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IndiGo Flights Delay पर “Massive Passenger Outrage” — 35% समय पर, बाकी यात्रियों की रातें एयरपोर्ट पर गुज़री, IndiGo पर टेक्निकल अपडेट और क्रू शॉर्टेज की दोहरी मार

IndiGo Flights Delay पर “Massive Passenger Outrage” — 35% समय पर, बाकी यात्रियों की रातें एयरपोर्ट पर गुज़री, IndiGo पर टेक्निकल अपडेट और क्रू शॉर्टेज की दोहरी मार

IndiGo अब “टाइम-बम” बन कर क्यों उड़ रही है

भारत की सबसे बड़ी और सबसे मशहूर बजट एयरलाइन IndiGo इन दिनों मुसाफ़िरों के लिए एक बड़ी परेशानी बन गई है। पहले जिसे लोग टाइम से उड़ान भरने वाली भरोसेमंद एयरलाइन मानते थे, वही अब घंटों की देरी और रद्द हुई Flights Delay की वजह से लोगों का सब्र आज़मा रही है। रोज़ाना लगभग 2,200 से भी ज़्यादा घरेलू उड़ानें चलाने वाली इस कंपनी में अब हालात ऐसे हो गए हैं कि सिर्फ 35% उड़ानें ही समय पर उड़ पा रही हैं, यानी हर तीन में से दो फ्लाइट लेट हो रही है सोच कर ही सिर घूम जाए।

सबसे बड़ी वजह सामने आई है पायलट और एयरक्रू की भारी कमी। जैसा कि खबरें बता रही हैं, कई शहरों में क्रू की अनुपलब्धता की वजह से शेड्यूल बिगड़ता चला गया। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर तो हालात ऐसे हो गए कि तक़रीबन 200 फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं।

मंगलवार, 2 दिसंबर 2025 तक का हाल ये था कि IndiGo की कुल उड़ानों में से सिर्फ 35% ही वक्त पर उड़ीं, जबकि आम दिनों में इसकी समय पर उड़ानें 80% या उससे भी ऊपर रहती थीं। इतनी बड़ी गिरावट किसी के भी होश उड़ाने के लिए काफी है।

सोशल मीडिया और न्यूज़ रिपोर्ट्स में मुसाफ़िरों की शिकायतों की बाढ़ आ गई। लोगों का कहना था कि फ्लाइट्स 30 मिनट, 60 मिनट से लेकर 90 मिनट तक लेट हुईं और कुछ unlucky मुसाफ़िर तो 2 घंटे या उससे भी ज़्यादा इंतज़ार करने को मजबूर हो गए। एयरपोर्ट्स पर हालात इतने ख़राब हो गए कि कई जगह मुसाफ़िरों ने जबरदस्त हंगामा कर दिया।

लोगों ने ग्राउंड स्टाफ पर इल्ज़ाम लगाया कि न सही जानकारी दी जा रही है और न ही ठीक से बात की जा रही है। “Operational reasons” का बहाना बार-बार सुनकर मुसाफ़िर बौखला गए। कई यात्रियों का कहना है “पहले समय बदलते हैं, फिर लेट करवाते हैं, फिर रद्द कर देते हैं ऊपर से व्यवहार भी अच्छा नहीं। अब भरोसा कैसे किया जाए?” कुल मिलाकर, हालात ऐसे हैं कि मुसाफ़िर थक गए हैं, नाराज़ हैं, और उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि उनकी मेहनत की कमाई और कीमती वक़्त दोनों बर्बाद हो रहे हैं।

IndiGo पायलट और क्रू की कमी मुख्य वजह

अब धीरे-धीरे तस्वीर साफ़ हो रही है कि IndiGo इस वक़्त बहुत बड़े कर्मचारी संकट से जूझ रही है, खासकर पायलट और एयरक्रू की कमी से। क्रू कम है तो शेड्यूल बनाना मुश्किल, और जब शेड्यूल बिगड़े तो पूरी व्यवस्था हिल जाती है। हालत ये हो गई है कि उड़ान शुरू करनी हो या लैंडिंग के बाद टैक्सी/टर्नअराउंड का काम, हर जगह देरी ही देरी दिखाई दे रही है।

कई फ्लाइट्स तो ऐसे हालात में उड़ा ही नहीं पाईं, यानी रद्द करनी पड़ीं। कभी कैबिन-क्रू की ड्यूटी खुली नहीं, कभी पायलट का ड्यूटी-टाइम लिमिट पूरा हो गया मतलब साफ़ है “क्रू नहीं तो उड़ान नहीं”। जिसके कारण एयरपोर्ट्स पर लंबी लाइनें, परेशान यात्री और गुस्से से भरे चेहरे देखने को मिल रहे हैं।

सबसे दिलचस्प बात ये है कि ये मुसीबत उस समय सामने आई, जब पहले ही तकनीकी वजहों से एयरलाइंस दबाव में थीं। ए320 एयरक्राफ्ट में सॉफ्टवेयर अपडेट और कुछ तकनीकी व प्रशासनिक औपचारिकताएँ पहले से एयरलाइंस की कमर तोड़ रही थीं और ऊपर से क्रू-शॉर्टेज ने हालात और बिगाड़ दिए।

याद रहे ये मामला सिर्फ एक-दो शहरों की उड़ानों का नहीं है। ये आपके रूट या मेरी उड़ान वाली बात नहीं ये पूरे देश की घरेलू उड़ान व्यवस्था को हिला देने वाला मामला है।

दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु जैसे बड़े हवाई अड्डों पर सबसे ज़्यादा असर दिखा जैसे पूरी व्यवस्था लड़खड़ा गई हो। जिन मुसाफ़िरों की फ्लाइट रद्द हुई, उन्हें कभी री-शेड्यूलिंग, कभी अगली उड़ान का इंतज़ार, और कभी फुल रिफंड का वादा सुनाया गया। लेकिन ये सब हर बार सुचारू तरीके से नहीं हुआ।

कई यात्रियों ने शिकायत की कि कस्टमर-केयर समय पर जवाब नहीं दे रहा, फोन बार-बार कट रहा है, चैट सपोर्ट धीमा है, और एयरपोर्ट काउंटर पर मदद भी दिल खोलकर नहीं मिल रही। यानी तकलीफ़ भी मिली, और अंदाज़ भी रुखा।

इस पूरे हंगामे का शिकार देश के हज़ारों यात्री बने हैं। किसी का बिज़नेस मीटिंग छूटा, किसी का फैमिली फंक्शन, कोई छुट्टियाँ मनाने जा रहा था, कोई अपने बच्चे-घरवालों से मिलने लेकिन सबके अरमान एयरपोर्ट की कुर्सियों पर इंतज़ार करते-करते थक गए।कुल मिलाकर हालात ये कह रहे हैं मुसाफ़िर परेशान, एयरलाइन बेबस, और सिस्टम बिखर चुका है।

क्यों इतनी बड़ी समस्या? परिचालन जटिलता + IndiGo फ्लाइट श्रेणियाँ

अब सवाल ये है कि आखिर ऐसा हुआ क्यों? कौन-से कारण थे जिनकी वजह से IndiGo की हालत इस कदर बिगड़ गई? तो हक़ीक़त कुछ यूँ है कि इस मुसीबत के पीछे कई बड़े कारण एक साथ जुड़कर आए और IndiGo एयरलाइन इस दबाव को सँभाल नहीं पाई।

सबसे पहला कारण देश में घरेलू हवाई यात्रा का भारी दबाव।
भारत में वैसे ही हवाई सफ़र करने वालों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है, और इंडिगो अकेले करीब दो-तिहाई घरेलू यात्रियों को ढोती है। यानी एक तरह से देश की हवाई यात्रा का आधे से ज़्यादा बोझ इसी एयरलाइन के कंधों पर है। जब ट्रैफ़िक बढ़े और प्रबंधन कसा न हो — तो परेशानी होना लाज़मी है।

दूसरा बड़ा कारण एयरक्राफ्ट का सॉफ्टवेयर अपडेट।
कुछ समय पहले Airbus ने अपनी A320 सीरीज़ के लिए सुरक्षा से जुड़ी सलाह जारी की थी, जिसके बाद IndiGo समेत कई एयरलाइंस को अपने विमानों में जरूरी अपडेट कराना पड़ा। अब जब इतनी बड़ी संख्या में प्लेन्स अपडेट के लिए ग्राउंड हो जाएँ तो उड़ानों की उपलब्धता कम हो ही जाती है। यानि जहाज़ कम, सफ़र ज़्यादा → देरी और रद्द होने का खेल शुरू।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। सबसे गहरी चोट तो मानव संसाधन यानी पायलट और एयरक्रू की भारी कमी से लगी। एक तरफ मशीनों का काम ठप था, और दूसरी तरफ लोग ही कम पड़ गए तो शेड्यूल गड़बड़ाना तय था। कहीं पायलट उपलब्ध नहीं, कहीं क्रू ड्यूटी-लिमिट पार कर गया, कहीं कागज़ी जांच में देरी और ये सब जुड़कर पूरा सिस्टम अव्यवस्थित कर गया।

और याद रखना ये मामला किसी एक रूट, एक एयरपोर्ट या कुछ फ्लाइट्स तक सीमित नहीं रहा। इस बार पूरा नेटवर्क हिल गया। देश के अलग-अलग हिस्सों में उड़ानों पर असर पड़ा एक शहर में देरी होती है, तो दूसरी जगह कनेक्टिंग फ्लाइट रुक जाती है और लहर की तरह असर फैलता चला जाता है।सीधी भाषा में कहें तो टेक्निकल दिक्कतें + स्टाफ की कमी + बढ़ता सफ़र = पूरा शेड्यूल धराशायी।

IndiGo यात्रियों को अब क्या करना चाहिए

अगर आप आने वाले दिनों में IndiGo से सफर करने वाले हैं, तो ज़रा पहले से संभलकर चलना बेहतर रहेगा। हालात अभी इतने स्थिर नहीं हैं, इसलिए कुछ बातों का ख़ास ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है

सबसे पहले तो IndiGo फ्लाइट से पहले उसका स्टेटस ज़रूर चेक करें। सिर्फ टिकट देखकर न निकलें IndiGo एयरलाइन की वेबसाइट, ऐप या कस्टमर केयर से पता कर लें कि फ्लाइट समय पर है या नहीं। कई बार आख़िरी पल में समय बदल जाता है और मुसाफ़िर बेवजह परेशान हो जाते हैं।

दूसरी बात अगर बहुत ज़्यादा देरी दिख रही हो, तो दूसरी (alternate) फ्लाइट लेने की कोशिश करें। कई लोग इंतज़ार करते-करते थक जाते हैं, जबकि री-बुकिंग कराने का ऑप्शन रहा होता है। इसलिए पूछने में कोई हर्ज़ नहीं “अगली फ्लाइट मिल सकती है क्या?”

तीसरी बात एयरपोर्ट थोड़ा जल्दी पहुँचें। कितनी भी जल्दी हो, चलिए 1–2 घंटे पहले पहुँचकर बैठ जाएँ कम से कम काउंटर पर भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ेगी और अगर शेड्यूल बदल गया तो संभलने को वक्त मिल जाएगा।

चौथी बात अपने प्लान में थोड़ी लचक रखें। आजकल की स्थिति में “फ्लाइट बिल्कुल टाइम पर ही उड़ेगी” ये उम्मीद रखना मुश्किल है। इसलिए मीटिंग, शादी, फ़ंक्शन या कनेक्टिंग ट्रेवल सबको थोड़ा ढील देकर प्लान करें, वरना दिल जल सकता है और जेब भी।

पाँचवी बात एयरलाइन की जानकारी पर भरोसा भी करें, लेकिन खुद भी चौकन्ने रहें। मैसेज, ईमेल, ऐप नोटिफिकेशन सब पर नज़र रखें। कई बार अपडेट तो भेजा जाता है लेकिन यात्री देख नहीं पाते और फिर बेवजह गुस्सा होता है।

अब बड़ा सवाल क्या IndiGo हालात संभाल पाएगी? सच कहा जाए तो ये संकट दो-चार दिन वाले मौसम जैसा नहीं लग रहा। अगर पायलट और एयरक्रू की कमी ऐसे ही चलती रही, और उसी दौरान टेक्निकल अपडेट, सॉफ्टवेयर वर्क और फ्लाइट लोड मैनेजमेंट अटका रहा तो आगे भी यात्रियों को दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं।

हाँ, एक अच्छी बात ये है कि एयरलाइन पर अब मीडिया और जनता का दबाव बढ़ गया है। ऐसा माना जा रहा है कि IndiGo या तो तेज़ी से नए क्रू की भर्ती शुरू करेगी,
या शेड्यूल को कम करके उड़ानों को स्थिर करने की कोशिश करेगी,ताकि दोबारा भरोसा बनाया जा सके।

कुल मिलाकर यात्रियों को फिलहाल सावधान रहना होगा, और IndiGo एयरलाइन को बहुत मेहनत करके हालात सुधारने होंगे। वरना सफ़र का मज़ा “आज उड़ेंगे या नहीं?” वाली टेंशन में बदलता रहेगा।

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