Republic day: भारतीयों के लिए 26 जनवरी की तिथि एक महत्वपूर्ण दिन है इस दिन को हम भारतवासी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। भारतीय इतिहास संघर्षों और कठिनाइयों से भरा हुआ है जिसे हमारे देश के वीर जवानों ने बलिदान देकर सींचा है।
Table of Contents
भारत का संघर्ष आजादी के लिए
भारत कई वर्षों तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहा। इस समय के दौरान भारतीयों पर अत्याचार और जुल्म किए गए उनके हक छीन गए कई वीर जवानों ने अपनी जान की आहुति दे डाली। कई वर्षों की तपस्या और कड़े संघर्ष के बाद भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 के दिन आधिकारिक रूप से अंग्रेजी शासन से आजाद हुआ था। और इसकी बाग डोर भारतीय नायकों के हाथ में दी गई थी।
संविधान का निर्माण
आजाद भारत को गणतंत्र बनाने के लिए भारत के आदर्श लक्ष्य और सिद्धांतों को शामिल किया गया। और भारतीय संविधान का निर्माण किया गया। आइए अब इसके बारे में विस्तृत से जानते हैं,गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को हम राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं इस दिन सन 1950 में हमारा संविधान लागू किया।
जब हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ तो हमारे देश के महान नेताओं ने देश में नियम एवं कानूनी व्यवस्थाओं की जरूरत महसूस की और देश को चलाने के लिए एक संविधान बनाने का निश्चय किया।
संविधान समितियां
पहली बार संविधान सभा का विचार का प्रस्ताव सन 1934 में एम. एन. रॉय ने रखा। संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा बनाई गई। जिसमें कई समितियां थी और आठ प्रमुख समितियां थी।
मसौदा समिति- बी आर अंबेडकर
संघ शक्ति समिति – जवाहरलाल नेहरू
केंद्रीय संविधान समिति – जवाहरलाल नेहरू
प्रांतीय संविधान समिति- वल्लभभाई पटेल
मौलिक अधिकारों, अल्पसंख्यकों और जनजातीय तथा
बहिष्कृत क्षेत्र पर सलाहकार समिति- वल्लभभाई पटेल
प्रक्रिया समिति नियम- राजेंद्र प्रसाद
राज्य समिति- जवाहरलाल नेहरू
संचालन समिति- राजेंद्र प्रसाद
भारतीय संविधान बनाने के लिए एक संविधान सभा का चयन किया गया था और सभा को यह दायित्व सोंपा गया था। इन महान हस्तियों ने दुनिया भर के संपूर्ण संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लगे।
भारतीय संविधान कब लागू हुआ
26 नवंबर 1949 को इस संविधान को स्वीकृति प्राप्त हुई। भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया और इस दिन को तब से गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
Republic day कैसे मनाया जाता है ?

भारतीय इतिहास के महत्व को जानते हुए गणतंत्र दिवस को एक भव्य रूप से महान पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व की शुरुआत दिल्ली के राजपथ पर औपचारिक मार्च के साथ प्रारंभ किया जाता है। राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। भारतीय सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है और भारत के प्रत्येक राज्य की झांकियां दिखाई जाती हैं जो भारत की विविधता में एकता का प्रदर्शन करती है।
राष्ट्रगान के साथ यह दृश्य रोंगटे खड़े करने वाला होता है जिसे देखकर हम सभी यह भारतीयों के दिल में अपने देश के लिए प्रेम और सद्भावना और भी बढ़ जाती है।
26 जनवरी 2025 को हम अपने देश में 76वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। और हम इस दिन अपने देश के वीर जवानों द्वारा दिए गए बलिदानों को याद करेंगे और अपने देश को प्रगति और उन्नति की ओर बढ़ावा देंगे यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने देश की प्रगति में अपना योगदान दें।
भारतीय संविधान ने ही लोकतंत्र की स्थापना की है और हम सभी भारतीय नागरिकों को अपना नेता स्वयं सुनने का अधिकार प्रदान किया है। 26 जनवरी के दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया। यह दिन हम भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है और हम सभी भारतवासी इस दिन को खूब प्रेम और सद्भावना के साथ बनाते हैं। विद्यालयों में इस दिन प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है,झंडा फहराया जाता है।
कई देश भक्ति के प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है और बच्चों में मिठाइयों का वितरण किया जाता है। इस दिन देश में खुशी की लहर दौड़ जाती है और सभी इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं।
ये भी पढ़ें: Manmohan Singh का अब तक का सफर
ये भी पढ़ें: Dr Babasaheb Ambedkar का जीवन | History of Dr Babasaheb Ambedkar