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IndiGo में संकट कैसे गहराया
पिछले कुछ दिनों में IndiGo की फ्लाइट्स में जो भारी देरी और कैंसिलेशन हुए, उसने पूरे मुल्क में मुसाफ़िरों को बड़ी परेशानी में डाल दिया। कई एयरपोर्ट्स पर लोग घंटों फँसे रहे, किसी की कनेक्टिंग फ्लाइट छूट गई, तो कोई अपना ज़रूरी सफ़र ही पूरा नहीं कर पाया। हालात इतने बिगड़ गए कि सोशल मीडिया पर भी लोगों की शिकायतें लगातार बढ़ने लगीं।
इसी बदइंतज़ामी को देखते हुए DGCA ने कड़ा कदम उठाया। अब उन्होंने सीधे IndiGo के गुरुग्राम वाले हेडक्वार्टर्स पर एक पूरा निरीक्षण दल (oversight team) तैनात कर दिया है। यानी हर रोज़ एयरलाइन के ऑपरेशन्स पर नज़र रहेगी कौन-सी फ्लाइट उड़ रही है, कौन-सी लेट है, किस वजह से दिक्कतें आ रही हैं—सबकी बारीकी से चेकिंग की जाएगी।
साधी ज़बान में कहें तो DGCA अब IndiGo की रोज़मर्रा की गतिविधियों पर सीधे नज़र रखेगी, ताकि ये समझा जा सके कि इतनी देरी और रद्दीकरण आखिर हो क्यों रहे हैं। चाहे वो पायलट की कमी हो, क्रू की प्लानिंग में गड़बड़ी, या फिर टेक्निकल मसले अब हर चीज़ की रिपोर्ट रोज़ाना तैयार होगी।
इस फ़ैसले को आप ऐसे समझिए कि सरकार ने इंडिगो से कहा है: “अब तुम अकेले नहीं चलोगे, हम भी साथ-साथ देखेंगे कि तुम क्या और कैसे कर रहे हो।” यानी अगले कुछ दिन IndiGo के लिए बेहद अहम होने वाले हैं।
DGCA की टीम रोज़ ऑफिस में मौजूद रहेगी, पूछताछ करेगी, डॉक्यूमेंट चेक करेगी, और यह सुनिश्चित करेगी कि कंपनी मुसाफ़िरों को फ़ालतू की तकलीफ़ न दे। ये पूरा मामला अब सिर्फ एक एयरलाइन की परेशानी नहीं रहा, बल्कि लाखों यात्रियों की सहूलियत से जुड़ गया है और इसी वजह से DGCA ने भी सख़्ती दिखानी शुरू कर दी है।
DGCA ने क्या-क्या कदम उठाए
DGCA ने अभी हाल-फिलहाल में 8 सीनियर फ़्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों की एक टीम यानी “ओवरसाइट टीम” लगा दी है। इनमें से दो बड़े अफ़सर तो सीधे-सीधे IndiGo के गुड़गाँव वाले हेडक्वार्टर में बैठकर नज़र रखेंगे। इन लोगों का रोज़ का काम यही रहेगा कि IndiGo की हर उड़ान की सही हालत देखें कौन-सी फ्लाइट लेट हो रही है, कौन-सी कैंसल हो रही है, क्रू मौजूद है या नहीं, मुसाफ़िरों को क्या दिक्कतें आ रही हैं और इसकी डेली रिपोर्ट DGCA को भेजें।
इसके अलावा DGCA ने 4 लोगों की एक अलग कमेटी भी बना दी है, जिसकी सरबरा ही (अध्यक्षता) एक जॉइंट डायरेक्टर जनरल करेंगे। इस कमेटी में भी अनुभवी और सीनियर अफ़सर शामिल हैं। इनका मक़सद है कि पूरी गड़बड़ी की जड़ तक पहुँचा जाए — आखिर देरी क्यों हो रही है, पायलट और क्रू की कमी है या रोस्टरिंग में मसला है, नियमों का पालन सही से हो रहा है या नहीं सबकुछ तफ़सील से जांचा जाएगा।
DGCA ने IndiGo के CEO और बाकी बड़े अफ़सरों को “शो-कॉज़ नोटिस” यानी वजह बताने वाला नोटिस भी भेजा है। एयरलाइन को 24 घंटे के अंदर जवाब देना था। IndiGo ने जवाब तो भेज दिया है, लेकिन DGCA का कहना है कि जवाब पूरा नहीं है इसलिए जांच जारी रहेगी, और अगर ज़रूरत पड़ी तो सख़्त से सख़्त कार्रवाई भी की जा सकती है।
DGCA की FDTL वाली पूरी कार्रवाई
DGCA का कहना है कि जो नया पायलट ड्यूटी और आराम का नियम (Flight Duty Time Limitation – FDTL) लागू हुआ था, उस पर IndiGo ने वक़्त रहते अपनी तैयारी ठीक तरह से नहीं की। मतलब, एयरलाइन को अपने पायलटों और क्रू का रोस्टर पहले से ठीक करना चाहिए था, लेकिन ऐसा वक़्त पर हो नहीं पाया। इसी गड़बड़ी और तैयारियों की कमी ने आगे चलकर उड़ानों में भारी देरी और बड़े पैमाने पर कैंसिलेशन खड़े कर दिए।
इस लापरवाही की वजह से यात्रियों को सीधी और काफ़ी परेशान करने वाली दिक्कतें झेलनी पड़ीं किसी का टिकट कैंसिल हो गया, किसी को रिफंड के पीछे भागना पड़ा,
कई लोगों का बैगेज मिस-हैंडल हुआ, ऊपर से connecting flight छूटने की तकलीफ़ तो अलग ही।
DGCA ने साफ कहा है कि इन सब परेशानियों के पीछे IndiGo की प्लानिंग की कमी, क्रू मैनेजमेंट में कमज़ोरी, और कंपनी के अंदर मॉनिटरिंग व कोऑर्डिनेशन की कमी सबसे बड़े कारण थे। यानी सीधी बात में तैयारी ढंग से होती, सिस्टम सही चलता, तो इतनी भारी परेशानियां लोगों को नहीं झेलनी पड़तीं।
DGCA–हुकूमत की सख्ती और विमानन व्यवस्था में सुधार
यह कदम साफ़-साफ़ यह इशारा करता है कि अब “जैसे-तैसे उड़ानें उड़ा दो” वाला दौर ख़त्म हो चुका है। सरकार और DGCA अब यात्रियों की सहूलियत, उनकी सुरक्षा, उनका भरोसा और समय पर उड़ानें चलाने को लेकर पूरी तरह सख़्त मूड में हैं। DGCA और Ministry of Civil Aviation (MoCA) ने साफ हिदायत दी है कि IndiGo को अपनी उड़ानों का नया और ठोस शेड्यूल 10–12 दिसंबर तक हर हाल में जमा करना होगा।
इसी के साथ, देश के 11 बड़े एयरपोर्ट्स पर ज़मीनी हालात देखने के लिए अलग से निरीक्षण के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं ताकि पता चल सके कि असली दिक्कत कहाँ हो रही है और किस वजह से यात्रियों को बार-बार परेशानी झेलनी पड़ रही है।
अगर कमेटी की रिपोर्ट में यह साबित होता है कि IndiGo की तरफ़ से लापरवाही हुई है, नियमों की अनदेखी की गई है, या फिर क्रू-मैनेजमेंट और प्लानिंग में गड़बड़ी रही है, तो एयरलाइन पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है जैसे भारी जुर्माना, ऑपरेशन पर रोक, या और भी सख़्त कदम। यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि आगे चलकर किसी भी मुसाफ़िर को इस तरह की बेआरामी, इंतज़ार और टेंशन से न गुज़रना पड़े।
कुल मिलाकर, सरकार का यह पूरा एक्शन यही बताता है कि अब यात्रियों की “बेहतर सफ़र और बेफ़िक्र उड़ान” सबसे बड़ी प्राथमिकता है और इस बार मामला हल्के में नहीं लिया जाएगा।
यात्रियों और आम जनता के लिए असर
पिछले कुछ दिनों में जो IndiGo की उड़ानों का हाल हुआ है, उसने सच में हज़ारों लोगों को खूब परेशान किया। अचानक उड़ानें रद्द, घंटों-घंटों की देरी, एयरपोर्ट पर लाइनें, बच्चे रोते हुए, बुज़ुर्ग थक कर बैठ जाते पूरा माहौल ही बेहाल हो गया था। लोग अपने हाथों में टिकट लिए-लिए इधर-उधर भटकते नज़र आए और किसी को ठीक से पता ही नहीं चल रहा था कि उनकी फ्लाइट कब जाएगी या जाएगी भी या नहीं। यही सब देखकर DGCA अब बिल्कुल सख़्त हो गई है।
DGCA (यानी देश की एविएशन रेगुलेटरी बॉडी) ने साफ कह दिया है कि अब “जैसे-तैसे उड़ान भर दो” वाला सिस्टम नहीं चलेगा। अब एयरलाइंस को नियमों को हल्के में लेने की इजाज़त नहीं दी जाएगी। DGCA ने बताया कि नई पायलट ड्यूटी और आराम के नियम (FDTL) लागू तो हो गए थे, मगर IndiGo ने अपने रोस्टर, पायलट की ड्यूटी और क्रू मैनेजमेंट को समय रहते ठीक से सेट ही नहीं किया। नतीजा अफरा-तफरी, देरी, और दर्जनों उड़ानों की रद्दीकरण की सुनामी।
यात्रियों को इसका सीधा-सीधा नुकसान हुआ किसी का बैग खो गया, किसी को होटल का इंतज़ाम नहीं मिला, किसी की connecting flight छूट गई, किसी ने बिज़नेस डील मिस कर दी, तो कोई घर में किसी ज़रूरी मौके पर नहीं पहुँच पाया। लोगों का ग़ुस्सा, मायूसी और बददुआएँ सोशल मीडिया पर साफ झलकीं। ऐसा लगा जैसे देश की सबसे बड़ी एयरलाइन का पूरा सिस्टम एकदम गड़बड़ा गया हो।
DGCA ने अब 8 सीनियर फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों की टीम तैनात कर दी है, जिनमें से दो अधिकारी सीधे IndiGo के गुड़गाँव वाले हेडक्वार्टर पर बैठेंगे। भाई, इसको आसान भाषा में यूँ समझ लो अब एयरलाइन के ऊपर रोज़-रोज़ “नज़र” रखी जाएगी।
कौन सी फ्लाइट क्यों रद्द हुई, क्रू कितने उपलब्ध हैं, कौन सा पायलट कितना थका हुआ है, यात्री परेशान तो नहीं हो रहे हर बात की रोज़ की रिपोर्ट DGCA को जाएगी। इसके अलावा 4 मेंबर्स की एक मज़बूत कमेटी भी बनाई गई है, जो पूरे मामले की तह तक जाएगी प्लानिंग कैसे की गई, कहाँ कमी रह गई, किसने लापरवाही की, कहाँ रूल तोड़े गए सबकी बारीकी से जांच होगी।
IndiGo को नोटिस देकर 24 घंटे में जवाब माँगा गया था। एयरलाइन ने जवाब तो भेजा, मगर DGCA ने साफ कहा जवाब “पूरा” नहीं है। मतलब, अभी जाँच जारी है और अगर सचमुच गड़बड़ी मिली, तो आगे कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है जुर्माना, लाइसेंस पर रोक, या उड़ानों की संख्या घटाने तक की कार्यवाही।
सरकार ने भी साफ कह दिया है कि 10–12 दिसंबर तक IndiGo को अपना नया, सुधरा हुआ शेड्यूल जमा करना ही पड़ेगा। साथ-साथ 11 बड़े एयरपोर्ट्स पर ग्राउंड इंस्पेक्शन भी होगा। यानी अब कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
इस पूरे हादसे में सबसे ज़्यादा मार तो बेचारे यात्रियों पर ही पड़ी है। कई लोग रात भर एयरपोर्ट पर फँसे रहे। खाने-पीने का ठीक इंतज़ाम नहीं, होटल का खर्चा अपनी जेब से, ऊपर से परेशानियाँ अलग। यह क़िस्म की घटना इंसान का भरोसा हिला देती है। मगर उम्मीद है कि DGCA की यह सख़्ती अब थोड़ी राहत लेकर आएगी। फ़ौरन सुधार तो नहीं होगा वक़्त लगेगा मगर शुरूआत हो चुकी है।
यह पूरा मामला सिर्फ IndiGo का नहीं है, बल्कि पूरे भारतीय एविएशन सिस्टम के लिए एक बड़ा इशारा है कि अब प्रोफ़ेशनलिज़्म, समय की पाबंदी, पायलटों की तादाद, क्रू मैनेजमेंट, और नियमों का पालन सबकुछ दुरुस्त करना पड़ेगा। सिर्फ सस्ती टिकटें या बड़ा नेटवर्क दिखा देने से काम नहीं चलेगा।
अगर एयरलाइंस ने अभी भी सीख नहीं ली, तो आगे सख़्त जुर्माना, पेनाल्टी और उड़ानों पर रोक जैसे कदम भी उठ सकते हैं। हाँ, अगर इंडस्ट्री मिलकर सही प्लानिंग करे, सच्ची नीयत से काम करे और DGCA अपनी निगरानी चलाती रहे तो आने वाले दिनों में यात्रियों की मुश्किलें कम होंगी और भरोसा भी लौटेगा।
आख़िर में इतना ही यह एक “सकारात्मक शुरुआत” है, पर इसकी पूरी कामयाबी IndiGo की ईमानदारी, पारदर्शिता और DGCA की चौकन्नी नज़र पर ही टिकी रहेगी। यात्रियों के हक़ में उठाया गया यह कदम, अगर सही तरह से लागू हुआ तो विमानन क्षेत्र में नई सफ़ाई और नई व्यवस्था का रास्ता खोल सकता है।
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