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History of Constitution | Samvidhan का इतिहास

samvidhan diwas 2024

Samvidhan Diwas 2024: गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को हम राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं इस दिन सन 1950 में हमारा संविधान लागू किया गया था। किंतु इससे पहले 26 नवंबर 1949 को आजादी के बाद हमारे देश में संविधान को अपनाया था और इसी खुशी में हम सभी देशवासी 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं।

भारत एक लोकतांत्रिक देश है और संविधान भारतीय नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्य का मूल्यांकन करता है।
संविधान अधिकारों, कर्तव्यों और नियमों का दस्तावेज है जिसका पालन हर लोकतांत्रिक देश के नागरिक को पूरी जिम्मेदारी के साथ करना पड़ता है। भारत एक संप्रभु समाजवादी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य है यह भारतीय नागरिकों को स्वतंत्रता समानता और न्याय दिलाने के लिए सुनिश्चित करता है।

Samvidhan का प्रस्ताव

जब हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ तो हमारे देश के महान नेताओं ने देश में नियम एवं कानूनी व्यवस्थाओं की जरूरत महसूस की और देश को चलाने के लिए एक संविधान बनाने का निश्चय किया। पहली बार संविधान सभा का विचार का प्रस्ताव सन 1934 में एम. एन. रॉय ने रखा।
संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा बनाई गई। जिसमें कई समितियां थी और आठ प्रमुख समितियां थी।

मसौदा समिति- बी आर अंबेडकर

संघ शक्ति समिति – जवाहरलाल नेहरू

केंद्रीय संविधान समिति – जवाहरलाल नेहरू

प्रांतीय संविधान समिति- वल्लभभाई पटेल

मौलिक अधिकारों, अल्पसंख्यकों और जनजातीय तथा
बहिष्कृत क्षेत्र पर सलाहकार समिति- वल्लभभाई पटेल

प्रक्रिया समिति नियम- राजेंद्र प्रसाद

राज्य समिति- जवाहरलाल नेहरू

संचालन समिति- राजेंद्र प्रसाद

हमारे देश का संविधान कई देशों के संविधान के अध्ययन के तत्पश्चात बनाया गया है हर देश के नियमों और अधिकारों का अध्ययन करने के बाद उचित नियम और अधिकारों का चयन करके हमारे भारतीय संविधान का निर्माण हुआ है।

Samvidhan के जनक बाबा भीमराव अंबेडकर

भारतीय संविधान का जनक बाबा भीमराव अंबेडकर को माना जाता है। संविधान बनाने के लिए एक महासभा की नियुक्ति की गई जिसमें 389 सदस्य चुने गए इस सभा के अध्यक्ष डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी थे एवं मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर जी थे।

भारतीय Samvidhan विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।

Samvidhan का उद्देश्य इसकी प्रस्तावना से प्रकट होता है। भारतीय संविधान की प्रस्तावना अमेरिकी संविधान से ली गई है। प्रस्तावना में यह साफ-साफ प्रकट होता है कि संविधान को शक्ति भारतीय नागरिक से प्राप्त होती है इसी कारण यह “हम भारत के लोग” वाक्य से शुरू होती है।

जिसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 25 भाग सम्मिलित है। भारतीय संविधान संघात्मक और एकात्मक दोनों तरह कहे एवं इसमें मौलिक अधिकारों के साथ ही मौलिक कर्तव्य भी सम्मिलित है। भारत का संविधान मूल रूप से हिंदी और अंग्रेजी भाषा में लिखित है। प्रेम बिहारी नारायण राय ज्यादा ने भारतीय संविधान को सुलेख फॉन्ट में लिखा। नंदलाल बोस ने शांतिनिकेतन के कलाकारों द्वारा संविधान के पृष्ठों को सुशोभित किया।

महान भारत देश के महान संविधान को बनने में कुल 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। जो 26 जनवरी 1949 को बनकर तैयार हुआ एवं 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया।
जबकि संविधान को 26 जनवरी 1950 के दिन आधिकारिक तौर पर लागू किया गया और तब से इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

साल 2015 में डॉ भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती थी। इस अवसर पर बाबा साहब को श्रद्धांजलि देने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने फैसला लिया कि 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

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