॉमेडी भी कर सकता है।

उनकी फिल्मों की लिस्ट बहुत लंबी है लेकिन कुछ नाम तो हर भारतीय के दिल में दर्ज हैं: Sholay जहाँ उन्होंने “वीरु” बनकर इतिहास लिख दिया। Chupke Chupke जिसमें उनकी कॉमेडी आज भी ताज़ा लगती है। Seeta Aur Geeta, Mera Gaon Mera Desh, Yaadon Ki Baaraat, Dharam Veer, और भी अनगिनत शानदार फिल्में।

जो बात Dharmendra को अलग बनाती है, वो ये कि वो सिर्फ बॉडी और एक्शन वाले हीरो नहीं थे उनमें इंसानियत थी, मासूमियत थी, और एक घरेलू अपनापन था। वो बड़े पर्दे पर ही नहीं, लोगों के दिलों में एक परिवार के सदस्य की तरह बसते थे।

उनका करियर करीब 300 से ज़्यादा फिल्मों के साथ एक रिकॉर्ड जैसा है। और खास बात ये कि उन्होंने सिर्फ मसाला फिल्मों में ही काम नहीं किया उन्होंने किरदार निभाए, क़िस्से कहे और अपने अभिनय से हर जॉनर को छुआ।

उनका परिवार भी बॉलीवुड में बेहद मजबूत तरीके से जुड़ा रहा है देओल परिवार आज भी उनकी ही विरासत संभाल रहा है। सनी देओल, बॉबी देओल, हेमा मालिनी, ईशा देओल सब इस वंश के हिस्से हैं। आख़िर में, धर्मेंद्र सिर्फ एक सुपरस्टार नहीं थे वो एक दौर थे। एक एहसास थे। और वो आज भी फिल्मों में, डायलॉग्स में, गानों में और सबसे बढ़कर हमारी यादों में ज़िंदा हैं।

निधन के पूर्व हालात

धर्मेंद्र की तबीयत पिछले कुछ महीनों से ठीक नहीं चल रही थी। उनकी सेहत को लेकर लगातार खबरें आती रहीं, और नवंबर 2025 की शुरुआत में हालत ज़्यादा बिगड़ गई थी। सांस लेने में दिक्कत होने पर उन्हें मुंबई के Breach Candy Hospital में भर्ती कराया गया था।

इस दौरान सोशल मीडिया पर अफवाहें फैल गईं कि उनका निधन हो चुका है लेकिन फैमिली और मीडिया ने तुरंत उन्हें गलत साबित किया। उस वक़्त लोग दुआएँ कर रहे थे कि वो जल्दी ठीक होकर घर वापस आएँ।

फिर 12 नवंबर को डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें छुट्टी दे दी गई और वो घर पर ही इलाज ले रहे थे। लेकिन शायद ज़िंदगी की कहानी यहीं पूरी हो चुकी थी। 24 नवंबर, गुरुवार की दोपहर उन्होंने अपने मुंबई वाले घर में आखिरी सांस ली। खबर फैलते ही पूरी फिल्म इंडस्ट्री, सोशल मीडिया और लोगों के दिलों में जैसे सन्नाटा छा गया।

Dharmendra का अंतिम संस्कार मुंबई के विले पार्ले स्थित Pawan Hans Crematorium में हुआ। इस मौके पर बॉलीवुड के बड़े-बड़े नाम पहुंचे Amitabh Bachchan, Salman Khan, Akshay Kumar, Aamir Khan… और कई पुराने साथी, जिन्होंने स्क्रीन पर उनके साथ हंसी, लड़ाई, गाने और यादें बांटी थीं।

निर्देशक करण जौहर ने इंस्टाग्राम पर दिल छू लेने वाली बात लिखी: “It is an end of an ERA… the embodiment of a HERO in mainstream cinema…” सिर्फ फिल्म जगत ही नहीं, राजनीति, खेल, टीवी और आम लोगों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। हर पोस्ट, हर कमेंट, हर ट्वीट में बस एक ही बात थी “धर्मेंद्र चले गए… पर उनकी मोहब्बत और यादें हमेशा ज़िंदा ।”

क्यों Dharmendra Ji ने इतनी गहरी छाप छोड़ी?

Dharmendra की तबीयत पिछले कुछ महीनों से ठीक नहीं चल रही थी। उनकी सेहत को लेकर लगातार खबरें आती रहीं, और नवंबर 2025 की शुरुआत में हालत ज़्यादा बिगड़ गई थी। सांस लेने में दिक्कत होने पर उन्हें मुंबई के Breach Candy Hospital में भर्ती कराया गया था।

इस दौरान सोशल मीडिया पर अफवाहें फैल गईं कि उनका निधन हो चुका है लेकिन फैमिली और मीडिया ने तुरंत उन्हें गलत साबित किया। उस वक़्त लोग दुआएँ कर रहे थे कि वो जल्दी ठीक होकर घर वापस आएँ।

फिर 12 नवंबर को डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें छुट्टी दे दी गई और वो घर पर ही इलाज ले रहे थे। लेकिन शायद ज़िंदगी की कहानी यहीं पूरी हो चुकी थी। 24 नवंबर, गुरुवार की दोपहर उन्होंने अपने मुंबई वाले घर में आखिरी सांस ली। खबर फैलते ही पूरी फिल्म इंडस्ट्री, सोशल मीडिया और लोगों के दिलों में जैसे सन्नाटा छा गया।

उनका अंतिम संस्कार मुंबई के विले पार्ले स्थित Pawan Hans Crematorium में होगा। इस मौके पर बॉलीवुड के बड़े-बड़े नाम पहुंचे Amitabh Bachchan, Salman Khan, Akshay Kumar, Aamir Khan… और कई पुराने साथी, जिन्होंने स्क्रीन पर उनके साथ हंसी, लड़ाई, गाने और यादें बांटी थीं।

निर्देशक करण जौहर ने इंस्टाग्राम पर दिल छू लेने वाली बात लिखी: “It is an end of an ERA… the embodiment of a HERO in mainstream cinema…” सिर्फ फिल्म जगत ही नहीं, राजनीति, खेल, टीवी और आम लोगों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।हर पोस्ट, हर कमेंट, हर ट्वीट में बस एक ही बात थी “Dharmendra चले गए… पर उनकी मोहब्बत और यादें हमेशा ज़िंदा ।”

आज के दौर में क्या खो गया है?

Dharmendra के जाने से सिर्फ एक अभिनेता नहीं गया है… ऐसा लगता है जैसे एक पूरा दौर, एक एहसास, एक ज़माना हमसे रुक्सत हो गया हो। वो सिर्फ परदे पर नज़र आने वाला चेहरा नहीं थे वो वो शख़्सियत थे जिनके साथ तीन-चार पीढ़ियाँ बड़ी हुईं, हँसीं, रोईं और उनसे मोहब्बत करती रहीं।

आज का ज़माना बदल चुका है सोशल मीडिया, ट्रेंड्स, तेज़-तर्रार कहानी कहने की कोशिशें… पर Dharmendra पुराने दौर की वो ख़ूबसूरत किताब थे जिसे जितनी बार पढ़ो, उतनी ही बार दिल में उसी मुलायमियत और अपनापन की लकीर उतरती चली जाए। उनकी मौजूदगी स्क्रीन पर सिर्फ एक्टिंग नहीं थी, बल्कि एक एहसास था जिसमें देहातीपन भी था, शराफ़त भी थी, और दिल की सच्चाई भी।

उन जैसा अभिनेता अब कम मिलता है जो रोमांस भी करे, तो आंखों में शरम और दर्द दोनों हो… और जब एक्शन करे, तो दर्शक खुद खड़े होकर तालियाँ बजा दें। जब कॉमेडी करें तो चेहरा खिल जाए, और जब डायलॉग बोलें तो सीने में कुछ हिल जाए।

24 नवंबर 2025, ये तारीख सिर्फ यूनिवर्सिटी के कैलेंडर पर नहीं रहेगी ये तारीख उन सब दिलों में दर्ज हो गई है जिन्होंने कभी “शोले”, “ड्रीम गर्ल”, “धरम वीर”, “हीरा” या “अनपढ़” देखते हुए तालियाँ बजाई थीं। आज वो दुनिया से चले गए, लेकिन उनसे जुड़ी बातें, उनकी फ़िल्में, उनके गाने, और उनका अंदाज़ अब अमर हो गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, उनके आख़िरी दिनों में उनके परिवार वाले उनके पास थे मोहब्बत, दुआओं और खामोशी के बीच उनकी आख़िरी साँसें गुज़र गईं। किसी को दर्द तो हुआ, लेकिन शायद उन्हें चैन मिल गया इतनी लंबी और खूबसूरत ज़िंदगी जीने के बाद, रब ने उन्हें आराम दे दिया।

Dharmendra ने हमें ये सिखाया कि हीरो होना सिर्फ पर्दे पर फाइट करने से नहीं होता… असली हीरो वही होता है जिसकी नीयत साफ़ हो, दिल बड़ा हो, इंसानियत ज़िंदा हो और जो अपने दौर के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों पर भी असर छोड़ जाए।

उनका जाना एक खत्म होने जैसा लगता है लेकिन सच कहें, तो उनका सफ़र अब ख़त्म नहीं हुआ, बल्कि लेजेंड से लेगेसी बन गया है। और शायद यही ज़िंदगी का असली फलसफ़ा है सितारे अलविदा होते हैं, मगर रोशनी छोड़ जाते हैं।

जहाँ तक उपलब्ध ताज़ा खबरों से पता चला है, Dharmendra को मुंबई के विले पार्ले स्थित Pawan Hans Crematorium में अंतिम विदाई दी गई। वह सोमवार, 24 नवंबर 2025 को दोपहर के वक़्त अपने मुंबई वाले घर से रवाना हुए थे और थोड़ी देर बाद क्रेमेशन स्थल पर पहुँचे।

Dharmendra के साथ उनकी क़रीबी फ़ैमिली, अर्थात् पत्नी हेमा मालिनी, बेटे-बेटियाँ, और उनके साथी-अभिनेता मौजूद थे। कई बॉलीवुड दिग्गज जैसे अमिताभ बच्चन, आमिर खान, सलमान खान ने अपनी आख़िरी सलामी अर्पित की। क्रेमेशन की रस्म बहुत पवित्र और शांत माहौल में संपन्न हुई जैसे कि इस “ही-मैन” की जिंदगी ने दर्शकों को दी थी एक शांत, भरोसेमंद और प्रेरणादायक छवि।

इस तरह Dharmendra का एक लंबे करियर के बाद आख़िरी असर-पर्व पूरा हुआ और साथ ही एक युग की विरासत को सही मायने में नम आंखों और भारी दिलों के साथ अलविदा कहा गया।

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