बचपन से था जुनून: विराट कोहली ने महज़ 9 साल की उम्र में क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू किया और तभी तय कर लिया था कि उन्हें भारत के लिए खेलना है। उनके पिता ने हमेशा उनके जुनून को समझा और समर्थन किया।
कभी नहीं छोड़ा मैदान: 2006 में जब उनके पिता का निधन हुआ, उस समय कोहली दिल्ली की ओर से रणजी ट्रॉफी खेल रहे थे। अगले ही दिन उन्होंने पिच पर उतरकर 90 रन की जुझारू पारी खेली — क्रिकेट के प्रति उनका समर्पण बेमिसाल है।
फिटनेस आइकन: विराट ने भारतीय क्रिकेट में फिटनेस का स्तर एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया। उन्होंने जंक फूड छोड़कर कड़ी डाइट, जिम और कार्डियो को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बना लिया, जिससे वे दुनिया के सबसे फिट खिलाड़ियों में गिने जाते हैं।
सबसे तेज़ शतक (ODI में भारत के लिए): कोहली ने ODI में सिर्फ 52 गेंदों में शतक बनाकर भारत की ओर से सबसे तेज़ सेंचुरी बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है।
आईपीएल के बादशाह: 2016 में कोहली ने एक सीज़न में सबसे ज़्यादा 973 रन बनाए, जो आज तक एक अनोखा रिकॉर्ड है।
भावनात्मक लेकिन नियंत्रित कप्तान: कोहली मैदान पर बेहद जोशीले हैं, लेकिन उन्होंने अपनी आक्रामकता को अनुशासन और रणनीति के साथ मिलाकर नेतृत्व का नया उदाहरण पेश किया है।
रन मशीन: टेस्ट, वनडे और टी20 — तीनों फॉर्मेट में 70+ शतक लगाने वाले कुछ गिने-चुने खिलाड़ियों में कोहली शामिल हैं।
कभी हार न मानने वाला एटीट्यूड: चाहे टीम कितनी भी खराब स्थिति में हो, कोहली की बल्लेबाज़ी में हमेशा जीत की उम्मीद दिखती है। वे अंतिम गेंद तक लड़ने वाले खिलाड़ी हैं।
सच्चे इंसान, सादा जीवन: इतनी प्रसिद्धि और उपलब्धियों के बावजूद कोहली ज़मीन से जुड़े रहते हैं। वे अपने परिवार, साथी खिलाड़ियों और फैंस के प्रति हमेशा विनम्र रहते हैं।
ब्रांड कोहली: क्रिकेट से इतर विराट कोहली एक सफल उद्यमी भी हैं। उनके ब्रांड "One8" और फिटनेस चेन "Chisel" उन्हें एक स्पोर्ट्स आइकन से बिजनेस आइकन भी बनाते हैं।